केंद्रीय विद्यालय नर्मदापुरम
केंद्रीय विद्यालय नर्मदापुरमRE-Narmadapuram

शिक्षा रोजगार लेने वाली नहीं बल्कि रोजगार देने वाली होना चाहिए, नई शिक्षा नीति का उद्देश्य यही

Narmadapuram : केंद्रीय विद्यालय में बच्चों द्वारा विभिन्न विषयों पर एग्जिबिशन लगाई गई है। इसका शुभारंभ प्राचार्य किरण शर्मा ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस मौके पर बच्चों ने सरस्वती वंदना की।
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नर्मदापुरम । शिक्षा रोजगार लेने वाली नहीं बल्कि रोजगार देने वाली होना चाहिए। नई शिक्षा नीति का उद्देश्य यही है। नई शिक्षा नीति विद्यार्थियों को सीखने पर जोर देती है। इससे दूसरों को रोजगार दिया जाए। शिक्षा में कौशल होना चाहिए। शिक्षा से मानव का विकास और व्यवहार में परिवर्तन हो । साथ ही नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति गुणवत्तापूर्ण जीवन देने वाली हो। यह बात शुक्रवार को केवीएस राष्ट्रीय शिक्षा 2020 के क्रियान्वयन की तीसरी वर्षगांठ पर केवी एसपीएम नर्मदापुरम की प्राचार्य किरण शर्मा ने पत्रकार वार्ता में कही ।

उन्होंने कहा कि बच्चों को रटने की वजह सीखने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। भारत को आत्मनिर्भर बनाने में यह नीति काफी कारगर साबित हो रही है। प्राचार्य ने कहा कि नई शिक्षा नीति के माध्यम से बच्चों की क्षमताओं को बाहर लाना है। हमारे देश के बच्चों ने विज्ञान के क्षेत्र में नाम रोशन किया है। वहीं शिक्षा कौशल वाली होना चाहिए इस पर भी हमें ध्यान देना है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय विद्यालय में प्रवेश की आयु को 6 वर्ष कर दिया गया है।

बाल वाटिका कक्षाएं खुली

पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर स्थाई भवन वाले 49 केवी में 3 प्लस 4 प्लस 5 प्लस आयु वर्ग के बच्चों के लिए बाल वाटिका कक्षाएं खोली गई है। इन कक्षाओं में 5477 बच्चों को एडमिशन दिया गया है । 2023-24 केवी में बाल वाटिका 3 कक्षा का एक बेंच शुरू किया जा रहा है जिसमें बाल वाटिका केवी की संख्या 500 हो जाएंगी। कार्यक्रम में सिवनी मालवा के प्राचार्य राजीव रंजन सर ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में बच्चों को समझाने पर ध्यान दिया गया है। वही शिक्षकों को केवी के नए पैटर्न को लागू करने के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल से लैस करने ट्रेनिंग दी जा रही है। प्राथमिक शिक्षकों को खिलौना आधारित शिक्षा शस्त्र पर ट्रेनिंग दी जा रही है । छात्रों को पुस्तकें और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म शामिल कराया रहा है ।

नवोदय विद्यालय पवारखेड़ा के प्राचार्य धीरेंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि शिक्षा समझने वाली होना चाहिए । बच्चों में अच्छे बुरे की समझ होनी चाहिए। वही सीखने पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए। वही शांतिनिकेतन मांटेसरी स्कूल के प्राचार्य के एम जॉर्ज ने कहा कि बच्चों की आयु के साथ बैग का वजन होना चाहिए। 8 साल के बच्चों को बैग लेस कर दिया गया है। इसके साथ ही अभिभावकों को भी इसके लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत को विकसित करने के लिए सीखना जरूरी है। नॉलेज की आवश्यकता होना चाहिए। वही स्कूल छोड़ चुके बच्चों को शिक्षा से जोड़ना चाहिए। इस मौके पर केवी एसपीएम स्कूल की प्राचार्य किरण शर्मा, सिवनी मालवा के प्राचार्य राजीव रंजन, ऑर्डनेंस फैक्ट्री केवी के प्राचार्य आर के रूद्र, पवारखेड़ा नवोदय विद्यालय के प्राचार्य धीरेंद्र श्रीवास्तव,शांतिनिकेतन मांटेसरी स्कूल के प्राचार्य एम जॉर्ज, केवी पचमढ़ी के प्राचार्य आर. राम सहित अनेक गणमान्य नागरिक मौजूद थे।

एग्जिबिशन का शुभारंभ

केवी के बच्चों द्वारा विभिन्न विषयों पर एग्जिबिशन लगाई गई है। इसका शुभारंभ प्राचार्य किरण शर्मा ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस मौके पर बच्चों ने सरस्वती वंदना की। बच्चों ने प्रदर्शनी में शिक्षा किसान, विज्ञान पर आधारित पेंटिंग बनाई।

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