व्यापम घोटाले पर कांग्रेसी विधायकों ने अपनी सरकार पर ही दागे सवाल

विधानसभा के शीत सत्र में इस बार कांग्रेस सरकार अपने विधायकों द्वारा ही घिर गई है। सत्ता में आने से पहले कांग्रेस ने यह वादा किया था कि व्यापम घोटाले की जांच करवाएंगे।
व्यापम घोटाले पर कांग्रेसी विधायकों ने अपनी सरकार पर ही दागे सवाल
व्यापम घोटाले पर कांग्रेसी विधायकों ने अपनी सरकार पर ही दागे सवाल Ankit Dubey - RE
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राज एक्सप्रेस। विधानसभा के शीत सत्र में इस बार कांग्रेस सरकार अपने विधायकों द्वारा ही घिर गई है। कांग्रेस को सत्ता में आए करीब 1 साल हो चुका है और सरकार ने सत्ता में आने से पहले यह वादा किया था कि व्यापम घोटाले की जांच करवाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और सरकार द्वारा व्यापम मुद्दे पर कोई गहन चिंतन नहीं हुआ। जिसके चलते विधानसभा में शीत सत्र के दौरान कांग्रेस सरकार के विधायकों ने गृहमंत्री बाला बच्चन पर कड़े सवाल दाग दिए।

किन विधायकों ने उठाया सवाल

धार जिले के सरदारपुर सीट से कांग्रेस विधायक प्रताप ग्रेवाल और साथ ही हर्ष विजय गहलोत कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी और मनोज चावला ने गृहमंत्री बाला बच्चन पर व्यापम घोटाले को लेकर सवाल उठाए। चारों विधायकों ने व्यापम घोटाले पर चल रहे प्रकरण और एसटीएफ द्वारा हो रही जांच को लेकर सवाल किये।

विधायक हर्ष विजय गहलोत ने सवाल किया कि क्या एसटीएफ 2006 से 2010 तक पीएमटी परीक्षा में हुए घोटाले की जांच करेगा, क्या सीबीआई 2009 से 2013 तक आयोजित 8 भर्ती परीक्षाओं की जांच कर रहा है, उनके सवाल पर गृहमंत्री बाला बच्चन ने जवाब देते हुए कहा कि व्यापम घोटाले में एसटीएफ द्वारा 197 लंबित मामलें है जिसमें जांच हो रही है।

कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी के सवाल पर तो गृहमंत्री की ओर से जो जवाब आया उसने सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया। सरकार द्वारा साफ कहा गया कि, व्यापम घोटाले पर सरकार की ओर से कोई श्वेत पत्र जारी नहीं होगा और साथ ही व्यापम घोटाले की जांच के लिए जो एसआईटी गठित की गई थी, उसकी जांच में भी किसी तरह की कोई ऊंच-नीच नहीं हुई है।

क्या थे कुणाल चौधरी के सवाल

कुणाल चौधरी ने सवाल किया कि, पूर्व में व्यापम घोटाले की जांच में एसटीएफ ने गड़बड़ की और उसकी जांच के लिए बनी एसआईटी के निर्देशों की अवहेलना की? यदि हां तो क्या इस एसआईटी की पूर्व भूमिका को जांच में शामिल किया जा सकता है?

इस पर गृहमंत्री बोले कि जी नहीं वस्तुस्थिति यह है कि व्यापम घोटाले की जांच 3 सदस्यीय एसआईटी, जिसमें कि रिटायर्ड हाई कोर्ट जज भी शामिल हैं कि, दिशा-निर्देशों एवं पर्यवेक्षण में की गई है।

कुणाल चौधरी ने अपने अगला सवाल में कहा कि, व्यापम घोटाले को देखते हुए अगर 6 महीने से अधिक समय तक जांच पूरी नहीं होती तो क्या घोटाले पर एक श्वेत पत्र जारी किया जाएगा?

इस पर सभी कांग्रेस सदस्य भौंच्चके रह गए और गृहमंत्री ने जवाब दिया कि सरकार व्यापम घोटाले की जांच से पूरी तरह सहमत है और संतुष्ट है, इस पर श्वेत पत्र लाने की सरकार की इच्छा नहीं है।

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