इन बातों की बदौलत इंदौर को मिला है स्वच्छता का तमगा
राज एक्सप्रेस। हाल ही में देश के सभी शहरों में स्वच्छता सर्वेक्षण (Swachh Survekshan) किया गया था। जिसमें एक बार फिर से इंदौर (Indore) ने सबको पछाड़ते हुए नंबर एक का ख़िताब हासिल किया है। इंदौर को यह ख़िताब लगातार छठीं बार मिल रहा है। शहर को स्वच्छ बनाने में इंदौर नगर निगम के साथ ही इंदौर शहर के रहवासी भी भरपूर साथ दे रहे हैं। सबकी इसी मेहनत का नतीजा है कि इंदौर हर साल इस ख़िताब को हासिल कर रहा है। ऐसे में आज हम आपको इंदौर से जुड़ी कुछ ऐसी बातें बताने वाले हैं, जिनके चलते इंदौर नंबर वन बना हुआ है।
लगभग 1500 कचरा गाड़ियां:
आज इंदौर शहर में लगभग 1500 कचरा गाड़ियां चल रही हैं, जो सीधा लोगों के घरों से कचरा इकट्ठा करती हैं। इस कारण कचरा कहीं भी खुले तक नहीं पहुंच पाता।
बनाए कचरा इकट्ठा करने के लिए अलग-अलग कम्पाटमेंट :
घरों से कचरा इकट्ठा करने के लिए अलग-अलग कम्पाटमेंट बनाए गए हैं। इनमें गीला कचरा, सूखा कचरा, सेनेटरी वेस्ट, इलेक्ट्रिक कचरा, घरेलू हानिकारक कचरा सभी अलग-अलग फेंका जा रहा है।
बनाए नदी और नालों के किनारे पर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट :
शहर में पहले से ही नदी और नालों के किनारे पर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाए गए हैं। यहां से साफ़ हुए पानी के लिए टंकियां बनाई गई हैं। यह पानी सीधे गार्डन्स तक जाता है।
कचरे से कमाई :
इसके अलावा इंदौर नगर निगम हर तरह के कचरे से कमाई भी करता है। जैसे सूखे कचरे के पृथकीकरण प्लांट से करीब 1.53 करोड़ रुपए तो वहीं गीले कचरे से बायो सीएनजी के प्लांट से करीब 2.53 करोड़ रुपए सालाना कमाई होती है। यहीं गाद से भी खाद बनाने का काम भी किया जाता है।
रिसायकल, रियूज और रिड्यूज मॉडल :
निगम के द्वारा रिसायकल, रियूज और रिड्यूज मॉडल को अमल में लाया गया है। इसके अंतर्गत बेकार की चीजों से कलाकृतियां बनाई गई हैं और गार्डन्स का निर्माण किया है।
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