भोपाल मेमोरियल को टीचिंग इंस्टीट्यूट बनाने के लिए दिग्विजय सिंह ने लिखा पीएम को पत्र

बीएमएचआरसी को फिर से अपने पुराने गौरव में लाने के लिए इसे पीजीआई चंडीगढ़ के समान विकसित करने पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा है।
बीएमएचआरसी को टीचिंग इंस्टीट्यूट बनाने के लिए दिग्विजय सिंह ने लिखा पीएम को पत्र
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भोपाल, मध्यप्रदेश। भोपाल गैस पीड़ितों के लिए बनाए गए भोपाल मेमोरियल अस्पताल एवं रिसर्च सेंटर (बीएमएचआरसी) को फिर से अपने पुराने गौरव में लाने के लिए इसे पीजीआई चंडीगढ़ के समान विकसित करने पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा है।

श्री सिंह ने पत्र में बताया है कि बीएमएचआरसी की स्थापना वर्ष 2000 में भोपाल में हुई थी। अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाओं से सुसज्जित 350 बिस्तरों वाले सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल ने देशभर के सर्वश्रेष्ठ डॉक्टरों को आकर्षित किया और भोपाल के गैस पीड़ितों के इलाज में सेवा प्रदान की। पूर्व सीएम ने कहा कि 2010 तक भोपाल में निजी सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों की स्थापना होते रहने से विशेषज्ञ डॉक्टरों को बेहतर तनख्वाह मिलने पर उन्होंने बीएमएचआरसी छोड़ना शुरू कर दिया। इसके बाद नए डॉक्टरों की भी भर्ती की गई, लेकिन वे भी लंबे समय तक अस्पताल में नहीं रह सके। आईसीएमआर द्वारा बीएमएचआरसी को चलाया जा रहा है। अब अस्पताल एक खराब स्थिति में है और सलाहकारों, विशेषज्ञों की भारी कमी से जूझ रहा है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर कहा कि अस्पताल के पूर्व गौरव को पुन: बनाए रखने के लिए देश की संसद पीजीआई, चंडीगढ़ व जेआईपीएमईआर, पुडुचेरी की तर्ज पर एक स्वायत्त पीजी मेडिकल कॉलेज के रूप में नामित कर सकती है। ऐसा करने पर भोपाल मेमोरियल अस्पताल अच्छे डॉक्टरों को अपनी ओर आकर्षित करेगा, जिसके पास पूर्व से ही उत्कृष्ट बुनियादी ढांचा और उपकरण हैं। उन्होंने कहा कि एक बार के उपाय के रूप में, वर्तमान में अस्पताल में कार्यरत डॉक्टरों को उनकी योग्यता और अनुभव के अनुरूप पदों को प्रस्तावित कर पीजीआई मेडिकल कॉलेज में समाहित किया जा सकता है। पूर्व मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र के साथ कुछ सुझाव प्रस्ताव के रूप में अलग से भेजे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से कहा है कि वे आभारी होंगे यदि वे इस प्रस्ताव को देखकर बीएमएचआरसी के संबंध में संबंधितों को आवश्यक निर्देश दे सकें।

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