Unreserved कोटा से दिया जाएगा EWS आरक्षण, एमपी हाईकोर्ट का बड़ा फैसला

एमपी हाईकोर्ट ने EWS आरक्षण पर बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा कि यह आरक्षण 50% Unreserved Quota से दिया जाएगा जिसमे एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग शामिल नहीं होंगे।
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हाइलाइट्स :

  • 50 प्रतिशत Unreserved कोटा से दिया जाएगा 10 प्रतिशत EWS आरक्षण

  • मध्यप्रदेश हाईकोर्ट का बड़ा फैसला

  • एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग पर नहीं लागू होगा यह आरक्षण

MP High Court on EWS reservation। एमपी हाईकोर्ट ने 10 प्रतिशत ईडब्ल्यूएस आरक्षण पर बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा कि यह आरक्षण 50% अनारक्षित पदों (Unreserved Quota) से दिया जाएगा जिसमे एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग शामिल नहीं होंगे। EWS कोटा मामले में कोर्ट के इस फैसले के बाद सरकारी नौकरियों और भर्ती में इस वर्ग को खासी राहत मिलने की उम्मीद है। हाईकोर्ट ने ईडब्ल्यूएस आरक्षण (EWS Reservation) के लागू किए जाने के संबंध में संविधान के अनुच्छेद 15(6) तथा 16(6) की अहम् व्याख्या की है। बताया यह भी जा रह है कि कोर्ट का यह फैसला पुरानी भर्तियों पर भी लागू होगा। फैसले के दायरे में आने वाली नियुक्तियों को या तो निरस्त किया जाएगा या फिर उन्हें आने वाली नियुक्तियों में एडजस्ट किया जाएगा।

करीब पांच साल पहले दिसंबर 2019 को मध्यप्रदेश सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा रोस्टर (एक विधि जिसके जरिये नौकरियों में आरक्षण लागू किया जाता है) जारी किया गया था। इसमें 10 प्रतिशत EWS आरक्षण का प्रावधान था पर रोस्टर के अनुसार कुल रिक्त पदों में से 10 प्रतिशत पद EWS के लिए आरक्षित किए जाते हैं। हाईकोर्ट का मानना है कि केवल अनारक्षित पदों में से 10 प्रतिशत पदों को EWS के लिए आरक्षित किया जाना चाहिए। यह व्यवस्था साल 2019 से चली आ रही थी।

इसमें लाखों पदों पर गलत नियुक्तियां दे दी गई हैं। आरक्षण मामालों में मध्य प्रदेश सरकार के विशेष वकील रामेश्वर सिंह ठाकु और विनायक प्रसाद शाह का कहना है कि EWS आरक्षण को लागू किए जाने में की जा रही व्यापक पैमाने पर अनियमितताओं के संबंध में हाईकोर्ट में अनेक याचिकाएं दायर की गई थीं। हाईकोर्ट ने समस्त भर्तियों को उक्त याचिकाओं के निर्णय के अधीन करते हुए यह फैसला दिया है।

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