हाइलाइट्स-
राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर आयोजित कार्यशाला में शामिल हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव।
राज्यपाल मंगुभाई पटेल व मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने कार्यशाला का किया उद्घाटन।
मुख्यमंत्री मोहन यादव बोले- हमारी ज्ञान परंपरा गंगोत्री की तरह पवित्र और उज्ज्वल।
भोपाल, मध्य प्रदेश। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के उद्देश्य और कार्ययोजना को मूर्त रूप देने के लिए भोपाल में दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया है। इस कार्यक्रम में राज्यपाल मंगु पटेल मुख्यमंत्री मोहन यादव, उच्च शिक्षामंत्री इंदर सिंह परमार और अतुल कोठारी, हिंदी अकादमी के डायरेक्टर ने विचार शामिल हुए। उच्च शिक्षामंत्री इंदर सिंह ने कहा भारतीय ज्ञान परंपरा को पाठ्यक्रम में शामिल कर इसे समृद्ध और सशक्त करेंगे। इसके लिए शासन स्तर से प्रकोष्ठ बनाया जाएगा।
बता दें कि, मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल एवं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अंतर्गत 'भारतीय ज्ञान परम्परा-विविध संदर्भ' विषय पर भोपाल में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री इन्दर सिंह परमार एवं अन्य गणमान्य जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे। इस मौके पर राज्यपाल मंगुभाई पटेल एवं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा ₹8.60 करोड़ की लागत से शासकीय सरोजिनी नायडू कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय, भोपाल का विस्तारीकरण, नवीनीकरण व बैरियर फ्री कार्य एवं ₹6.17 करोड़ की लागत से शासकीय महाविद्यालय, सिराली, हरदा के नवीन भवन का लोकार्पण किया गया। इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री श्री इन्दर सिंह परमार बतौर विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहे।
मोहन यादव ने कही यह बात:
इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि, "यह हमारा सौभाग्य है कि हमने अपनी संस्कृति और ज्ञान परम्परा को अक्षुण्ण रखा है। हमारी ज्ञान परंपरा गंगोत्री की तरह पवित्र और उज्ज्वल है। ज्ञान को किसी सीमा में बांधा नहीं जा सकता है। ऋग्वेद में कहा गया है कि जहां से भी ज्ञान मिले उसे ग्रहण कर लेना जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि, यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत 'वसुधैव कुटुम्बकम्' की भावना सार्थक करते हुए जियो और जीने दो के सिद्धांत का उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है और इस बात को कोविड के दौरान पूरी दुनिया ने देखा है।"
उन्होंने कहा कि, "देश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को लागू हुए यह चौथा साल है। मुझे इस बात का संतोष है कि भारतीय ज्ञान परम्परा और नई शिक्षा नीति को लागू करने में उच्च शिक्षा विभाग महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। सरकार की मंशा है कि प्रदेश के विश्वविद्यालय, देश के बाहर भी अपनी साख और पहचान बनाएं। विभाग की जो भी आवश्यकताएं होंगी, सरकार उन्हें पूरा करेगी।"
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