मील का पत्थर साबित चंबल एक्सप्रेस वे : तोमर

ग्वालियर, मध्यप्रदेश : केन्द्र सरकार द्वारा अटल प्रोग्रेस-वे (चंबल एक्सप्रेस-वे) को भारतमाला परियोजना में शामिल करने से समूचे ग्वालियर-चबंल संभाग का चहुंमुखी विकास होगा।
मील का पत्थर साबित चंबल एक्सप्रेस वे : तोमर
मील का पत्थर साबित चंबल एक्सप्रेस वे : तोमरSocial Media
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ग्वालियर, मध्यप्रदेश। केन्द्र सरकार द्वारा अटल प्रोग्रेस-वे (चंबल एक्सप्रेस-वे) को भारतमाला परियोजना में शामिल करने से समूचे ग्वालियर-चबंल संभाग का चहुंमुखी विकास होगा और यह प्रोजेक्ट इस अंचल की अर्थव्यवस्था के लिए मील का पत्थर साबित होगा। जल्द ही इसके लिए टैंडर प्रक्रिया आरंभ कर दी जाएगी। केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर इसके लिए लगातार प्रयासरत थे।

अटल प्रोग्रेस-वे की मंजूरी के लिए केंद्रीय मंत्री तोमर ने विभागीय मंत्री गडकरी से अनेक बार चर्चा की थी, वहीं गडकरी, तोमर तथा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी में केंद्र एवं म.प्र. उत्तर प्रदेश व राजस्थान के संबंधित वरिष्ठ अधिकारियों की संयुक्त बैठक भी आयोजित की गई थी। तोमर ने बताया कि अटल प्रोग्रेस-वे को भारत माला फेज-1 में शामिल करते हुए ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे के रूप में विकसित किया जाएगा। श्योपुर, मुरैना व भिंड जिलों से होते हुए यह एक्सप्रेस-वे म.प्र. में 312 किलोमीटर लंबाई का होगा, जो पूर्व में झांसी (उत्तर प्रदेश) से और पश्चिम में कोटा (राजस्थान) से जोड़ते हुए बनाया जाएगा। इस एक्सप्रसे-वे के आसपास इंडस्ट्रियल कोरिडोर भी बनाया जाएगा, जो इस पूरे क्षेत्र के आर्थिक विकास में अत्यंत महत्वपूर्ण साबित होगा। इस नए मार्ग से आवाजाही के समय की तो बचत होगी ही, औद्योगिक क्षेत्रोंके विकास से अंचलवासियों को बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।

उद्योग एवं विनिर्माण केन्द्र के रूप में विकसित होगा चंबल अंचल :

केन्द्रीय मंत्री तोमर ने बताया कि चंबल क्षेत्र की उत्तर भारत के प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों (दिल्ली व हरियाणा) एवं राजस्थान तथा उ.प्र. से निकटता एवं कनेक्टिविटी को देखते हुए यह भविष्य में हाई पोटेंशियल इंडस्ट्रिय़ल जोन के रूप में विकसित होगा तथा चंबल क्षेत्र दिल्ली, उ.प्र., हरियाणा तथा पूर्वी राजस्थान, कुल लगभग 22 करोड़ जनसंख्या के बड़े बाजार के लिए उद्योग विनिर्माण का केंद्र बन सकेगा। तहसील श्योपुर के 36 गांव, वीरपुर के 19, मुरैना के 11, जौरा के 18, सबलगढ़ के 21, अंबाह के 6, पोरसा के 16 तथा अटेर के 25 गांव इस प्रोजेक्ट से सीधे-सीधे विकास की राह पर जुड़ेंगे। चंबल नदी किनारे एक्सप्रेस-वे का निर्माण होने से पूरे क्षेत्र को काफी फायदा होगा।

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