वीर सपूत हेमू कालाणी की जयंती आज
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देश के वीर सपूत हेमू कालाणी की जयंती आज, एमपी के सीएम शिवराज ने किया कोटिशः नमन

आज 23 मार्च 2022 को महान स्वतंत्रता सेनानी वीर सपूत हेमू कालाणी (Hemu Kalani) की जयंती है। इस खास मौके पर सीएम शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) समेत कई नेताओं ने उन्हें नमन किया है।
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भोपाल, मध्य प्रदेश। आज 23 मार्च 2022 को महान स्वतंत्रता सेनानी वीर सपूत हेमू कालाणी (Hemu Kalani) की जयंती है। शहीद हेमू कालाणी के जयंती के अवसर पर सिंधी समाज द्वारा जन्मोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। जयंती के खास मौके पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan), नरोत्तम मिश्रा (Narottam Mishra) समेत कई नेताओं ने उन्हें नमन किया है।

सीएम शिवराज ने किया ट्वीट:

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने ट्विटर पर पोस्ट शेयर कर हेमू कालाणी की जयंती पर उन्हें नमन किया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, "महान स्वतंत्रता सेनानी, अल्पायु में अपना प्राणोत्सर्ग कर देने वाले वीर सपूत हेमू कालाणी की जयंती पर कोटिशः नमन् करता हूं। मातृभूमि की सेवा के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर देने वाले देश के बहादुर बेटे की गौरवगाथा सर्वदा युवाओं को राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरित करती रहेंगी।"

नरोत्तम मिश्रा ने किया ट्वीट:

वहीं मध्य प्रदेश के गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने भी शहीद हेमू कालाणी जी की जयंती पर उन्हें याद किया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, "मां भारती के लिए अपना सर्वस्व बलिदान कर देशवासियों के दिलों में अमिट जगह बनाने वाले अमर शहीद हेमू कालानी जी की जयंती पर शत-शत नमन।"

वी डी शर्मा ने किया नमन:

वहीं बीजेपी नेता वी डी शर्मा ने शहीद हेमू कालाणी जी की जयंती पर उन्हें याद किया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, "वीर क्रांतिकारी, अमर शहीद हेमू कालाणी जी की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि नमन। अमर शहीद हेमू कालाणी ने मात्र 19 वर्ष की आयु में अपने साथियों के साथ अंग्रेज़ों के ख़िलाफ़ बग़ावत का बिगुल फूँक दिया था। उनका बलिदान देश कभी भुला नहीं सकता।"

वहीं अगर हेमू कालाणी के बारे में बात करें, तो हेमू कालाणी (23 मार्च,1923-21 जनवरी,1943) सिंध के सक्खर (अब पाकिस्तान में) जन्मे थे। पेसूमल कालाणी एवं जेठी बाई के पुत्र हेमू कालाणी बचपन से ही साहसी थे। स्कूल जाने के साथ ही वह क्रांतिकारी गतिविधियों में सक्रिय हो गए थे। हेमू कालाणी जब मात्र 7 वर्ष के थे, तब वह तिरंगा लेकर अंग्रेजों की बस्ती में अपने दोस्तों के साथ क्रांतिकारी गतिविधियों का नेतृत्व करते थे।

1942 में 19 वर्षीय किशोर क्रांतिकारी ने 'अंग्रेजो भारत छोड़ो' नारे के साथ अपनी टोली के साथ सिंध प्रदेश में तहलका मचा दिया था। अमर शहीद हेमू कालाणी उन क्रांतिकारियों में शामिल थे, जो मात्र 19 वर्ष की उम्र में शहीद हो गये थे। हेमू लोगों से समस्त विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करने के लिए अनुरोध किया करते थे।

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