राजएक्सप्रेस। कोरोना वायरस ( कोविड-19), दिसंबर 2019 के आखिर में चीन के वुहान शहर से निकला ये वायरस अब लगभग पूरी दुनिया में अपने पैर पसार चुका है। पूरी दुनिया में इस वायरस के मरीज़ों का आंकड़ा 30.36 लाख पार कर चुका है और इससे मरने वालों की संख्या 209369 है। जबकि इस वायरस से ठीक होने वालों की संख्या 9.15 लाख है।
ये वायरस भले ही चीन के निकला था लेकिन चीन अब इस वायरस से लगभग पूरी तरह से निजात पा चुका है। लेकिन इस वायरस से सबसे दयनीय स्थिति अमेरिका, स्पेन, इटली, फ्रांस और जर्मनी में है।
अमेरिका में इस वायरस से संक्रमित लोगों का आंकड़ा 10 लाख पार कर चुका है और करीब 56174 मौतें हो चुकी हैं।
स्पेन में 2.30 लाख मरीज़ है, 23523 मौतें हो चुकी हैं, लेकिन 120832 इससे ठीक भी हो चुके हैं।
इटली में 2 लाख लोग संक्रमित हैं जबकि इससे 27 हज़ार लोगों की मौत हो चुकी है।
फ्रांस में 1.62 लाख मरीज, और 26982 मौतें हो चुकी है।
जर्मनी में 1.58 लाख मरीज़ और करीब 6000 मौतें हो चुकी हैं।
भारत
भारत में समय रहते लॉक डाउन और इसके कड़े पालन की वजह से यहाँ की स्थिति दूसरे देशों से बेहतर है। भारत में मरीज़ों के ठीक होने की दर भी दूसरे देशों की तुलना में बेहतर है। लेकिन जनसंख्या और जाँच करने की क्षमता को देखते हुए ये कहा जा सकता है कि भारत में कोरोना अभी कुछ समय तक रहने वाला है।
भारत में कुछ प्रदेशों की स्थिति चिंता जनक है जिनमें महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, तमिलनाडु और उतर प्रदेश शामिल हैं।
भारत में इस वक्त कोरोना संक्रमण के मामले 29459 है, 7134 लोग इससे ठीक हो चुके हैं, जबकि 942 लोग इससे अपनी जान भी गंवा चुके हैं।
भारत में कोरोना के एक्टिव मामलों को देखते हुए कई राज्य लॉक डाउन बढ़ने के पक्ष में हैं। जिसमे से रेड जोन जिलों में तो सख्ती रहेगी ही। अभी तक देश के लुक 700 जिलों में कोरोना पहुंच चुका है। लेकिन इनमें से कुछ जिलों में पिछले 28 दिनों से कोई नए केस नहीं आया है। यदि तीन मई तक कोई नए मामले सामने नहीं आए तो इन जिलों को खोलने का विचार किया जा सकता है।
मध्यप्रदेश
मध्यप्रदेश की बात करें तो यहाँ कोरोना संक्रमण की संख्या कुल 2352 पहुँच चुकी हैं, जिसमें से 372 मरीज ठीक हो चुके हैं, जबकि 115 की मौत हो चुकी है। यहाँ पर इंदौर और भोपाल की हालत सबसे ज़्यादा गंभीर है,
इंदौर में 1372 लोग संक्रमित हैं और अब तक 63 मौते हो चुकी हैं।
भोपाल में 439 संक्रमित हैं और 15 लोग इससे अपनी जान गंवा चुके हैं।
इसके अलावा उज्जैन, खरगोन, खंडवा, बड़वानी और देवास भी रेड जोन में हैं। नए मरीज़ों में ज्यादातर वो लोग हैं जो पहले से ही क्वारंटाइन हैं, लेकिन उनकी रिपोर्ट देर से आई है या फिर वो लोग जो पुलिस, चिकित्सा, सेवा या साफ़ सफाई से जुड़े हुए हैं।
मध्यप्रदेश के प्रधानमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोरोना के बाद प्रदेश की आमदनी बढ़ाकर अर्थ व्यवस्था को फिर से पटरी पर लाएंगे। साथ ही संक्रमित लोगों की मृत्यु का खर्च भी सरकार ही उठाएगी। कोरोना और लाक डाउन के चलते सरकारी कर्मचारियों का रिटायरमेन्ट भी टाल दिया गया है और उन्हें तीन महीने के लिए संविदा नियुक्ति पर रखा गया है।
मध्य प्रदेश में लाक डाउन बढ़ाने का फैसला सर्वे के हिसाब से लिया जायेगा। सर्वे के लिए अफसरों की टीम प्रभावित जिलों में जाकर वहां का दौरा करेगी, इसके बाद उनकी रिपोर्ट के हिसाब से लॉकडाउन आगे बढ़ाया जायेगा।
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