सुकों के जस्टिस से मिलेगा एसबीसी का डेलीगेशन, सामान्य सभा की बैठक आज
जबलपुर। मप्र राज्य अधिवक्ता परिषद के आह्वान पर प्रदेशभर में वकीलों ने शनिवार को भी स्वयं को न्यायलयीन कार्य से विरत् रहकर एकता का परिचय दिया, जबकि हाईकोर्ट ने गत् दिवस ही स्वत: संज्ञान लेकर वकीलों को काम पर लौटने के निर्देश दिये थे। लेकिन शनिवार को जबलपुर मुख्यपीठ सहित, इंदौर व ग्वालियर सहित तालुका न्यायालयों में अधिवक्ताओं ने स्वयं को न्यायलयीन कार्य से विरत् रखा। रविवार को एसबीसी की दोपहर बाद सामान्य सभा की बैठक आहुत की गई है, जिसमें आगे का निर्णय लिया जायेगा।
स्टेट बार कौंसिल के वाईस चेयरमेन एवं जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष आरके सिंह सैनी ने बताया कि मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा 25 चिन्हित प्रकरणों के निराकरण के लिये 3 माह का जो समय दिया गया है, वो बहुत ही कम है। उसमे से भी यदि शनिवार, रविवार एवं अन्य अवकाश घटा दिये जाये तो सिर्फ 60-62 दिन ही मिलते है। जो किसी भी प्रकरण के निराकरण के लिये अत्यधिक कम है। जिससे अधिवक्तागणों को अनेकों व्यवसायिक कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही जिला न्यायालय के न्यायाधीश भी सिर्फ वाहवाही लूटने के लिये प्रकरणों का निराकरण कर रहे है।
जिससे पक्षकारों को न्याय नहीं मिल पा रहा है और न्याय का उद्देश्य विफल हो रहा है। एसबीसी वाईस चेयरमेन आरके सिंह सैनी ने बताया कि मप्र. उच्च न्यायालय द्वारा आदेश पारित करने के बावजूद भी अधिवक्ताओं ने न्यायालयीन कार्य से विरत रहकर एकता का परिचय दिया है। श्री सैनी ने सभी अधिवक्ताओं का आभार व्यक्त करते हुये उनसे अपेक्षा की है कि भविष्य में भी यदि इस तरह की परिस्थितियां उत्पन्न होती है तो प्रदेश के अधिवक्ता इसी तरह से एकजुट होकर एकता का परिचय देंगे।
जिला न्यायालय में 12 वें दिन भी अधिवक्ताओं ने जताया विरोध
वहीं पिछले 12 दिनों से हाईकोर्ट के उक्त आदेश के खिलाफ जिला न्यायालय के अधिवक्तागणों ने स्वयं को न्यायलयीन कार्य से विरत् रहकर अपना विरोध जताया। जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष आरके सिंह सैनी, सचिव राजेश तिवारी, कार्यकारिणी सदस्य रेणुका शुक्ला, यतेन्द्र अवस्थी, अर्जुन साहू, अमित साहू, शैलेन्द्र यादव, राजू बर्मन सहित अन्य अधिवक्तागण उपस्थित थे।
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