जीएनएम परीक्षा : जैन कॉलेज में मिली नकल की सूचना, मौके पर पहुंची प्रशासन की टीम
ग्वालियर। मप्र नर्सेस रजिस्ट्रेशन काउंसिल जीएनएम प्रथम और द्वितीय वर्ष परीक्षाएं गुरूवार से शुरू हो गई हैं। परीक्षा के पहले दिन ही परीक्षार्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। वहीं जैन कॉलेज में नकल की खबर पर प्रशासन ने दस्तक दी, लेकिन मौके पर टीम को कोई भी परीक्षार्थी नकल करते हुए नहीं मिला। वहीं इस बार परीक्षाओं में मेल नर्सिंग स्टाफ की ड्यूटी पर भी सवाल खड़े हुए हैं।
जीएनएम प्रथम वर्ष की परीक्षा सुबह 9 बजे से शुरू हुई। जो दोपहर 12 बजे तक चली। ठीक इसी प्रकार द्वितीय वर्ष की परीक्षा दोपहर 2 से शाम 5 बजे तक की पाली में आयोजित हुई। परीक्षा के पहले दिन ही परीक्षार्थियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। कई परीक्षा केन्द्रों की स्थिति तो यह थी कि परीक्षार्थियों को पीने तक के लिए पानी नसीब नहीं हुआ। वहीं कई केन्द्रों पर धूप में लाइन लगाकर परीक्षा केन्द्र के अंदर प्रवेश मिला। जानकारी के अनुसार कुछ अव्यवस्थाओं के चलते कई परीक्षा केन्द्रों पर परीक्षा एक घंटे देरी से शुरू हुई।
वहीं इस बार परीक्षा केन्द्रों पर मेल नर्सिंग स्टॉफ की तैनाती कर दिए जाने सांठगांठ से ठेके पर नकल होने की शिकायतें मिली हैं।सूत्रों के अनुसार नर्सिंग कॉलेज संचालकों ने अपने छात्र-छात्राओं को नकल से पास कराने के लिए सेटिंग बिठाई है। यही बजह है कि सेंटरों पर उनकी पसंद के ही मेल नर्सिंग स्टॉफ को पर्यवेक्षक बनाया गया है। इससे पहले सिर्फ फीमेल नर्सिंग स्टाफ की पर्यवेक्षक बनाई जाती थीं। यहां बता दें कि प्रदेशभर में मप्र नर्सेस रजिस्ट्रेशन काउंसिल जीएनएम प्रथम और द्वितीय वर्ष परीक्षा में करीब 46 हजार परीक्षार्थियों ने भाग लिया। यह परीक्षाएं 25 मई तक आयोजित होंगी।
जैन कॉलेज में नकल की सूचना पर पहुंची टीम
पिपरोली, शिवलिंक रोड़ स्थित जैन कॉलेज में प्रशासन को नकल होने की सूचना मिली। इस पर कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने अपर तहसीलदार झांसी रोड शिवदत्त कटारे को कॉलेज भेजा। जहां उन्होने कॉलेज का भ्रमण कर व्यवस्थाएं देखीं। लेकिन, कोई भी छात्र नकल की पर्ची के साथ या नकल करता हुआ नहीं मिला। वहीं जेएएच के नर्सिंग कॉलेज में भी परीक्षा हुईं। यहां भी छात्र नकल लेकर पहुंचे, लेकिन, मुख्य गेट पर ही तलाशी होने के कारण उन्हें पर्ची गेट पर ही फेंकना पड़ी।
इनका कहना है
परीक्षा के दौरान परीक्षार्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ा है। कई परीक्षा केन्द्रो पर पीने के लिए पानी की व्यवस्था थी और न ही छांव में बैठने की। इसीलिए मेरा प्रशासन और परीक्षा आयोजित कराने वाले प्रबंधन से आग्रह है कि छात्र हित को ध्यान में रखकर आगे से इन दोनों की व्यवस्था परीक्षार्थियों के लिए की जाए।
भूपेन्द्र गुर्जर, प्रदेश महासचिव, नर्सिंग छात्र संगठन
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