गुरु नानक देव ने जात-पात भेदभाव से ऊपर उठकर पूरी दुनिया को शाश्वत शांति का पथ दिखलाया: सीएम शिवराज
हाइलाइट्स :
कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है गुरु नानक जयंती
गुरुनानक देव की जयंती पर CM ने उन्हें कोटि-कोटि नमन किया
CM ने कहा- उन्हीं के बताए हुए रास्ते पर चलकर हम दुनिया का कल्याण कर सकते हैं
मध्यप्रदेश : हर साल कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि के दिन गुरु नानक जयंती मनाई जाती है, ऐसे में आज सम्पूर्ण विश्व को एकता, शांति एवं सद्भाव का संदेश देने वाले, सिख पंथ के संस्थापक, महान संत श्री गुरुनानक देव की जयंती पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें कोटि-कोटि नमन किया है।
बता दें, आज मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गुरु नानक देव के 554वें प्रकाश पर्व के अवसर पर दर्शन के लिए रायसेन के ओबेदुल्ला गंज गुरुद्वारा पहुंचे, जहां उन्होंने पत्नी साधना सिंह के साथ गुरुद्वारा में मत्था टेका और समस्त प्रदेशवासियों के मंगल व कल्याण की कामना कर सभी को प्रकाश पर्व की बधाई व शुभकामनाएं दीं।
गुरु नानक देव की जयंती पर उनके चरणों में बारंबार प्रणाम: CM
इस दौरान मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि, आज गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व है। गुरु नानक देव की जयंती पर उनके चरणों में बारंबार प्रणाम। उन्होंने जात पात भेदभाव से ऊपर उठकर पूरी दुनिया को शाश्वत शांति का पथ दिखलाया। उन्हीं के बताए हुए रास्ते पर चलकर हम दुनिया का कल्याण कर सकते हैं।
परमार्थ तथा मानवता की सेवा को समर्पित आपके लोक कल्याणकारी विचारों का अखण्ड आलोक सदैव हमारा मार्ग प्रशस्त करता रहेगा।
CM शिवराज
बताते चलें कि, श्री गुरु नानक देव का जन्म रावी नदी के किनारे स्थित तलवण्डी नामक गाँव में कार्तिकी पूर्णिमा को एक खत्री कुल में हुआ था। गुरु नानक सिक्खों के प्रथम गुरु (आदि गुरु) थे। इनके अनुयायी इन्हें 'गुरु नानक', 'बाबा नानक' और 'नानकशाह' नामों से संबोधित करते हैं। गुरु नानक 20 अगस्त, 1507 को सिक्खों के प्रथम गुरु बने थे। वे इस पद पर 22 सितम्बर, 1539 तक रहे थे। गुरु साहिब जी का 'नाम जपो, कीरत करो, वंड छको' का सिद्धांत जगत में मानवता के कल्याणार्थ सदैव प्रेरणापुंज रहेगा।
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।