Nakal Mafia
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नकल माफिया : सुने मकान में 8 अध्यापक, अतिथि शिक्षक और सहायक शिक्षक कक्षा 10वीं का पेपर साल्व करते पकड़ाए

कलेक्टर ने नकल कराने वाले रैकेट को पकड़ने की रूपरेखा बनाई। जिला मुख्यालय से एसडीएम और शिक्षा अधिकारी व बीईओ रात में ही प्रायवेट वाहनों से गांव पहुंच गए।
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खरगोन, मध्यप्रदेश। जिले की अतिदुर्गम पहाड़ी क्षेत्र सिरवेल के परीक्षा केन्द्र पर हैरतअंगेज कारनामे का पर्दाफाश हुआ है। यहां पर परीक्षा केन्द्र से कुछ ही दूरी पर सुने मकान में 8 अध्यापक, अतिथि शिक्षक और सहायक शिक्षक कक्षा 10वीं का पेपर साल्व करते रंगे हाथों पकड़ाए। दरअसल इस तरह के रैकेट की भनक कलेक्टर शिवराज सिंह वर्मा को 6 मार्च को एक मुखबिर के जरिएँ लगी। कलेक्टर ने नाटकीय ढंग से नकल कराने वाले रैकेट को पकड़ने की रूपरेखा बनाई। जिसके मुताबिक जिला मुख्यालय से एसडीएम और शिक्षा अधिकारी व बीईओ रात में ही प्रायवेट वाहनों से गांव पहुंच गए। यहां उन्होंने रात गुजारी और अपना काम सुबह से प्रारम्भ किया। कक्षा 10 वी पास कराने वाले एक रैकेट का जिला प्रशासन द्वारा पर्दाफाश किया गया है।

इस पूरी कार्रवाही को लेकर कलेक्टर शिवराज सिंह वर्मा ने बताया कि अत्यंत गोपनीय सूचना के आधार पर पूरी रूपरेखा तैयार की गई। इस दल को शासकीय वाहनों के बजाय अन्य प्रायवेट वाहनों से रात में ही भेजा गया। जिनकी टीम बनाई गई उन्हें देहाती पहनावे में भेजा गया। रात भर इंतजार के बाद सूचना के आधार पर टीम ने अपना काम शुरू किया।

परीक्षा केंद्र के पास वाले मकान से ही होता था खेल

एसडीएम ओएन सिंह ने बताया कि प्लानिंग के अनुसार सोमवार रात में ही शिक्षा, जनजाति, राजस्व और पुलिस विभाग का अमला पहुँच गया था। मंगलवार को कक्षा 10 वी का सामाजिक विज्ञान के पेपर शुरू होने के बाद केंद्र पर हलचल शुरू हुई। मौका देखकर दल ने अपना काम शुरू किया। परीक्षा केंद्र के पास के ही मकान में करीब 9 लोग उत्तर बनाते हुए पकड़े गए। इसमें 8 शिक्षक भी शामिल थे। जांच के दौान सभी के मोबाइल पर सामाजिक विज्ञान प्रश्न पत्र का लिया गया फोटो पाया गया। साथ ही उनके पास से 10 सामाजिक विज्ञान की गाईडे, जिसके पन्ने फटे हुए पाए गए। इसके अलावा मकान के अंद ही ओबजेक्टिव के प्रश्न कार्बन पेपर की सहायता से लिखते पाएं गए। 

स्विफ्ट डिजायर से आकर साल्व कराते थे

एसडीएम ने बताया कि स्कूल में संदेहास्पद व्यक्ति की स्विफ्ट डिजायर देखी गई। केन्द्राध्यक्ष से पूछे जाने पर व्यक्ति कहीं और पदस्थ है। सिरवेल थाने में परीक्षा अधिनियम 1937 की धारा 3 डी, के अंतर्गत प्रकरण दर्ज किया गया। मकान में नांदिया हाईस्कूल के अध्यापक सचिन गाड़गे और बहादुरसिंह गरासे, खेरकुंडी के अतिथि शिक्षक वसीन खान, कोटबेड़ा स्कूल के अतिथि शिक्षक सुरेश सोलंकी व अनिल बड़ोले, प्राथमिक स्कूल कोटबेड़ा के सुनिल मोरे, सिरवेल स्कूल के ही सहायक शिक्षक दयाराम सोलंकी, और नांदिया स्कूल के सुरेश बारेला तथा महाराष्ट्र के सुनिल पंवार सुने मकान में प्रश्न हल करते पाए गए। कार्यवाही में एसडीएम, प्रभारी शिक्षा अधिकारी हेमेन्द्र वडनेरकर, थाना प्रभारी और बीईओ एके गुपता ने भूमिका निभाई।

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