हाइलाइट्स :
पीसीबी ने ब्यौहारी के भमरहा में 3 व मऊ के 1 क्रेशर को बताया गलत।
3 फरवरी को अधीक्षण अभियंता ने लिखा था पत्र।
खनिज विभाग को भी पिट पास जारी न करने के लिये भेजा पत्र।
शहडोल, मध्य प्रदेश। क्रेशर के संचालन में प्रभावी एवं सक्षम तरीकों से प्रदूषण नियंत्रण की व्यवस्था न स्थापित करने के कारण निरीक्षण के उपरांत ब्यौहारी के चार क्रेशरों को नोटिस दिये गये, बावजूद व्यवस्था दुरूस्त न होने पर खनिज को पिट पास जारी न करने व विद्युत विभाग को कनेक्शन विच्छेद करने के पत्र जारी किये गये हैं।
शहडोल जिले ब्यौहारी अनुविभाग में 4 स्टोन क्रेशर्स के द्वारा प्रभावी एवं सक्षम प्रदूषण नियंत्रण व्यवस्था स्थापित नहीं की गई ,फलस्वरूप इन्हें क्षेत्रीय कार्यालय म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड , शहडोल के द्वारा नोटिस दिया गया एवं निरीक्षण के दौरान स्टोन क्रेशर्स प्रबधंन को सक्षम एवं प्रभावी पदूषण नियंत्रण उपकरण लगाने हेतु प्रेरित किया गया किन्तु स्टोन क्रेशर्स प्रबंधन प्रबंधन द्वारा प्रभावी एवं सक्षम कार्यवाही नहीं किये जाने के कारण वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) 1981 के 31 'क' के तहत बंद करने (क्लोजर ऑर्डर) के निर्देश दिये गये एवं म.प्र. पूर्वी क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड को इन स्टोन क्रेशर्स को विद्युत कनेक्शन बंद करने हेतु निर्देश जारी किये गये हैं।
खनिज को भी भेजा था पत्र :
प्रदूषण नियंत्रण विभाग के द्वारा इस संदर्भ में खनिज अधिकारी को इन स्टोन क्रेशर्स से संबंधित खदानों को पिट पास जारी नहीं करने हेतु निर्देशित किया गया है। उपरोक्त दोनों निर्देश वैधानिक रूप से बंधनकारी है। वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियत्रण) अधिनियम 1981 के प्रावधानों के अनुसार म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को वैधानिक रूप से यह अधिकार प्राप्त है कि प्रदूषण फैलाने वाले उद्योग, संस्थानों स्टोन/जल, प्रदाय कर्ता संस्थान को बंधनकारी आदेश दे सकते हैं।
यह कहता है अधिनियम :
वायु (प्रदूषण विवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम 1981 के प्रावधानों के अनुसार स्टोन क्रेशर्स द्वारा प्रभावी एवं सक्षम व्यवस्था स्थापित करना आवश्यक है, जिससे तहत स्टोन क्रेशर्स की क्रशिंग एवं स्क्रीनिंग की प्रक्रिया से उत्पन्न होने वाली घूल कणों से परिवेशीय वायु गुणवत्ता को प्रभावित होने से रोकने के लिए लगभग 12 से 15 फीट ऊंची विंड बेकिंग वॉल को कम से कम 3 दिशाओं में स्थापित होना आवश्यक है, साथ ही स्क्रीनिंग सेक्शन का कवर होना भी आवश्यक है एवं फ्यूजीटीव डस्ट उत्सर्जन के नियंत्रण हेतु स्टेशनरी स्प्रिंकलर्स की व्यवस्था भी उपयुक्त स्थानों में होनी चाहिए।
कार्यवाही नहीं तो होंगे दंडित :
प्रदूषण नियंत्रण विभाग द्वारा खनिज एवं विद्युत विभाग को प्रदूषण की रोकथाम के लिये जिन संस्थानों के पिट पास और विद्युत कनेक्शन विच्छेद करने के लिये पत्र दिये गये हैं, निर्धारित समय में यदि विभागों द्वारा कार्यवाही नहीं की जाती तो प्रदूषण नियंत्रण अधिनियमों में यह भी प्रावधान है कि बोर्ड के द्वारा संबधित संस्थान जैसे विद्युत विभाग के अधिकारियों के विरूद्ध सक्षम न्यायालय में न्यायालीन वाद भी दायर किया जा सकता है।
पीसीबी द्वारा इस संदर्भ में विद्युत विभाग के अधीक्षण अभियंता तथा सहायक अभियंता को पत्र भेजे जा चुके हैं, इस परिपालन में अधीक्षण अभियंता ने 3 फरवरी को उप संभाग ब्यौहारी के सहायक अभियंता को भी पत्र प्रेषित कर प्रदूषण निवारण या नियंत्रण अधिनियम 1981 की धारा 31 का हवाला देते हुए विद्युत प्रवाह को अस्थायी रूप से वि'छेदित करने के लिये पत्र लिखा, लेकिन अभी तक सहायक अभियंता ने कोई कार्यवाही नहीं की।
इन स्टोन क्रेशरों पर होगी कार्यवाही :
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा ब्यौहारी के जिन 04 स्टोन क्रेशर्स को प्रदूषण नियंत्रण की व्यवस्था प्रभावी एवं सक्षम तरीके से स्थापित न करने के बाद नोटिस दिये गये, उनमें मेसर्स अंजनी नंदन स्टोन क्रेशर्स, संजय सिंह, ग्राम-भमरहा, मेंसर्स आर .एस. स्टोन क्रेशर्स, प्रमोद कुमार गोयल ग्राम -भमरहा, मेसर्स सुभी स्टोन क्रेशर्स प्रोपराइटर श्रीमती रेनुका गुप्ता ग्राम -भमरहा-2 तथा मेसर्स अंजनी नंदन क्रेशर्स प्रोपराइटर संजय सिंह ग्राम मऊ शामिल हैं। गौरतलब है कि बीते दिनों म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड क्षेत्रीय कार्यालय शहडोल के द्वारा रीवा के बेला बैजनाथ एवं बनकुईयां क्षेत्र में संचालित 52 स्टोन क्रेशर्स को बंद कराया गया हैं तथा इन्हें जिला प्रशासन के सूचना उपयुक्त स्थानों पर चस्पा की गई है। इसी प्रकार सतना क्षेत्र में भी 24 स्टोन क्रेशर्स को बंद कराया गया है।
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