ADG निरीक्षण में खुली आबकारी और थाना पुलिस की पोल, एक ही लायसेंस पर संचालित मिली दो शराब दुकानें-FIR दर्ज

नई शराब नीति के तहत अहाते बंद करने के निर्देश दिए गए थे। दो-चार दिन तक तो आबकारी विभाग की टीम ने शराब दुकानों के आसपास नजर रखी, लेकिन उसके बाद वह भूल गए कि अहाते भी बंद होना चाहिए।
शराब दुकान
शराब दुकानRE-Gwalior
Published on
3 min read

ग्वालियर। एडीजीपी डी. श्रीनिवास वर्मा के निरीक्षण के दौरान आबकारी विभाग की कार्यप्रणाली की पोल उस समय खुली जब उन्होंने थाटीपुर इलाके में एक लायसेंस पर दो शराब दुकान संचालित पाई। इसके बाद एडीजीपी ने लायसेंसी शराब दुकान मालिक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए जिस पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया, लेकिन थाटीपुर पुलिस की भी लापरवाही सामने आई कि उसके इलाके में आखिर एक लायसेंस पर दो दुकाने कैसे संचालित हो रही थी।

शराब दुकान को लेकर मार्च माह के आखिर तक ठेके देने होते है ओर इसके तहत ग्वालियर में 31 मार्च तक सभी शराब दुकानों के ठेके हो गए थे ओर नए वित्तीय साल अप्रैल माह से दुकानें नए सिरे से संचालित होने लगी थी। नई शराब नीति के तहत अहाते बंद करने के निर्देश दिए गए थे, जिसके तहत दो-चार दिन तक तो आबकारी विभाग की टीम ने शराब दुकानों के आसपास नजर रखी, लेकिन उसके बाद वह भूल गए कि अहाते भी बंद होना चाहिए। अभी हालात यह है कि शहर की कुछ दुकानों के आसपास अहाते समान व्यवस्था बना दी गई है, लेकिन इस तरफ न आबकारी विभाग की नजर है ओर न ही संबंधित पुलिस थाने की ही नजर है। अब यह नजर क्यों नहीं है इसके बारे में कुछ बताने की जरूरत नहीं बल्कि सभी जानते है।

आबकारी व संबंधित थाना पुलिस की कार्यप्रणाली की पोल उस समय खुली जब एडीजीपी डी श्रीनिवास, एसएसपी राजेश चंदेल अपने अधीनस्थ अधिकारियों व पुलिस बल के साथ शनिवार की रात पैदल मार्च कर रहे थे। उसी दौरान थाटीपुर पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत एक दुकान शराब की चैक की तो पता चला कि एक लायसेंस है, लेकिन शराब बेचने का काम दो स्थानों से किया जा रहा है। अब इसके बारे में आबकारी विभाग के अधिकारी क्या कर रहे थे इसको लेकर सवाल उठने लगे हैं।

लगता है ठेका देकर विभाग को नहीं रहता कोई मतलब

शहर में आबकारी विभाग के अधिकारी नए वित्तीय साल शुरू होने से पहले खासे सक्रिय दिखाई देते हैं, क्योंकि उनके सामने शराब दुकानों का रिन्युवल कराने की जिम्मेदारी रहती है ओर जैसे ही शराब दुकानों का ठेका हो जाता है वैसे ही विभाग के अधिकारी इस तरफ से बेफ्रिक हो जाते है ओर फिर मुड़कर यह देखने की कौशिश नहीं करते कि दुकानों का संचालन नियम के हिसाब से हो रहा है कि नहीं। शनिवार की देर शाम जब पुलिस अधिकारी अपने दल के साथ मुरार से पैदल गश्त करते हुए थाटीपुर क्षेत्र में पहुंचे तो एडीजीपी को सबसे पहले कु म्हरपुरा के पास देशी शराब का विक्रय होता दिखा। इस पर उन्होंने अपने अधीनस्थों से पूछा कि क्या यहां शराब की दुकान का ठेका है तो जवाब मिला कि नहीं यहां पहले शराब दुकान थी, लेकिन अब दूसरे स्थान पर संचालित हो रही है।

एडीजीपी कुम्हरपुरा स्थित उक्त दुकान पर पहुंचे, जहां भागीरथ वर्मा देशी शराब बेच रहा था, उससे जब पूछा गया कि क्या यह शराब की दुकान है तो उसने बताया कि दुकान शिफ्ट की जा रही है इसके कारण खुली हुई है ओर माल दूसरे स्थान पर पहुंचाया जा रहा है, लेकिन वह यह भूल गया कि सवा माह नई दुकानों को खुले हो गया ऐसे में दुकान शिफ्ट करने की जा बात कहीं जा रही है वह पूरी तरह से गलत है। दुकान से पुलिस ने करीब 2.25 लाख की देशी शराब व 25 हजार रुपए जब्त कर पुलिस थाटीपुर पहुंची, वहां भी दुकान संचालित मिली। इस पर एडीजीपी ने शराब दुकान के लायसेंसी उदय शिवहरे के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए। जिसके पालन में थाटीपुर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है।

कार्यप्रणाली पर उठे सवाल

शहर के अंदर एक ही लायसेंस पर दो शराब दुकानों का संचालन होने पर जहां पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठे वहीं आबकारी विभाग की सक्रियता पर भी सवालियां निशान लगे हैं। जिस थाना क्षेत्र में एक ही लायसेंस पर दो शराब की दुकानें संचालित हो रही हो ओर पुलिस को इसकी जानकारी न हो तो यह दर्शाता है कि फिर पुलिस कितनी सक्रिय होगी। एडीजीपी ने थाटीपुर पुलिस थाने की कार्यप्रणाली को लेकर भी जांच करने के निर्देश दिए हैं, वहीं आबकारी आयुक्त को पत्र लिखा है कि आपके विभाग के अधिकारी कितने सक्रिय है कि एक ही लायसेंस पर दो शराब की दुकानें संचालित करा रहे हैं।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

और खबरें

No stories found.
logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.com