बालाघाट में CM शिवराज ने विभिन्न विकास कार्यों का शुभारंभ कर संबोधन में कहीं ये खास बातें...
बालाघाट, मध्य प्रदेश। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज बुधवार को लामता, जिला बालाघाट में कन्या पूजन और दीप प्रज्ज्वलन कर ₹146 करोड़ लागत की 'लामता पाइप सिंचाई परियोजना' का भूमिपूजन एवं विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास किया।
ये देश को सशक्त करने का अभियान है :
भिन्न विकास कार्यों का शिलान्यास-लोकार्पण कार्यक्रम में CM शिवराज ने कहा- मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना हमने बनाई है। यदि बहनें सशक्त होंगी तो समाज सशक्त होगा। समाज सशक्त तो प्रदेश और प्रदेश सशक्त तो देश सशक्त होगा। ये केवल योजना नहीं है, ये देश को सशक्त करने का अभियान है। हमारी बहनें आर्थिक रूप से सशक्त हों, शैक्षणिक रूप से सशक्त हों, स्वावलंबी बनें। पहले हमने बेटियों को आगे बढ़ाने के लिए लाड़ली लक्ष्मी योजना बनाईं, अब प्रदेश में 44 लाख लाड़ली लक्ष्मियां हैं।
हमने तय किया कि बेटियां कॉलेज में जाएंगी तो ₹ साढ़े 12 हजार मिलेंगे, डिग्रियां लेंगी तो ₹ साढ़े 12 हजार मिलेंगे। मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन लेंगी तो फीस प्रदेश सरकार भरवाएगी। मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के अंतर्गत जो गरीब, मध्यम वर्गीय परिवार की बहनें हैं, जिनके पास 5 एकड़ से कम जमीन है, जिनकी आमदनी साल में ढाई लाख तक है, ऐसी बहनों के खाते में हर महीने ₹ 1 हजार डाले जाएंगे।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान
बहनों के हक में मैंने एक और फैसला लिया है। शराब दुकानों में चलने वाले अहातों को बंद कर दिया है। एक अप्रैल से सारे अहाते बंद हो जाएंगे। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी भारत के मान को दुनिया भर में बढ़ा रहे हैं। देश को इतना आगे ले गए हैं कि रूस और अमेरिका भी भारत की तारीफ करते हैं। आज पूरी दुनिया बिना भारत के नहीं चल सकती है।
कोविड-19 में जिन बच्चों ने अपने माता-पिता को खोया है उनके लिए हमने 'मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद' योजना बनाई, उन्हें हर महीने ₹5000 और भोजन के लिए अनाज निःशुल्क दे रहे हैं। आज मैं यहां ऐसे बच्चों से मिला हूं। जो बच्चे सुन और बोल नहीं पाते हैं ऐसे बच्चों के लिए 'मुख्यमंत्री बाल श्रवण योजना' बनाई है। ₹6 लाख खर्च कर ऐसे बच्चों का ऑपरेशन कराया जाता है। इलाज के बाद जब इन बच्चों को बोलते हुए देखता हूं तो मेरा रोम-रोम पुलकित हो जाता है।
मेरी बैगा बहनों ने परंपरागत नृत्य करते हुए मेरा स्वागत किया है, मेरा मन आनंद से भरा हुआ है। हमारी बैगा, सहरिया और भारिया जनजाति परिवार की बहनों को हम हर महीने ₹1000 दे रहे हैं। पिछली सरकार में ये योजना बंद कर दी गई थी।
निषाद राज भवन बने हैं, ताकि मछली का व्यवसाय ठीक ढंग से चल सके। बालाघाट जिले में एक नहीं अनेक योजनाएं चलाई जा रही हैं। यहां के फल, यहां की सब्जियां, यहां के कोदो-कुटकी ने अलग पहचान बनाई है, बालाघाट जिले में निवेश आ रहे हैं।
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