Bhopal: मास्टर प्लान की सिफारिशों के खिलाफ क्रेडाई
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मास्टर प्लान की सिफारिशों के खिलाफ क्रेडाई, आम लोगों को जोडऩे चलाया कैंपेन, आपत्तियां दर्ज कराने की अपील

मध्यप्रदेश। भोपाल शासन की ओर से जारी मास्टर प्लान 2031 ड्राफ्ट की सिफारिशों के खिलाफ बिल्डर्स की संस्था क्रेडाई ने मोर्चा खोल दिया है।
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मध्यप्रदेश। भोपाल शासन की ओर से जारी मास्टर प्लान 2031 ड्राफ्ट की सिफारिशों के खिलाफ बिल्डर्स की संस्था क्रेडाई ने मोर्चा खोल दिया है। कुछ प्रस्तावों में बदलाव के लिए पहली बार आम लोगों को जोडऩे का कैंपेन चलाया है। इसका मकसद ज्यादा से ज्यादा आपत्तियां दर्ज करा सरकार पर दबाव बनाना है। साथ ही संस्था की ओर से मुख्यमंत्री से सभी के हितों का ध्यान रखते हुए सुधार की अपील की जा रही है।

सरकार और लोगों तक मास्टर प्लान मसौदे को लेकर अपनी बात पहुंचाने के लिए क्रेडाई ने मीडिया को जरिया बनाया है। इसके जरिए रोजाना अपील जारी की जा रही है। शुरुआत अरेरा कॉलोनी, चूना भट्टी, विजय नगर जैसे क्षेत्रों के प्रस्तावों के साथ की गई। फिर दुकानदारों, व्यापारियों, सीए व अन्य को संबोधित कर आपत्तियां दर्ज कराने के लिए कहा है।

यह सिलसिला दावे-आपत्ति की आखिरी तारीख 30 जून तक जारी रहेगा। क्रेडाई के पदाधिकारियों के मुताबिक संस्था की ओर से भी इन सभी बिंदुओं को लेकर विस्तृत आपत्ति जल्द दर्ज कराई जाएगी। नए जुड़े क्षेत्रों में एफएआर कम करने और लैंड यूज बदलने पर असहमत मास्टर प्लान मसौदे पर चर्चा के लिए पिछले दिनों क्रेडाई की बैठक हुई थी। इसमें सबसे ज्यादा आपत्ति प्लानिंग एरिया में नए जोड़े गए क्षेत्रों में फ्लोर एरिया रेशो कम करने को लेकर आपत्ति जताई गई थी। शहर से लगे इन ग्रामीण क्षेत्रों में एफएआर 1.25 की जगह केवल 0.25 करने का प्रस्ताव है। यानि हजार वर्गफीट के प्लॉट पर महज 250 वर्गफीट निर्माण किया जा सकेगा। बिल्डर्स का तर्क है कि शहर में जमीन की कमी की वजह से भविष्य में हाउसिंग प्रोजेक्ट ऐसे ही इलाकों में किए जाएंगे। कम निर्माण की अनुमति से बिल्डर्स को यहां अतिरिक्त एफएआर खरीदना होगा।

ऐसे में प्रोजेक्ट की लागत बढ़ेगी और भार खरीदारों पर आएगा। इसके अलावा अरेरा कॉलोनी, चूना भट्टी, विजय नगर जैसे क्षेत्रों में शुरुआती मसौदे में मिक्स लैंड यूज प्रस्तावित किया गया था। शासन ने संशोधन कर शर्तों को इतना सख्त बना दिया कि मिश्रित उपयोग यानि मकानों के साथ दुकान-ऑफिस की परमिशन मिलने बेहद मुश्किल हो जाएगा। इस पर भी बिल्डर्स सहमत नहीं बताए जा रहे हैं। अब तक 450 से ज्यादा आपत्तियां शासन ने दो जून को 39 बिंदुओं में बदलाव कर मसौदा जारी किया था। इस पर 30 दिन में दावे-आपत्ति बुलाए थे। अब तक 450 से अधिक दावे-आपत्तियां नगर तथा ग्राम निवेश संचालनालय में लग चुकी हैं। बाकी चार दिन में इसमें काफी बढ़ोतरी होने की संभावना है।

इनका कहना है -

मास्टर प्लान ड्राफ्ट का क्रेडाई के सदस्यों ने गहन अध्ययन किया है। हर वर्ग के लिए विसंगति पाई गई। यह शहर के लिए नुकसानदायक साबित होगी। आम लोग तकनीकी बातें बहुत अच्छे से नहीं समझ पाते हैं। उनमें जागरूकता लाने के लिए यह अभियान चलाया है।

मनोज सिंह मीक, प्रवक्ता, क्रेडाई मप्र

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