धार में आयोजित 'पेसा जागरूकता सम्मेलन'
धार में आयोजित 'पेसा जागरूकता सम्मेलन'Social Media

'पेसा एक्ट' जनजातीय भाई-बहनों को जमीन पर पहला अधिकार प्रदान करता है: सीएम शिवराज

धार, मध्यप्रदेश : सीएम शिवराज ने धार में आयोजित 'पेसा जागरूकता सम्मेलन' का शुभारंभ कन्या पूजन, दीप प्रज्ज्वलन एवं जनजातीय जननायकों के चित्रों पर माल्यार्पण कर किया।
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धार, मध्यप्रदेश। एमपी के धार जिले में पेसा जागरूकता सम्मेलन का आयोजन किया गया है, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने कुक्षी, जिला धार में आयोजित 'पेसा जागरूकता सम्मेलन' का शुभारंभ कन्या पूजन, दीप प्रज्ज्वलन एवं जनजातीय जननायकों के चित्रों पर माल्यार्पण कर किया है।

धार में आयोजित 'पेसा जागरूकता सम्मेलन'

मेरे जनजातीय भाई-बहनों आज मैं आपको पेसा एक्ट पढ़ाने आया हूं : CM

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, मेरे जनजातीय भाई-बहनों आज मैं आपको पेसा एक्ट पढ़ाने आया हूं। मध्यप्रदेश पेसा एक्ट जनजातीय भाई-बहनों को ओर मजबूत करने के लिए है। ये किसी गैर जनजातीय समाज के खिलाफ नहीं है, पेसा एक्ट प्रदेश के जनजातीय बहुल 89 विकासखंडों में लागू है।धार के 12 विकासखंड़ों में ये कानून जनजातीय भाई-बहनों को अधिकार संपन्न, मजबूत बनाने के लिये लागू किया गया है।

'पेसा जागरूकता सम्मेलन' में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, 'पेसा एक्ट' जनजातीय भाई-बहनों को जमीन पर पहला अधिकार प्रदान करता है, कोई भी प्रोजेक्ट के लिए जमीन ली जाएगी तो उसके लिये ग्रामसभा की अनुमति लेना अनिवार्य होगा, पेसा एक्ट जहां लागू हुआ है वहां अब हर साल पटवारी और बीट गार्ड को ग्रामसभा में जनजातीय लोगों के बीच गांव की जमीन का नक्शा, खसरे की नकल पढ़कर बताना होगा।

  • मामा और भाजपा की सरकार में यह शोषण नहीं होगा। अगर किसी ने निर्धारित ब्याज से ज्यादा या बिना लाइसेंस के कर्जा दिया तो वह कर्ज वसूली नहीं करवा पाएगा। वह कर्ज माफ कर दिया जाएगा।

  • अगर सरकार को अनुसूचित क्षेत्र में से कोई भी खनिज का पट्टा, रेत, मिट्टी, गिट्टी व पत्थर लेना हो तो सर्वे भी तब करेगी जब गाँव वाले व ग्राम सभा अनुमति देंगे।

सीएम ने कहा कि, भाजपा की सरकार ने गांव-गांव में तालाब बनवाये हैं। इन तालाबों का प्रबंधन ग्राम सभाएं करेंगी। तालाब में मछली पालन होगा या नहीं, यह ग्राम सभा तय करेगी और उससे प्राप्त होने वाली राशि ग्राम सभा को मिलेगी, खदानों व खनिजों पर पहला अधिकार जनजातीय सोसाइटी का, दूसरा अधिकार जनजातीय बहनों का, तीसरा अधिकार जनजातीय पुरुष का होगा और यदि वह मना करें तो फिर किसी ओर का अधिकार होगा। अब यदि ग्राम सभाएं चाहेंगी, तो तेंदूपत्ता को तोड़वाने का काम और उसका बिक्री का मूल्य भी तय कर सकेंगी। गांवों के विकास के लिए आने वाली राशि के उपयोग का निर्णय भी अब गांव के लोग और ग्राम सभाएं करेंगी।

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