चार लाख शिक्षकों के साथ छलावा, सिर्फ गर्मियों की छुट्टियों में काम करने वालों को मिलेगा अर्जित अवकाश
हाईलाइट्स:
नई व्यवस्था में छुट्टी के लिए आनलाइन होगा आवेदन।
स्कूल शिक्षा विभाग ने जारी किए आदेश।
शिक्षक संगठनों ने जताई नाराजगी ।
New Process To Convert Summer Vacation Into Earned Leave : भोपाल मध्यप्रदेश । आचार संहिता लगने के पहले स्कूल शिक्षा विभाग ने छुट्टियों को लेकर चार लाख शिक्षकों के साथ छलावा कर दिया है। अब सिर्फ गर्मियों की छुट्टियों में काम करने वाले शिक्षकों को अर्जित अवकाश मिलेगा। नई व्यवस्था में छुट्टी के लिए आनलाइन आवेदन करना होगा। शुक्रवार को शिक्षकों की छुट्टियों को लेकर स्कूल शिक्षा विभाग ने नवीन आदेश जारी किए है। जारी आदेश को लेकर शिक्षक संगठनों ने भारी नाराजगी है।
प्रदेश में शिक्षकों को पूर्व में दो माह यानि 60 दिन का ग्रीष्मकालीन अवकाश मिलता था। बाद में इसे धीरे-धीरे कम करके चालीस दिन का कर दिया गया। वर्तमान में शिक्षकों को 40 दिन का ग्रीष्मकालीन अवकाश दिया जाता है। लेकिन एमपी में ग्रीष्मकालीन अवकाश में भी शिक्षकों से काम करवाया जाता है। इस दौरान विद्यार्थियों के प्रवेश की रूप-रेखा, मध्यान्ह भोजन, प्रशिक्षण जैसे कई कार्यक्रम चलते है। इस कारण शिक्षकों को बमुश्किल पांच-सात दिन का ही ग्रीष्मकालीन अवकाश का लाभ मिल पाता है।
शिक्षकों को ग्रीष्मकालीन अवकाश में मिलने वाली पूरी छुट्टियां कार्य करते हुए निकल जाती है। ग्रीष्मकालीन अवकाश के अलावा शिक्षकों को सालभर में कुल 26 छुट्टियां मिलती है। ग्रीष्मकालीन अवकाश में काम करवाने का शिक्षक कई सालों से विरोध कर रहे थे। इसे लेकर बीती 26 सितंबर को संचालक लोक शिक्षण केके द्विवेदी व शिक्षक संगठनों के बीच बैठक हुई। जिसमें सहमति बनी कि सभी शिक्षकों को ग्रीष्मकालीन अवकाश के बदले अर्जित अवकाश दिया जाएगा। साथ ही सेवानिवृत्ति पर छुट्टियों का नगदीकरण भी करवा सकते है।
शिक्षक संगठनों के साथ बनी सहमति के बाद आचार संहिता लगने के पहले स्कूल शिक्षा विभाग की तरफ से गर्मियों की छुट्टियों को लेकर आदेश जारी किए गए। यह बैठक में बनी सहमति के विपरीत है। शुक्रवार को जारी आदेश में कहा गया है कि गर्मियों की छुट्टियों में काम पर बुलाने पर संबंधित जिले के कलेक्टर एक वर्ष में अधिकतम पंद्रह दिन व विभागाध्यक्ष एक वर्ष में अधिकतम 30 दिन अवकाश स्वीकृत करेंगे।
जारी आदेश में कहा गया है कि 1 जनवरी 2008 से यह व्यवस्था लागू है। इस व्यवस्था में अब ऐसे प्रकरण जिनमें शैक्षणिक संवर्ग के शिक्षकों को संकुल प्राचार्य अथवा अन्य अधिकारी की अनुसंशा के क्रम में विश्रामावकाश में शासकीय कार्य में संलग्न किया गया है तथापि अर्जित अवकाश का अनुमोदन सक्षम स्तर से नहीं कराया गया है अथवा अनुमोदन की प्रक्रिया प्रचलन में हैं, निराकरण के संबंध में राज्य शासन एतद द्वारा नए नियम होंगे।
यह होगी अवकाश नई प्रक्रिया:
विभाग के जारी आदेश में कहा गया है कि ग्रीष्मकालीन अवकाश के सभी प्रकरणों के समयसीमा में निराकरण के लिए एजुकेशन पोर्टल पर आवश्यक मॉड्यूल तैयार किया जाएगा। समस्त संकुल प्राचार्य मॉड्यूल अनुसार शिक्षकों की जानकारी एवं वांछित अभिलेखों की प्रति पोर्टल पर अपलोड करेंगे। समस्त जिला शिक्षा अधिकारी जानकारी का सत्यापन कर प्रकरण को लॉक करेंगे। उपरोक्त प्रकरणों पर संचालनालय, लोक शिक्षण के स्तर पर परीक्षण उपरांत आवश्यक स्वीकृति आदेश ऑनलाईन जारी किया जाएगा।
स्वीकृति आदेश संबंधित शिक्षकों एवं अधिकारियों को क्रमश: एम. शिक्षा मित्र एवं एजुकेशन पोर्टल पर उपलब्ध होगा। पोर्टल पर समस्त प्रकरणों की जानकारी 31 दिसंबर 2023 तक अपलोड की जाना होगी। जानकारी अपलोड करने की जबाबदारी संबंधित संकुल प्राचार्य एवं जिला शिक्षा अधिकारी की होगी। नियत समयसीमा में जानकारी अपलोड न करने की स्थिति में संबंधित प्राचार्य एवं जिला शिक्षा अधिकारी की जबावदेही नियत की जा सकेगी। संचालनालय, लोक शिक्षण द्वारा जारी स्वीकृति के आधार पर संबंधित शिक्षक को अर्जित अवकाश की पात्रता होगी। उक्त आदेश की प्रविष्टि संबंधित के सेवा अभिलेख में संकुल प्राचार्य के स्तर से की जाएगी। भविष्य में ऐसे प्रकरणों का निराकरण उपरोक्त प्रक्रिया से ऑनलाईन किया जाएगा।
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