पं. दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि
पं. दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथिSocial Media

श्रद्धेय पं. दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि पर सीएम ने दी श्रद्धांजलि

Deendayal Upadhyaya Death Anniversary : आज पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि है, उनकी पुण्यतिथि के अवसर पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
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Deendayal Upadhyaya Death Anniversary : आज प्रखर राष्ट्रवादी, उत्कृष्ट संगठनकर्ता, अंत्योदय एवं एकात्म मानववाद के प्रणेता, हमारे पथ प्रदर्शक पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि है, उनकी पुण्यतिथि के अवसर पर कई नेता उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी ट्वीट कर उन्हें सादर नमन करते हुए विनम्र श्रद्धांजलि दी।

सीएम ने ट्वीट कर किया प्रणाम :

आज मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय को याद किया है। सीएम शिवराज ने ट्वीट कर लिखा- "श्रद्धेय पं. दीनदयाल उपाध्याय जी ने अंत्योदय और एकात्म मानववाद का जो कल्याणकारी मंत्र दिया है; वह हम सबको सशक्त राष्ट्र एवं समाज के निर्माण के लिए अपना सर्वस्व झोंककर कार्य करने की प्रेरणा देता रहेगा"

राष्ट्र के सच्चे सेवक के चरणों में बारंबार प्रणाम करता हूं
मुख्यमंत्री शिवराज

राष्ट्र व समाज के उत्थान हेतु संपूर्ण जीवन अर्पित किया : सीएम

मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि "राष्ट्र व समाज के उत्थान हेतु संपूर्ण जीवन अर्पित कर देने वाले अंत्योदय व एकात्म मानववाद के प्रणेता, श्रद्धेय पं.दीनदयाल उपाध्याय जी की पुण्यतिथि पर श्रद्धासुमन अर्पित करता हूं" सीएम शिवराज ने आगे ट्वीट में पंडित दीनदयाल उपाधय की पंकितियों को शामिल करते हुए लिखा- स्वतंत्रता तभी सार्थक होती है,जब वो हमारी संस्कृति की अभिव्यक्ति का साधन बनती है- पं.दीनदयाल उपाध्याय

एकात्म मानववाद नामक विचारधारा देने वाले पंडित दीनदयाल :

बता दें कि, भारतीय जनसंघ के सह-संस्थापक पंडित दीनदयाल उपाध्याय की आज 11 फरवरी को पुण्यतिथि है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चिंतक (चिन्तक) और संगठनकर्ता थे। वे भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष भी रहे है। उन्होंने भारत की सनातन विचारधारा को युगानुकूल रूप में प्रस्तुत करते हुए देश को एकात्म मानववाद नामक विचारधारा दी। वे एक समावेशित विचारधारा के समर्थक थे जो एक मजबूत और सशक्त भारत चाहते थे। राजनीति के अतिरिक्त साहित्य में भी उनकी गहरी अभिरुचि थी।

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