बरही : भीषण गर्मी से आमजन के हाल बेहाल - आईएचपी चले कछुआ चाल

बरही, मध्यप्रदेश : भीषण गर्मी का मौसम शुरू हो गया है और लोगों के कंठ सूखे होने से कोई गुरेज नहीं सकता पीने का पानी के लोग लिए तरसने लगे हैं।
भीषण गर्मी से आमजन के हाल बेहाल - आईएचपी चले कछुआ चाल
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बरही, मध्यप्रदेश। भीषण गर्मी का मौसम शुरू हो गया है और लोगों के कंठ सूखे होने से कोई गुरेज नहीं सकता पीने का पानी के लोग लिए तरसने लगे हैं। मध्य प्रदेश सरकार की अति महत्वपूर्ण योजना जल जीवन मिशन अंतर्गत इंदवार परियोजना के नाम की 221 करोड़ योजना में मानपुर तहसील जिला के 65 गाँव और विजयराघवगढ़ तहसील के 39 गाँव और बरही के 14 गाँव में 1400 किलोमीटर की पाइप लाइन डालकर गावों में निशुल्क पानी पहुंचाना है। यह सम्पूर्ण काम जल निगम विभाग कर रहा है। 337 करोड़ की महत्वाकांक्षी पेयजल योजना का कार्य इंडियन हुमन पाइप लाइन कर रही हैं। लेकिन इंडियन ह्यूमन पाइप कंपनी जो कि बहुत ही विशाल व तकनीकी कंपनी मानी जाती है। जिसकी स्थापना सन 1926 में की गई थी। कार्य की गुणवत्ता इस कंपनी का प्रमुख उद्देश्य है तथा समय पर कार्य की पूर्णता इनकी उपलब्धता हो। लेकिन इंदवार परियोजना अंतर्गत होने वाले कार्यों में मंथर गति से कार्य संचालित है जिससे आने वाले समय में जल कि भीषण त्राहि-त्राहि होने की प्रबल संभावना है। इंडियन ह्यूमन पाइप कंपनी के द्वारा कई स्थानों पर तो अभी प्रोजेक्ट चालू ही नहीं कर पाए हैं, साथ ही कई स्थानों पर कार्य की गुणवत्ता नहीं होने के कारण कार्य पूर्णता बंद हो चुके हैं, जिससे ग्रामीणों में इस वर्ष भी पानी के प्रति मारामारी होने की प्रबल संभावना है।

जल निगम के द्वारा इस प्रोजेक्ट पर जो कि सरकार की बहुत महत्वपूर्ण योजना जल जीवन मिशन का एक हिस्सा है। निगम के द्वारा इस प्रोजेक्ट में करोड़ों रुपए की राशि खर्च की जा रही है जिससे लोगों को जल की उपलब्धता सहज हो सके। लेकिन इंडियन ह्यूमन पाइप कंपनी के द्वारा जल निगम व सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिलने के आसार लग रहे हैं। कई ग्रामीणों में पूर्व में चलाई गई नल जल योजना भी पूरी तरह से औचित्य हीन हो चुकी है साथ ही आम निस्तार के तालाब व कुएं भी पूर्णत सूखने की कगार में है। आलम यह है कि पशु-पक्षी व पालतू जानवरों के पीने योग्य पानी की उपलब्धता भी ग्रामीण इलाकों में नहीं है जिससे कई पशु पक्षी अपना प्राण भी त्याग चुके हैं। सरकार की इस योजना में इंदवार परियोजना अंतर्गत लगभग 221 करोड रुपए खर्च किए जाएंगे लेकिन फिर भी ग्रामीणों के कंठ पानी के लिए तरसते रहेंगे। जानकारी के अनुसार विजयराघवगढ़ तहसील अंतर्गत धवैया, देवरा खुर्द, लूली, खेरवा व उरदानी में पानी की पूर्ति हेतु जिस टंकी का निर्माण कराया जा रहा था, 1 वर्ष पूर्ण होने पर भी उक्त टंकी का निर्माण अभी तक नहीं कराया जा सका है, जिससे उक्त गांवों में पानी की त्राहि-त्राहि मची हुई है। पाइप लाइन का भी विस्तार कंपनी के द्वारा अभी पूर्ण नहीं किया जा सका है।

जगह जगह खोदे गड्ढे, आहत हो रहे ग्रामीण :

इंडियन ह्यूमन पाइप के द्वारा किए जा रहे कार्य में घोर अनियमितता व लापरवाही देखने को मिलती है, जिसमें कंपनी के द्वारा किए जाने वाले कार्य की गुणवत्ता के साथ-साथ जिस स्थान पर कंपनी के द्वारा कार्य किया जाता है उस स्थान पर कंपनी के द्वारा पाइप लाइन डालकर ना तो उस स्थान को मजबूती प्रदान की जाती है और ना ही उस स्थान पर क्रांकीट का कार्य किया जाता है। जिसके कारण कई भारी वाहन व छोटे वाहन के साथ साथ दो पहिया वाहन चालक भी आहत हो रहे हैं। जिन स्थानों पर कंपनी के द्वारा पाइपलाइन डालने का कार्य किया जाता है उस स्थान पर पाइप डालकर मिट्टी का ढेर लगाकर दुर्घटनाओं को आमंत्रण देना कंपनी का तरीका हो गया है, कई स्थानों पर कंपनी द्वारा गड्ढे खोदकर मिट्टी ज्यों की त्यों उस स्थान पर रख दी जाती है जिसके कारण ग्रामीण इलाकों व नगरीय इलाकों में कई प्रकार की घटनाएं संभावित है, अभी हाल ही में कंपनी के द्वारा बरही नल जल योजना की पाइप लाइन खोद डाली थी जिसके कारण लीकेज होने की स्थिति में दो बड़े विशाल वाहन रोड के किनारे गड्ढों में समा गए थे।

बिना स्वीकृति, बिना ड्राइंग के हो रहे काम :

मध्य प्रदेश सरकार की महत्वपूर्ण योजना जल जीवन मिशन अंतर्गत लोगों को तक सहज जल पहुंचाने जल निगम द्वारा करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं लेकिन कंपनी प्रबंधन के द्वारा बिना स्वीकृति व बिना कार्य योजना के कार्य को अंजाम दिया जा रहा है जिसके कारण सरकार को करोड़ों की क्षति भी पहुंचाई जा रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार कई जगह ऐसे चिन्हित किए गए हैं जिनमें बिना कार्य योजना के पाइप लाइनों का विस्तार किया जा चुका है तथा कुछ स्थानों पर बिना स्वीकृति के पाइप लाइनों का विस्तार किया जा रहा है, परिणाम स्वरूप सरकार की महत्वपूर्ण योजना में पलीता लगाया जा रहा है। कई स्थानों पर तो पाइप लाइन डालकर पुनः पाइप निकाला जाना, साथ ही बिना अनुमति कार्य करने के कारण कार्य में विलंब होना तथा राशि का दुरुपयोग किया जाना निश्चित ही इंडियन यूनियन पाइप कंपनी के द्वारा जल निगम को करोड़ों रुपए की हानि पहुंचाई जा रही है जो कि एक चिंता का विषय है। ग्रामीणों ने इस विषय पर सरकार व अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराया है, साथ ही इंडियन ह्यूमन पाइप के द्वारा किए जा रहे कार्य की जांच हेतु मांग की है।

जोखिम में मजदूरों की जान, करवा रहे मजदूरी :

कंपनी के द्वारा कई स्थानों पर बनाई जा रही पानी की टंकियों में कार्य कर रहे मजदूरों की सुरक्षा व स्वास्थ्य का ध्यान नहीं रखा जा रहा। कंपनी के द्वारा पानी की टंकियों के निर्माण स्वरूप अत्यधिक ऊंचाइयों पर मजदूरों के द्वारा कार्य कराया जाता है जिनमें मजदूरों को ना तो सुरक्षा के दृष्टिकोण से हेलमेट और ना ही अन्य सुरक्षा के उपकरण प्रदान किए जा रहे हैं। मजदूरों के द्वारा पानी की टंकियों में सुरक्षा के संपूर्ण मापदंडों को दरकिनार करते हुए कार्य कराया जाता है, जिससे उनकी जान को खतरा बना हुआ रहता है। कंपनी के द्वारा विभिन्न स्थानों पर मजदूरों के स्वास्थ्य का भी ख्याल नहीं किया जाता है तथा ठेकेदार के द्वारा कम वेतन भी मजदूरों को दिया जाता है।

इनका कहना है :

गुणवत्ता विहीन कार्य की जांच की जाएगी, साथ ही कार्य शीघ्र पूर्ण किए जाएंगे।

संजय वाधवा, प्रबंधक, म. प्र. जल निगम, जबलपुर

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