भक्तों ने 3 क्विंटल टेसू के फूलों से बने रंग से मनाई बाबा महाकाल के साथ रंग पंचमी
उज्जैन। उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में रंगपंचमी के अवसर पर भस्मआरती के दौरान 4 बजे जल से भगवान महाकाल का अभिषेक किया गया। वहीं बाबा महाकाल का श्रृंगार कर महाकाल को टेसू के फूलों से बने रंग को अर्पित किया गया। उसके बाद मंदिर में श्रद्धालु, पण्डे पुजारियों ने बाबा महाकाल के साथ रंग पंचमी का त्यौहार मनाया। इस दौरान गर्भगृह से लेकर नंदी हाल और कार्तिकेय मंडपम तक पूरा हाल रंगमय हो गया।
महाकालेश्वर मंदिर में टेसू के फूलों से बने सुंगधित रंग से रंग पंचमी का त्योहार मनाने की यह परंपरा अनादिकाल से चली आ रही है। टेसू के फूलों को उज्जैन और आसपास के इलाकों से एकत्रित कर यहां बड़े बर्तन में गर्म पानी के साथ 2 दिन पहले 3 क्विंटल टेसू के फूलों को उबालकर शुद्ध रंग बनाया है। पंडित, पुजारियों का मानना है कि टेसू के फूल शुद्ध रूप से हर्बल होते हैं और इस रंग से ना तो शिवलिंग को नुकसान पहुंचता है। इस प्रकार आज सुबह हुई भगवान महाकाल की भस्म आरती में इन रंगों के साथ पण्डे, पुजारी और श्रद्धालुओं ने रंगपंचमी का त्योहार मनाया। साथी ही जो श्रद्धालु भस्मारती देखने आए थे उन्हें भी होली के रंगों से सराबोर कर दिया गया।
चल समारोह के साथ शाम को निकलेगी भव्य गेर
आज शाम छह बजे मंदिर के सभामंडप में भगवान वीर भद्र व ध्वज का पूजन होगा। इसके बाद चल समारोह की शुरुआत होगी। गेर में राजभवन से आया ध्वज, मंदिर का प्रतीक चांदी का ध्वज तथा 51 अन्य ध्वज शामिल रहेंगे। विद्युत रोशनी से झिलमिलाती झांकियां, विभिन्न वाद्य दल तथा मंदिर के पुजारी, पुरोहित अधिकारी आदि शामिल होंगे।
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