सिंगरौली, मध्यप्रदेश। दुर्गम क्षेत्र होने के कारण अब तक बिजली के मामले में चितरंगी तहसील के कष्ट भरे दिन बीत गए हैं। अब तक ये पूरी तहसील बिजली के लिए देवसर से जुड़ी एकमात्र लाइन पर निर्भर थी। अब बिजली कम्पनी ने इस तहसील पर मेहरबानी दिखाई है और इस तहसील को अब बिजली आपूर्ति के लिए दूसरी लाइन का विकल्प मिल गया है। इससे इस तहसील के 20 हजार बिजली उपभोक्ताओं को लाभ मिला है।
मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत निगम की टीम ने इस तहसील के लिए 24 किलोमीटर से अधिक लम्बी नई लाइन मात्र 25 दिन में को पूरा करने का काम कर दिखाया है। इससे अब चितरंगी तहसील क्षेत्र बिजली आपूर्ति के मामले में मोरवा से दूसरी लाइन से जुड़ गई है।
बताया गया कि इससे पहले पूरी चितरंगी तहसील वहां से 50 किलोमीटर दूर देवसर स्थित उप केन्द्र पर निर्भर थी। मगर दूरी अधिक व लाइन लम्बी होने के कारण इसमें खराबी आने पर सुधार कार्य में बहुत समय लगता था। इस कारण चितरंगी तहसील के दुर्गम व दूरदराज के लगभग 250 गांवों में कई दिन तक बिजली बाधित रहती थी और उपभोक्ता परेशानी का शिकार रहते थे। देवसर व चितरंगी के बीच वन क्षेत्र होने के कारण भी मरम्मत कार्य काफी दुरूह रहता है।
बताया गया कि बिजली कम्पनी अधिकारियों की ओर से समस्या निवारण के लिए इस तहसील को निकटतम मोरवा उप केंद्र से जोड़ने के लिए प्रयास किए गए। इसके लिए वन विभाग से अनुमति ली गई और इसके बाद मई माह में मोरवा से चितरंगी तक साढ़े 24 किलोमीटर लम्बी नई लाइन का निर्माण शुरू किया गया। दावा है कि इस नई लाइन को रिकॉर्ड 25 दिन में पूरा किया गया। बीते जून माह में चितरंगी तहसील को मोरवा उप केंद्र से जोड़ दिया गया। बताया गया कि बिजली कम्पनी की ओर से बिछाई गई इस नई लाइन पर दो करोड़ रुपए लागत आई है।
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