नहीं रुका निर्माण कार्य
नहीं रुका निर्माण कार्यPrafulla Tiwari

कलेक्टर के निर्देश पर सीएमओ ने थमाया नोटिस, मोहित को नहीं परवाह, करा रहा निर्माण

मोहित अग्रवाल को कलेक्टर नीरज कुमार सिंह के निर्देश पर मुख्य नगर पालिका अधिकारी शैलेंद्र बड़ोनिया ने नोटिस तो जारी कर दिया है। लेकिन निर्माणकर्ता पर इसका कोई असर नहीं दिखाई दे रहा है।
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होशंगाबाद, मध्यप्रदेश। नर्मदा ग्रीन बेल्ट के 100 मीटर दायरे के अंदर ट्रस्ट की जमीन को खरीदकर बिना अनुमति निर्माण कार्य करा रहे मोहित अग्रवाल को कलेक्टर नीरज कुमार सिंह के निर्देश पर मुख्य नगर पालिका अधिकारी शैलेंद्र बड़ोनिया ने नोटिस तो जारी कर दिया है। लेकिन निर्माणकर्ता पर इसका कोई असर नहीं दिखाई दे रहा है। नोटिस जारी होने के बाद भी निर्माण कार्य जारी है। वहीं भवन को किराए से देने की भी तैयारी शुरू हो गई है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार मोहित अग्रवाल को किसी कांग्रेस नेता का संरक्षण प्राप्त है। जिसकी वजह से वह अधिकारियों द्वारा जारी नोटिस के बाद भी हठधर्मिता कर निर्माण कार्य करा रहा है। नोटिस जारी किया गया है कि भवन निर्माण नर्मदा ग्रीन बेल्ट के 100 मीटर दायरे के अंदर बनाया जा रहा है वह भी अनुमति लिए बिना। लेकिन पूरे मामले का सबसे खास पहलू यह है कि आखिर जिस जमीन पर भवन बनाया गया है। वह अग्रवाल तक कैसे पहुंची। क्योंकि वह जमीन ट्रस्ट की है और किसी भी नियम के तहत ट्रस्ट की जमीन को खरीदा बेचा नहीं जा सकता है। ऐसी स्थिति में जांच का विषय है कि ट्रस्ट की जमीन को किस-किस ने सांठ-गांठ कर बेचा और खरीदा। दोषियों पर कार्रवाई की जाना चाहिए।

ट्रस्ट में दान की गई जमीन कैसे बिकी, जांच होगी :

मोहित अग्रवाल जिस जमीन पर भवन निर्माण करा रहे हैं। वह जमीन सालों पहले एक वृद्धा ने वारिस नहीं होने की वजह से ट्रस्ट को दान कर दी थी। दान की गई जमीन को सांठगांठ कर बेच दिया गया। जबकि नियामानुसार दान दी गई जमीनों को कोई भी ट्रस्ट कभी भी नहीं बेच सकती। लेकिन इस जमीन को ट्रस्ट के लोगों ने नियम विरुद्ध तरीके से किसी चौकसे को बेच दिया। चौकसे ने जमीन को मोहित अग्रवाल को बेच दी। मामले का संज्ञान लेते हुए कलेक्टर के निर्देश पर सीएमओ ने नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण एवं दस्तावेज तलब किये हैं, लेकिन उक्त निर्माण धड़ल्ले से जारी है। जिस पर रोक लगनी चाहिये।

हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना :

नर्मदा के दोनों किनारों पर हाईकोर्ट ने किसी भी प्रकार के नये निर्माण पर प्रतिबंध लगाया है। नर्मदा के किनारे 100 मीटर दायरे में निर्माण करना सख्त मना है। यदि कोई व्यक्ति भवन या मकान का निर्माण करता है तो क्षेत्र के एसडीएम, तहसीलदार, नगरपालिका को ऐसे निर्माण पर सख्ती से रोककर निर्माण कार्य रुकवा सकते हैं और जरूरत पडऩे पर संबंधित के विरुद्ध कठोर कार्रवाई भी कर सकते हैं। विदित रहे स्थानीय कोरी घाट पर मोहित अग्रवाल द्वारा हाईकोर्ट के आदेशों की अव्हेलना करते हुए आलीशान भवन का निर्माण कार्य किया जा रहा है। इस हिसाब से श्री अग्रवाल के विरुद्ध कार्रवाई की जाना चाहिए।

मकान ढहने से जन-धन हानी हुई तो दोषी अग्रवाल होंगे :

कोरी घाट निवासी जगदीश प्रसाद का कहना है कि निर्माण की वजह से उनके मकान में बड़ी-बड़ी दरारे आ गई है। जिसकी वजह से मकान कमजोर हो गया है। ऐसे में किसी भी दिन मकान ढह सकता है। यदि मकान के ढहने की वजह से धन-जन हानि होती है तो इसकी पूरी जवाबदारी निर्माण करा रहे मोहित अग्रवाल की होगी।

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