भोपाल : गोबर एवं पराली दोनों ही अत्यंत उपयोगी

भोपाल, मध्य प्रदेश : सालरिया एवं रायसेन में गोबर एवं पराली से बनाए जाएंगे सीएनजी एवं ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर्स। मुख्यमंत्री ने की भारत बायोगैस एनर्जी लिमिटेड के पदाधिकारियों के साथ बैठक।
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भोपाल, मध्य प्रदेश। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि गोबर एवं पराली दोनों ही अत्यंत उपयोगी हैं तथा इनके उपयोग से मध्यप्रदेश में बायो सीएनजी तथा ऑर्गेनिक सॉलिड एवं लिक्विड फर्टिलाइजर्स के उत्पादन के लिए योजना बनाई जा रही है। पहले चरण में इसके लिए सालरिया गो-अभयारण्य एवं कामधेनु रायसेन को चुना गया है। यहां भारत बायोगैस एनर्जी लिमिटेड के माध्यम से प्रोजेक्ट बनाए जाकर उस पर कार्य किया जाएगा। हमारे पड़ोसी राज्य गुजरात में इन दोनों पर ही सफलतापूर्वक कार्य किया जा रहा है। मध्यप्रदेश भी गोबर तथा पराली से सीएनजी तथा बायो-फर्टिलाइजर्स उत्पादन के क्षेत्र में तेजी से कार्य करेगा।

मुख्यमंत्री श्री चौहान रविवार को अपने निवास पर भारत बायोगैस एनर्जी लिमिटेड, आनंद गुजरात के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे। बैठक में पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया, भारत बायोगैस के चेयरमैन डॉ. भरत जी पटेल, सुबोध शाह, फणींद्र भूषण, अपर मुख्य सचिव केके सिंह, प्रमुख सचिव अजीत केसरी, प्रमुख सचि मनीष रस्तोगी आदि उपस्थित थे।

परियोजना संचालित करेंगे, प्रशिक्षण भी देंगे :

भारत बायोगैस के चेयरमैन भरत पटेल ने कहा कि भारत बायोगैस द्वारा इन दोनों स्थानों पर बायो सीएनजी एवं बायो सॉलिड तथा लिक्विड फर्टिलाइजर की पूरी योजना बनाई जाएगी जिसे 3 से 5 वर्ष तक चलाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने इस पर प्रारंभिक स्वीकृति देते हुए अधिकारियों को आगे की कार्रवाई के निर्देश दिए।

3000 किलोग्राम सीएनजी प्रतिदिन :

प्रोजेक्ट प्रस्तुतीकरण में श्री पटेल ने बताया कि सालरिया गो-अभयारण्य में प्रतिदिन 70 मीट्रिक टन रॉ-मटेरियल, जिसमें गोबर, पराली, घास तथा ग्रामीण कचरा शामिल हैं, से लगभग 3000 किलोग्राम बायो सीएनजी का प्रतिदिन उत्पादन किया जाएगा। इसी के साथ लगभग 25 मीट्रिक टन सॉलिड़ ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर तथा लगभग 7000 लीटर लिक्विड ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर का प्रतिदिन उत्पादन किया जाएगा। इसी के साथ वहां विभिन्न प्रजातियों का पौधारोपण, बांस रोपण, ड्रैगन फ्रूट प्लांटेशन आदि भी किए जाएंगे।

रायसेन में बनाएंगे मॉडल प्लांट :

श्री पटेल ने बताया कि रायसेन में खेत की पराली एवं गोबर के मिश्रण से बायोगैस एवं फर्टिलाइजर्स बनाने का मॉडल प्लांट लगाए जाने की योजना बनाई जा रही है। इस प्लांट मैं रॉ-मटेरियल के रूप में प्रतिदिन लगभग 10 मी.टन गोबर एवं पराली के मिश्रण से प्रतिदिन 400 किलोग्राम बायो सीएनजी लगभग तीन मीट्रिक टन सॉलिड ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर तथा लगभग 1000 लीटर प्रतिदिन लिक्विड ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर बनाने की योजना है।

विदेशों में भी करेंगे मार्केटिंग :

श्री पटेल ने बताया कि भारत बायोगैस द्वारा इन स्थानों पर बनाए गए बायो सीएनजी तथा सॉलिड एवं लिक्विड फर्टिलाइजर की देश-विदेश में ब्रांडिंग और मार्केटिंग भी की जाएगी। इनका अच्छा मार्केट है। इस क्षेत्र में स्थानीय लोगों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा।

अक्षय पात्र गुजरात की सेवाएं भी ली जाएंगी :

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश की कुछ गो-शालाओं के श्रेष्ठ संचालन के लिए अक्षय पात्र संस्था गुजरात की भी सेवाएं ली जाएंगी। अक्षय पात्र द्वारा गुजरात में इस क्षेत्र में सराहनीय कार्य किया जा रहा है। गौशालाओं के संचालन में समुदाय की अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।

सालरिया में बढ़ाई जाएगी गोवंश की संख्या :

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि वर्तमान में सालरिया गो-अभयारण्य में 4,000 गोवंश हैं, जबकि गो-अभयारण्य की क्षमता 10,000 गोवंश की है। भविष्य में यहां गोवंश की संख्या बढ़ाई जाएगी।

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