मध्यप्रदेश पंचायत चुनाव टालने का फिर कानूनी पेंच: कांग्रेस नेता तन्खा
भोपाल, मध्यप्रदेश। एमपी पंचायत चुनाव रद्द हो चुके हैं। सरकार ने चुनाव से संबंधित अध्यादेश वापस ले लिया, जिस पर राज्यपाल की मुहर लगने के बाद निर्वाचन आयोग ने भी चुनाव निरस्त करने का आदेश जारी कर दिया। बता दें कि MP में चुनाव रद्द होने के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने एक बड़ा फैसला लिया है कि अब MP में रिवाइज्ड वोटर लिस्ट के आधार पर पंचायत चुनाव होंगे।
कांग्रेस ने चुनाव टालने का एक कानूनी पेंच बताया
इस बीच मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव पर जारी सियासत के बीच नए सिरे से पंचायत चुनाव कराने के लिए तैयारी एक बार फिर शुरू हो गई हैं। वहीं, दूसरी तरफ कांग्रेस ने इसका विरोध किया है और इसे चुनाव टालने का एक कानूनी पेंच बताया है। अब मध्यप्रदेश पंचायत चुनाव को लेकर कांग्रेस नेता विवेक तन्खा (Vivek Tankha) का बड़ा बयान सामने आया है।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता विवेक तन्खा का आरोप-
वरिष्ठ कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने इसे सरकार का अविश्वसनीय कदम बताया है, कांग्रेस नेता विवेक तन्खा ने कहा है कि कमलनाथ सरकार द्वारा परिसीमन और विभाजन को पूरा किया गया था, उसे एक बार फिर रद्द करके यह अध्यादेश सीधे-सीधे पंचायत चुनावों में देरी करने का कानूनी पेंच है।
कांग्रेस नेता विवेक तन्खा ने किया ट्वीट
कांग्रेस नेता विवेक तन्खा ने ट्वीट कर कहा - मप्र भाजपा पंचायत चुनाव, फिर एक अविश्वसनीय कदम। शासन द्वारा 1219-20 में परिसीमन एवं विभाजन कार्य पूर्ण कर और जिसके विरुद्ध हाई कोर्ट में चुनौती भी अस्वीकार हो चुकी थी , को एक बार फिर रद्द कर नये सिरे से परिसीमन करने का संशोधन अध्यादेश 30 dec 21 को अधिसूचित कर, पंचायत में विलम्ब करने की क़ानूनी पेंच। क्या भाजपा का न्यायालय के निर्णय से विश्वास उठ चुका है। या भाजपा सरकार का उद्देश कुछ और है। 250/300 चुनौती याचिका पिछले परिसीमन और विभाजन के विरुद्ध ख़ारिज हो चुकी है। तो फिर से यह सब लम्बी प्रक्रिया क्यों? क्या हार का डर भाजपा को सता रहा है।
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