हर दिन खदेड़ा फिर भी सड़कों पर ठेलो का रेला -सिंधिया की नाराजगी के बाद पुलिस अफसर भी निकले पर नजारा नहीं बदला
ग्वालियर। शहर में जितनी दुकाने है उससे कही अधिक बाजार सड़को पर संचालित हो रहा है। कहने को सड़को को खाली कराने के लिए प्रतिदिन अमले की गाड़ियां घूंमती है ओर कार्यवाही भी होना बताई जाती है, लेकिन इसके बाद भी हालात जो थे वैसे ही बने हुए है। सड़को पर जिस तरह से ठेलो का रेला बना हुआ है उसको देखते हुए जाम से जनता हर रोज परेशान रहती है ओर इसको लेकर केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी नाराजगी जताई है। नाराजगी को कई बार बैठको में जताई जा चुकी है, लेकिन जिसको कार्यवाही करना होती है उसके हाथ एक तरह से नेताओ ने बांध रखे है जिसके कारण शहर में आधा बाजार सड़को पर रहता है।
शहर में जहां सड़को पर ठेलो का रेला बना हुआ है तो दूसरी तरफ ई रिक्शाओ ने भी सड़कों की चाल एकाएक बाधिक की हुई है, क्योंकि ई रिक्शाओ की संख्या जिस तरह से बढ़ रही है उसको देखते हुए अभी तक उनके लिए रूट की व्यवस्था नहीं की गई है जिसके कारण दिन में किसी भी रोड़ पर ई रिक्शाओ की भीड़ देखी जा सकती है जिससे सड़को की चाल पूरी तरह से बाधित हो रही है। इसको लेकर यातायात समिति की बैठक में हर बार चर्चा होती है, लेकिन समाधान अभी तक नहीं निक ाला गया है जिससे ई रिक्शा बेहिसाब अपने स्तर पर मनचाही सड़को पर संचालित हो रहे है।
कई प्रयास किए फिर भी माजरा नहीं बदला..
ट्रैफिक सुधार के लिए अधिकारियो ने कई प्रयास किए ओर बैठको में भी मंथन किया था। सड़कों पर लगने वाले जाम से छुटकारा दिलाने के लिए रोटरी को छोड़ा किया गया ओर कई तिराहे भी चौड़े किए गए, लेकिन हालात में फिर भी कोई सुधार नहीं दिखाई दिया। इसके पीछे कारण यह भी है कि कई साल पहले तक शहर की सड़को पर ट्रैफिक व्यवस्था क ो बनाएं रखने के लिए जवान हर तिराहे व चौराहे पर तैनात रहते थे,लेकिन अब वह पूरी तरह से गायब रहते है इसके पीछे कारण यह बताया जाता है कि ट्रैफिक जवानो को सिर्फ ओर सिर्फ चालानी कार्यवाही करने तक सीमित कर दिया है जिससे वह ट्रैफिक सुधार की जगह सिर्फ राजस्व जुटाने में लगे रहते है।
हर दिन कार्यवाही फिर उसी जगह ठेले क्यों...
नगर निगम के मदाखलत अमला शहर की सड़़को को साफ करने का काम करता है, इसको लेकर वह प्रतिदिन कार्यवाही भी करता है ओर जुर्माना भी लगाया जाता है, लेकिन मदाखलत अमले की गाड़ी निकलते है उसी स्थान पर फिर से बाजार सज जाता है। सिंधिया की नाराजगी के बाद पुलिस अधिकारी भी सड़को पर निकलने लगे है ओर सप्ताह में दो दिन बाजार में पैदल भ्रमण कर सड़को पर सजे बाजार को समेटने की कार्यवाही कर रहे है, लेकिन इसके बाद भी सुधार किसी भी बाजार व सड़को पर होता दिखाई नही दे रहा है। शहर की हालात यह बनी हुई है कि जितनी दुकाने बाजार में है उससे आधा बाजार तो सड़को पर ही सजा हुआ है ओर इसके कारण हर रोज आमजन को जाम से जूझने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
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