कांग्रेस ने लगाए आरोप- भाजपा की कठपुतली बना निर्वाचन आयोग
इंदौर। मध्यप्रदेश में इस वर्ष के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों के पहले कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग की कार्य शैली पर सवाल उठाते हुए, उसे भाजपा की कठपुतली बनकर जिताने के लिए नित्य नए तरीके अपनाए जाने का बड़ा आरोप लगाते हुए कानूनी नोटिस भेजा है। मंगलवार को कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रदेश उपाध्यक्ष संतोष सिंह गौतम, मतदाता सूची कार्य के इंदौर प्रभारी दिलीप कौशल (पूर्व पार्षद) ने जानकारी देते हुए बताया कि इंदौर जिले की 9 विधानसभा सीटों के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा 302 अपात्र कर्मचारियों को शासकीय बीएलओ बनाया गया है।
उक्त कर्मचारी भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित पात्रता नहीं रखते हैं, जिनके कारण इंदौर की मतदाता-सूचियों में निरंतर गड़बडिय़ां सामने आ रही हैं। ऐसे 302 अपात्र कर्मचारियों को बीएलओ के कार्य से तत्काल मुक्त करने और उनके द्वारा किए गए कार्यो की जांच के लिए इंदौर के कांग्रेस पार्टी संगठन प्रभारी महेंद्र जोशी व दिलीप कौशल ने अभिभाषक जयेश गुरनानी के माध्यम से भारत निर्वाचन आयोग, मध्यप्रदेश निर्वाचन आयोग, जिला कलेक्टर सहित सभी रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों को कानूनी नोटिस भेजकर अपात्र बीएलओ कर्मचारियों की सूची भी सौंपी है।
फर्जी व डुप्लीकेट नाम होना लोकतंत्र की हत्या के समान
गौतम और कौशल ने बताया कि मतदाता सूची निर्वाचन का अहम् भाग है, जिसमें फर्जी व डुप्लीकेट नाम होना लोकतंत्र की हत्या के समान होकर भाजपा का सुनियोजित षड्यंत्र प्रतीत होता है। निर्वाचन आयोग का कार्य निष्पक्ष और पारदर्शी होना चाहिए लेकिन मतदाता सूचियों में गड़बड़ी होना व आपत्तियों को दरकिनार करने से निर्वाचन आयोग की भूमिका पर संदेह होता है।
खुलासे के बाद भी नहीं हुआ शुद्धिकरण
उन्होंने कहा वर्ष 2021 में किए गए खुलासे के बाद भी मतदाता सूची का शुद्धिकरण नहीं होने पर कांग्रेस ने उच्च न्यायलय से याचना की थी, जिसमें अपर कलेक्टर ने शपथ-पत्र के साथ पत्र देकर 2 लाख 59 हजार नाम मतदाता सूची से विलोपित किए जाने का उल्लेलेख किया था और हाल ही में इस वर्ष 5 जनवरी 2023 को विधानसभा चुनाव-2023 के लिए अंतिम प्रकाशित की गई मतदाता-सूची में से भी 1 लाख 35 हजार 836 नाम हटाए गए, जिसके विधानसभावार आंकड़े कांग्रेस के पास सुरक्षित हैं।
यह सवाल उठाया
कांग्रेस नेताओ ने पत्रकार-वार्ता में बड़ा सवाल उठाया है कि आखिर मतदाता-सूचियों में लाखों फर्जी नाम कैसे जुड़े ? और बिना विधिक प्रक्रिया अपनाए, हटा क्यों दिए गए ? नेताओं ने बताया कि निर्वाचन आयोग लोकतंत्र का मजबूत स्तंभ है लेकिन उसके द्वारा संविधान व कानून का खुला उल्लंघन किया जा रहा है व भाजपा को जिताने के लिए पारदर्शी तरीके से कार्य नहीं करते हुए नित्य नए पैंतरे अपनाए जा रहे हैं। मतदाता सूचियों में गड़बडिय़ां , मतदान केंद्रों का फेरबदल, मतदान केंद्रों का पुनर्निर्धारण कर उनकी संख्या कम करना, निर्वाचन कार्यालय से रिकॉर्ड चोरी होना और अब सैकड़ों अपात्र कर्मचारियों को बीएलओ बनाया जाना इन गड़बडिय़ों का ज्वलंत प्रमाण है।
1 लाख 35 हजार 836 मतदाता के नाम कटे
मध्यप्रदेश की सबसे बड़ी और सबसे छोटी विधानसभाएं इंदौर में हैं। कांग्रेस पार्टी विगत विधानसभा चुनाव में 5 नंबर सीट मात्र 1100 मतों से हार गई, जबकि निर्वाचन कार्यालय द्वारा इस वर्ष जारी की गई मतदाता-सूची में 5857 नए मतदाता जुड़े हैं और 27819 मतदाताओं के नाम बिना विधक प्रक्रिया के काटे गए हैं। इसी प्रकार विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 3 में 1701 नए नाम जोडऩे के बाद 8077 नाम मतदाता-सूची से काटे गए हैं। इस प्रकार इंदौर की 9 विधानसभा क्षेत्रों में आगामी चुनाव के लिए इस वर्ष जारी की गई अंतिम प्रकाशित मतदाता सूची में से 1 लाख 35 हजार 836 मतदाताओं के नाम काटे गए हैं। उक्त तथ्य अपात्र बीएलओ की कार्यशैली का ज्वलंत प्रमाण है।
7 दिन में कार्य मुक्त करने की मांग
कांग्रेस नेताओं ने सम्पूर्ण प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए अभिभाषक गुरनानी के माध्यम से कानूनी नोटिस भेजकर 7 दिन में विधिक प्रक्रिया अपना कर इंदौर जिले में पदस्थ किए गए 302 अपात्र बीएलओ को तत्काल बीएलओ के कार्य से मुक्त करने की मांग की है, उच्च न्यायलय में याचिका लगाने की चेतावनी भी नोटिस में दी है।
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