बांधवगढ़ में आग : बाघ सहित कई वन्य प्राणियों की मृत्यु

उमरिया, मध्यप्रदेश : बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व बाघो की कब्रगाह बनता नजर आ रहा है। वर्तमान क्षेत्र संचालक विंसेंट रहीम के कार्यकाल की 13 वीं बाघ के मौत हुई है।
बांधवगढ़ में आग : बाघ सहित कई वन्य प्राणियों की मृत्यु
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उमरिया, मध्यप्रदेश। बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व बाघों की कब्रगाह बनता नजर आ रहा है, लगातार हो रही बाघ की मृत्यु से बांधवगढ़ ऐतिहासिक मौत का आंकड़ा छू रहा है, वर्तमान क्षेत्र संचालक विंसेंट रहीम के कार्यकाल की 13 वीं बाघ के मौत हुई है। जिस बाघ की मौत हुई है, उसे बताया जा रहा है कि वह 72 घंटा पुराना है। जिसका शव क्षत-विक्षत आगे से झुलसी हालत में नाले के पास मिला, जिससे प्रबंधन के अधिकारी व एनटीसीए ने चुप्पी साध रखी है।

बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व देश के मध्य भारत में सर्वाधिक बाघों की संख्या का आंकड़ा रखता था, जिसके दम पर प्रदेश को टाईगर स्टेट का दर्जा मिला, किंतु टाईगर रिजर्व में शायद प्रबंधन का यह कैसा कदम है और तालमेल कहीं अग्नि का घटना, कही हाथियों द्वारा स्थानीय जनों की मौत का तांडव, तेंदुआ के मौत का तांडव और बाघों की मृत्यु का तांडव पर प्रबंधन का कदम वन्य प्राणियों के प्रति निष्क्रियता साबित कर रहा है, बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व की स्थापना की घोषणा के बाद बाघों की मौत के साथ-साथ अन्य वन्य प्राणियों के मौत का आंकड़ा वर्तमान क्षेत्र संचालक के कार्यकाल में एतिहासिक रिकॉर्ड बना रही हैं।

अधिकारियों को दी गई सूचना :

12 अप्रैल को सुबह 8.30 बजे गोबरा ताल पेट्रोलिंग कैंप के गश्ती श्रमिक को जनाड़ नदी में गोबराताल बीट के कक्ष क्रमांक 336 में बडखेरा बीट की सीमा पर, जामुन की झाडिय़ों के पास एक नर बाघ का शव दिखाई दिया। जिसकी सूचना सुरक्षाकर्मियों द्वारा वन परिक्षेत्र अधिकारी मानपुर को दी गई, जिसकी सूचना पाते ही बीट गार्ड और परिक्षेत्र अधिकारी मानपुर मौके पर पहुंचे और सूचना सभी अधिकारियों को दी और क्षेत्र को सील किया गया। डॉग स्क्वाड को बुलाकर आस-पास के क्षेत्र का परीक्षण कराया गया। मेटल डिटेक्टर से भी शव का परीक्षण कराया गया। क्षेत्र संचालक विंसेंट रहीम, प्रभारी उप संचालक स्वरूप दीक्षित, एसडीओ मानपुर अभिषेक तिवारी और एनटीसीए के प्रतिनिधियों सत्येंद्र तिवारी और सी.एम.खरे की उपस्थिति में वन्य जीव सहायक शल्यज्ञ डॉक्टर नितिन गुप्ता एवं मानपुर की पशु चिकित्सक द्वारा शव का परीक्षण कराया गया।

छुपाया जा रहा मौत का कारण :

बाघ का शव 2 दिन से अधिक पुराना होने के कारण ज्यादा गल गया, सैंपल जांच हेतु एकत्रित किए गए। शव के शरीर पर कोई घाव या आपसी लड़ाई के चिन्ह नहीं मिले। प्रथम दृष्टया मृत्यु का कोई स्पष्ट कारण ज्ञात नहीं हुआ। नर बाघ की आयु लगभग 10 वर्ष होने का अनुमान लगाया गया। शव को समस्त अवयवों सहित जलाकर पूर्णत: नष्ट किया गया। बाघ की मृत्यु का कारण पूछा गया तो अज्ञात और संदिग्ध बताया गया, सूत्रों की मानें तो बाघ की मौत के कारणों छुपाया जा रहा है, यदि वरिष्ठ अधिकारियों की टीम से और मौके पर बांधवगढ़ में कार्यरत संस्था के सदस्यों की उपस्थिति में घटना को मौके से दिखाया गया, किंतु बांधवगढ़ के क्षेत्र संचालक के आगे सारे नियम कानून शिथिल हैं।

आग ने ली जान :

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में विगत कुछ दिन पूर्व लगे भीषण आग में कई हेक्टेयर जंगल जंगल जलकर खाक हो गए, देश-विदेश एवं स्थानीय जनों की आवाज उठाए जाने के पश्चात प्रदेश के मुखिया द्वारा स्वत: संज्ञान में लिया गया और बांधवगढ़ पार्क में लगी आग का निरीक्षण करने के लिए वन मंत्री को स्वयं मौके पर निरीक्षण का आदेश दिया गया, वनमंत्री द्वारा बांधवगढ़ पहुंचकर हस्तक्षेप किया गया कि एक प्रसिद्ध जंगल जला है और कोई भी हानि नहीं हुई, किंतु सत्यता तो यह है कि बांधवगढ़ में लगी आग बुझने के बाद कई वन्य प्राणियों का जलना सामने दिखने लगा और साथ-साथ दो बाघ और दो तेंदुआ का मृत्यु होना पाया गया। जिसमें प्रशासन लीपापोती करते हुए आपसी वर्चस्व की लड़ाई व भूख से मरने का करार दे दिया, लेकिन सत्य तो यह है कि क्षेत्र अंतर्गत गोबराताल बीट में टाईगर के ऊपर आग से जलने का निशान पाया गया, जिस पर प्रशासन लीपापोती करती हुई मौत का कारण अज्ञात बता दिया।

कई बाघ लापता, कई घायल :

बांधवगढ़ पर्यटन क्षेत्र में विगत वर्ष 2019- 20 में देखा गया कि कई ऐसे बाघ पर्यटकों को दीदार होते थे, किंतु आज वह बाघ कई महीने से नहीं दिखाई दे रहे हैं, जिसमें से नहीं दिखने वाला बाघ ( टी-9), (टी-18 ), ( टी-40) यह टाईगर पिछले डेढ़ दो सालों से दिखाई नहीं दिये हैं। जिसे लेकर प्रबंधन पर सवालिया निशान उठ रहे हैं और गाइड, ड्राइवर, पर्यटकों मे इन बाघों को लेकर निराशा बनी हुई हैं, प्रबंधन के द्वारा जानकारी दी गई कि भीतरी ऐरिया मे दिखने वाली मादा बाघिन जो लगभग दो-तीन दिन से बीमार चल रही है और शिकार भी नहीं खा रही है, जिसका इलाज जारी है। इस तरह से कई ऐसे बांधवगढ़ में जानवर अग्नि के शिकार हुए हैं, जिसको पार्क प्रबंधन छुपा रहा है।

खोला प्रतिबंधित क्षेत्र :

बांधवगढ़ में भीषण आग लगने के बाद पर्यटक जब दीदार करने के लिए गेट क्रमांक-3 में गए तो, देखा गया कि जंगल का कोई भी हिस्सा आग के कारण सुरक्षित नहीं है और कई जीव जंतु झुलसे हुए हैं, जिसकी शिकायतें और चर्चाओं का दौर चलने लगा है, जिसकी भनक लगते ही बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के मुखिया द्वारा गेट क्रमांक 3 संरक्षित जोन के 80 प्रतिशत बंद क्षेत्र के कुंभी कक्षार नामक स्थान को पर्यटकों के भ्रमण हेतु खोल दिया, जिससे पर्यटन यह न देख पाए जंगल कितना जला है, कितना नुकसान हुआ है।

इनका कहना है :

एक नर बाघ का शव बरामद हुआ है और यह कुछ नहीं कहा जा सकता कि मौत किस कारण हुई, मौत का कारण अज्ञात है।

स्वरूप दीक्षित, प्रभारी उपवन संचालक, बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व, उमरिया

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