दुकानों में चोरी-छिपे बिक रहा गुटखा-पाउच,जमकर हो रही मुनाफाखोरी

मध्यप्रदेश के धार जिले के पीथमपुर में सरकार के द्वारा गुटखा-पाउच और तम्बाखू की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के बावजूद दुकानदार कर रहे चोरी-छिपे बिक्री।
दुकानों में चोरी-छिपे बिक रहा गुटखा-पाउच
दुकानों में चोरी-छिपे बिक रहा गुटखा-पाउचSyed Dabeer-RE
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राज एक्सप्रेस। मध्यप्रदेश के धार जिले के पीथमपुर में सरकार के द्वारा गुटखा-पाउच और तम्बाखू की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया गया है। बावजूद इसके दुकानदारों के द्वारा चोरी-छिपे महंगे दामों पर बेंच रहे हैं। नशे की आदि लोग भी मजबूरी में इसे खरीद रहे हैं। 5 रुपये में मिलनेवाला पानपराग 40 रुपये, तम्बाखू 5 रु. का 20 रु. में, बीडी बंडल 20 रु. को 100 रु. में बिक रहा है। इस पर लगाम कसने में संबंधित विभाग के अधिकारी कर्मचारी नाकाम हैं। इसके कारण दुकानदारों के हौसले भी बुलंद होते जा रहे हैं। बुजुर्गों को भी बीडी के लिए तरसना पड़ रहा है।

संक्रमण को देखते हुए लगाया था प्रतिबंध

कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए मध्यप्रदेश सरकार द्वारा गुटखा की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके बाद खुलेआम गुटखा बिकना बंद हो गया लेकिन चोरी-छिपे गुटखे की बिक्री पहले के समान ही हो रही है। स्थिति यह है कि जो गुटखा 125 एवं 130 रुपए पैकेट बिकता था। वह अब 500 रुपए तक में बिक रहा है। एक पाउच गुटखा 40 रुपए में बिक रहा है। बिक्री में प्रतिबंध लगने के बावजूद गुटखा खाने वालों को आसानी से महंगे दामों में यह उपलब्ध हो रहा है नगर के साथ-साथ ग्रामीण वनांचल क्षेत्रों में भी पान मसाला को लोग बड़े शौक से खाते हैं। साथ ही पान और तंबाकू का भी यहां बड़ी संख्या में लोग शौक रखते हैं। लॉकडाउन होने से एक तो दुकानें बंद हैं और दूसरी ओर तंबाकू उत्पादों और पान मसाले जैसी चीजों के उत्पादन, सेवन और बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध है और जहां चोरी-छिपे जहां बिक रही हैं वहां उनको महंगा दाम लेकर खरीदना पड़ रहा है।

प्रतिबंध की आड़ में मनमानी दाम पर हो रही बिक्री

जो पाउच पहले 5 रुपये में फुटकर दुकानदारों द्वारा बेचा जाता था। वहीं पाउच अब प्रतिबंध की आड़ लेकर 10 से 15 रुपये की मनमाने दाम लेकर बेचा जा रहा है। पान मसाला के इस गोरखधंधे में सबसे ज्यादा फायदा बड़े दुकानदारों को हो रहा है। मुनाफाखोरों के कारण आमजन को परेशान होना पड़ रहा है लेकिन इस ओर पुलिस और प्रशासन के अफसरों का ध्यान नहीं है। फिलहाल गुटखा-पाउच और बीड़ी-सिगरेट बेचने पर प्रतिबंध लगाया गया है। किराना दुकानों से तो यह सामग्री बेची ही नहीं जा सकती। बावजूद इसके कुछ व्यापारी नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। किराना दुकानों से खुलेआम पाउच-गुटखा और बीड़ी-सिगरेट बेचे जा रहे हैं। इनके मनमाने दाम वसूले जा रहे हैं। इनके सेवन के आदी लोग महंगे दाम पर भी ये सामग्री मजबूरी में खरीद रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्र में हर तरफ यही आलम है।

मॉनिटरिंग का अभाव

सरकार के द्वारा जब गुटखा, पाउच, बीडी, सिगरेट की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया गया तो प्रशासनिक अधिकारी कर्मचारियों को निर्देश दिया था कि किसी भी तरह से इसकी जमाखोरी कर कोई भी दुकानदार ना बेंच सके इसके लिए मानिटरिंग किया जाए। इसी का नतीजा है कि प्रतिबंधित गुटखा पाउच महंगे दामों पर आसानी के साथ बेचा जा रहा है और इसका फायदा भी उठा रहे हैं।

कठोर कार्रवाई का प्रावधान

सरकार ने राऊ में पान, पान-मसाला और गुटखा बनाने, उसके वितरण और बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया। आदेश का उल्लंघन पाए जाने पर तत्काल लाइसेंस निरस्त कर प्रतिष्ठान को बंद कराए जाने के अलावा कठोर विधिक कार्रवाई की जा रही है। इस संबंध में आदेश जारी करते वक्त बताया गया है कि कोविड-19 महामारी का संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। पान मसाला खाकर थूकने और पान मसाले के पाउच के उपयोग से भी संक्रमण की आशंका रहती है, जिसकी वजह से यह निर्णय लिया गया है।

स्थान बदला लेकिन हालात नहीं

लॉकडाउन को लेकर सरकार लगातार सतर्क रहने की भले अपील कर रही हो लेकिन जयनगर स्थित सब्जी मंडी में आमलोग सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ा रहे हैं। जिसे लेकर शहरवासी भी अब सवाल उठाने लगे हैं। दबी जुबान से लोग कहने लगे हैं कि प्रशासन भले ही अपनी पीठ खुद थपथपा रही हो। लेकिन शहर में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। शहर में कोरोना पॉजिटिव की संख्या लगातार बढ़ रही है। अगर स्थिती नहीं सम्भली तो पीथमपुर को संभाल पाना मुश्किल होगा। बता दें ऐसे में इस महत्वपूर्ण स्थान पर सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं किया जाना प्रशासनिक उदासीनता को उजागर कर रहा है। जयनगर स्थित सब्जी मंडी में जिस तरीके से प्रतिदिन सब्जी विक्रेताओं और आम लोगों की भीड़ इक्कठा हो रही है यह देख जहां आम लोग भयभीत नजर आ रहा है। वहीं प्रशासनिक अधिकारी उदासीन बना हुआ है।ऐसा नहीं की प्रशासनिक अधिकारी की इस ओर ध्यान नहीं जा रहा। रोजाना अधिकारी इस मार्ग से गुजरते हैं, लेकिन सब्जी मंडी को देखकर भी अनदेखा कर देते हैं।

रहवासियों को करना पड़ता है दिक्कतों का सामना

इससे पहले जयनगर की सब्जी मंडी आयशर चौराहे स्थित हाट-बाजार में लगती थी, लेकिन जगह का बहाना बनाकर नगर पालिका इसे जयनगर में उठा लाया। लेकिन हालात और बेकार हो गए। सुबह चार बजे से ही लोगों का हुजूम उमड़ पड़ता है। आसपास रहवासी क्षेत्र होने से लोगों को भी कॉफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। रहवासियों ने बताया कि सुबह 3 बजे से सब्जी व्यापारियों की चीख शुरू हो जाती है, जिससे बच्चों की नींद पूरी नहीं हो पाती। रहवासियों ने बताया कि सब्जी व्यापारी बाहर से आकर सब्जी बेच रहे हैं। अधिकतर लोगों के पास मास्क नहीं रहते हैं और दुकानदार जिस हाथ से नोट लेते है उसको सेनेटाईज भी नहीं करते हैं।

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