भोपाल, मध्यप्रदेश। मप्र विधानसभा में बुधवार को सत्तारूढ़ दल भाजपा के वरिष्ठ विधायक डॉ सीतासरन शर्मा ने आरोप लगाते हुए कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के 15 माह के कार्यकाल के दौरान सिर्फ ट्रांसफर के कार्य हुए। डॉ. शर्मा ने राज्यपाल के अभिभाषण पर पेश किए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा की शुरु आत करते हुए कहा कि सिर्फ होशंगाबाद जिले में ही एक साल में तीन बार कलेक्टर का तबादला किया गया। अन्य अधिकारियों के भी इसी तरह तबादले किए गए। अधिकारियों को कार्य करने का मौका ही नहीं मिल पाया।
उन्होंने कहा कि अभिभाषण सरकार द्वारा पूर्व में किए गए कार्यों को संक्षिप्त में गिनाने और भविष्य की उसकी नीतियों का खाका खींचने का जरिया है। लेकिन इस अभिभाषण पर चर्चा के माध्यम से 15 माह की पूर्ववर्ती सरकार और 11 माह की मौजूदा सरकार के कार्यों की तुलना करना जरूरी है। वरिष्ठ भाजपा विधायक ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान ने जब 23 मार्च 2020 को मुख्यमंत्री पद की कमान संभाली, तब उनके पास दो प्रमुख चुनौतियां थीं। पहला तो कोरोना संकट से निपटना और दूसरा पूर्ववर्ती सरकार के समय की व्यवस्थाओं को दुरुस्त करना। श्री चौहान ने इस दिशा में बेहतर कार्य किया और न सिर्फ व्यवस्थाएं सुधारी गयीं, बल्कि कोरोना संकट से भी निपटने में मदद मिली।
डॉ. शर्मा ने अनेक आंकड़े पेश करते हुए कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने बच्चों को लेपटाप वितरण, माताओं बहनों के कल्याण से जुड़ी योजनाएं और संबल जैसी योजनाएं बंद कर दी थीं। इसी तरह किसानों को गेंहू और धान पर मिलने वाला बोनस कम किया गया। पूर्ववर्ती सरकार ने फसल बीमा के 2200 करोड़ रुपए भी जमा नहीं किए थे, जिससे किसानों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पाया। उन्होंने कहा कि वहीं मौजूदा सरकार ने गरीबों, महिलाओं और किसानों के हित में योजनाएं फिर से प्रारंभ कीं। प्रवासी श्रमिकों के रोजगार की व्यवस्थाएं की गयीं। उन्होंने अन्य कदमों के बारे में भी बताया।
हास-परिहास के भी आए क्षण
डॉ.शर्मा के भाषण के दौरान विपक्षी दल कांग्रेस के सदस्यों ने काफी टोकाटाकी की। अध्यक्ष गिरीश गौतम को भी बार-बार समझाइश देना पड़ी। इस दौरान हास परिहास के भी क्षण आए। कांग्रेस के सदस्यों ने कभी कांग्रेस के ही टिकट पर चुनाव जीतने वाले और वर्तमान में भाजपा के टिकट पर सदन के सदस्य बने नेताओं को लक्ष्य करते हुए अनेक टिप्पणियां की, जिन पर सदन में ठहाके भी लगे। कांग्रेस सदस्यों ने राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत, एक अन्य मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर और तुलसीराम सिलावट की ओर मुखातिब होते हुए उन्हें 'बेंगलूर' वाले विधायकों के रूप में पुकारा। संसदीय कार्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने भी हास परिहास के बीच कहा कि इन विधायकों को दोनों ही दलों का अनुभव है।
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