दिव्यांग जेठ का घर बस जाए, इसलिए महिला ने रखा अपना मंगल सूत्र गिरवी
इंदौर। आज के इस दौर में भाई, भाई का नहीं हो रहा है। मदद की बात आती है, तो लोग दूर से ही पल्ला झाड़ लेते हैं। ऐसे में एक बहू ने अपने दिव्यांग जेठ का घर बस जाए, इसके लिए अपना मंगल सूत्र गिरवे में रख दिया। इसकी जानकारी जब शहर की एक सामाजिक संस्था को लगी, तो उसने जनसहयोग से रुपए एकत्र कर मंगल सूत्र को गिरवे से छुड़वा कर महिला को बापस लौटाया।
एमवायएच में गरीब मरीजों के लिए मदद का काम करने वाली संस्था परपीड़ा हर के अध्यक्ष राधेश्याम साबू ने बताया कि श्रवण शक्ति खो चुकी लड़की से विकलांग जेठ के संबंध की बात पक्की हो गई। शादी मंदिर में करवाने की बात तय हुई, लेकिन लड़की जबलपुर थी। तय हुआ इंदौर से केवल 8 लोग बराती बन दुल्हन को लाएंगे। आने का किराया दुल्हन वाले देगे और इंदौर से जबलपुर जाने का किराया दूल्हे वाले...।
दुल्हे का परिवार अत्यंत गरीब है और 8 लोगों का जबलपुर तक जाने के रुपए उनके पास नहीं थे। परिजनों ने तमाम कोशिशें की कि किसी तरह किराया जुट जाए, लेकिन जब नहीं जुटा, तो दिव्यांग दूल्हे के छोटे भाई के पत्नी ने अपना मंगल सूत्र जो सुहाग का प्रतिक माना जाता है को गिरवे में रख दिया और इंदौर से जबलपुर जाने के लिए साढ़े तीन हजार रुपए जुटाए और बरातियों को जबलपुर रवाना कर दिया। श्री साबू ने बताया कि जब हमारी संस्था को इस संबंध में जानकारी मिली, तो हम सब अचंभित हुए। हमारी संस्था गरीब मरीजों के इलाज, जांच, दवा आदि में मदद करती है, लेकिन इस मामले में हमने तुरंत सदस्यों से 3500 रुपए जुटाए और महिला के मंगल सूत्र को छुड़ाकर लौटाया।
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