भोपाल, मध्यप्रदेश। आज देश भर में करवाचौथ का त्योहार मनाया जा रहा है, करवाचौथ पर सुहागिन महिलाएं अपनी पति की दीर्घायु की कामना करती हैं। बता दें कि, करवाचौथ के इस व्रत को करक चतुर्थी, दशरथ चतुर्थी, संकष्टि चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन करवा माता के साथ मां पार्वती, भगवान शिव और गणेश जी की पूजा करने का भी विधान है, इस अवसर पर मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज ने सभी माताओं-बहनों को बधाई दी है।
सीएम ने करवा चौथ की दी सभी माताओं-बहनों को बधाई
मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर कहा- आस्था, विश्वास और अखंड सौभाग्य के पर्व करवाचौथ की सभी माताओं-बहनों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं, ईश्वर आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करे।
यह व्रत सौभाग्य, सुख और समृद्धि का प्रतीक है :
करवा चौथ का व्रत सौभाग्य, सुख और समृद्धि का प्रतीक है। कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी यानि करवा चौथ को सभी विवाहित महिलाएं अपने पति की दीर्घायु, दांपत्य जीवन में प्रेम तथा भाग्योदय के लिए निर्जला व्रत करती हैं। रविवार कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी यानी करवाचौथ को विशिष्ट संयोग बन रहे हैं, सबसे बड़े सुहाग पर्व पर रोहिणी नक्षत्र होगा। इसी संयोग में सुहागिन पति की दीर्घायु और अखंड सौभाग्य के लिए चंद्रमा को अर्घ्य देंगीं। करवाचौथ को करक चतुर्थी और दशरथ चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है।
बताते चलें कि, करवा चौथ का पावन पर्व पूरे देश में सुहागनों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है, यह ऐसा पर्व है जिसका सफर चांद छिपने से लेकर चांद दिखने तक होता है, यानी कि चांद छिपने के बाद (भोर में) महिलाओं का निर्जला व्रत शुरू होता है, जो शाम को चांद के दीदार के बाद ही पूरा होता है करवा चौथ का चांद हर सुहागिन स्त्री के लिए बेहद खास होता है, इस दिन निर्जला व्रत रहने के बाद सुहागिनें शाम को चंद्रमा को देखने के बाद व्रत तोड़ती हैं।
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।