आर्थिक सर्वेक्षण पेश: CM बोले- MP का वित्तीय प्रबंधन अच्छा और आर्थिक स्थिति है मजबूत
भोपाल, मध्य प्रदेश। मध्य प्रदेश में विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है, जिसका आज मंगलवार को दूसरा दिन है। इस दौरान MP के वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा ने आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया है। पटल पर आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट पेश होने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कही ये बातें।
मध्यप्रदेश की आर्थिक विकास दर में 16.43 प्रतिशत की वृद्धि :
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा- आज मध्यप्रदेश का आर्थिक सर्वेक्षण आया है। मुझे कहते हुए प्रसन्नता हो रही है कि आर्थिक सर्वेक्षण में जो तथ्य आए हैं वह ये सिद्ध करते हैं कि मध्यप्रदेश का वित्तीय प्रबंधन अच्छा है, आर्थिक स्थिति मजबूत है। एक तरफ जहां हमने वित्तीय अनुशासन और सुशासन के साथ सर्व समावेशी विकास किया है, तो वहीं दूसरी तरफ राज्य के बजट का आकार लगातार बढ़ा है। हमारा कर संग्रहण भी लगातार बढ़ रहा है। मुझे यह कहते हुए गर्व है कि, 2022-23 में मध्यप्रदेश की आर्थिक विकास दर में 16.43 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह अपने आप में सिद्ध करता है कि मध्यप्रदेश आर्थिक दृष्टि से आगे बढ़ रहा है। कोविड के बाद यह बाउंस बैक है।
सकल घरेलु उत्पाद वर्ष 2001-02 में 71,594 करोड़ था जो अब बढ़कर 13 लाख 22 हजार करोड़ रुपये हो गया है। प्रति व्यक्ति आय 2001-02 में 11 हजार 718 रुपये थी, जो वर्ष 2011-12 में बढ़कर 38,497 रुपये हुई और अब वर्ष 2022-23 में बढ़कर 1 लाख 40 हजार 500 रुपये हो गई है। वर्ष 2005 में ऋण जीएसडीपी अनुपात 39.5 प्रतिशत था। लेकिन कोविड महामारी की कठिनाइयों के बावजूद यह घटकर 2020-21 में 22.6 प्रतिशत हो गया है। यह अपने आप में सिद्ध करता है कि जीएसडीपी के अनुपात में ऋण का प्रतिशत लगातार घटा है।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान
किसानों को ऋण वितरण में 13.41 प्रतिशत और एमएसएमई क्षेत्र को ऋण देने में 30.22 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। स्ट्रीट वेंडर्स को भी ऋण प्रदान करने में मध्यप्रदेश सबसे आगे है। हमने 5.25 लाख स्ट्रीट वेंडर्स को 521 करोड़ रु से अधिक का ऋण दिया है। यह सभी आंकड़े बताते हैं कि मध्यप्रदेश की आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है। जीएसडीपी का आकार लगातार बढ़ रहा है। करों का संग्रहण लगातार बढ़ रहा है। प्रति व्यक्ति आय लगातार बढ़ रही है।
विगत वर्ष हमारा पूंजीगत व्यय 37 हजार 89 करोड़ रुपये था। हमने एक साल में उसको 23.18 प्रतिशत बढ़ाया। अब वह बढ़कर 45,685 करोड़ रु हो गया है। औद्योगिक विकास दर 2001-02 में -0.61 प्रतिशत थी। 2022-23 में बढ़कर 24 प्रतिशत हुई है।
मध्यप्रदेश बना सर प्लस स्टेट। मध्यप्रदेश में जहां साल 2003 तक ऊर्जा क्षमता सिर्फ 5,173 मेगावॉट थी जो वर्ष 2022 में बढ़कर 28,000 मेगावॉट हो चुकी है।
गेहूं के निर्यात में मध्यप्रदेश देश में नम्बर-1। देश में कुल गेहूं के निर्यात में मध्यप्रदेश की 46% भागीदारी, बीते वर्षों में गेहूं उत्पादन 169 लाख मीट्रिक टन से बढ़कर 600 मीट्रिक टन के पार।
स्वास्थ्य के क्षेत्र में समृद्ध होता मध्यप्रदेश। मध्यप्रदेश हेल्थ बजट ₹662 करोड़ से बढ़कर ₹10,400 करोड़ से अधिक हुआ। पैरा मेडिकल स्टाफ की संख्या में साल 2003 के मुकाबले अब तक 43,500 से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है।
सिंचाई क्षमता में बढ़ोतरी से मध्यप्रदेश की कृषि विकास दर में रिकॉर्ड तोड़ वृद्धि हुई है। वर्ष 2003 में उपलब्ध सिंचाई क्षमता 7 लाख 68 हजार हेक्टेयर से बढ़कर वर्ष 2022 में 45 लाख हेक्टेयर हो गई है।
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