भोपाल : केंद्र ने कम की हिस्सेदारी, मध्यप्रदेश की वित्तीय स्थिति प्रभावित

भोपाल, मध्यप्रदेश : वर्ष 2021-22 के लिए राज्य सरकार के वार्षिक बजट को विधानसभा में पेश किए जाने के एक दिन पहले सोमवार को यहां मध्यप्रदेश का आर्थिक सर्वेक्षण (2020-21) जारी किया गया।
बजट में पेट्रोल, डीजल सस्ता करो सरकार
बजट में पेट्रोल, डीजल सस्ता करो सरकारSyed Dabeer Hussain - RE
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भोपाल, मध्यप्रदेश। केंद्र सरकार की ओर से वर्ष 2019-20 के पुनरीक्षित अनुमान में राज्यों को केंद्रीय करों में दी जाने वाली हिस्सेदारी को बहुत कम किया गया है, जिस वजह से राज्य की वित्तीय स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।

वर्ष 2021-22 के लिए राज्य सरकार के वार्षिक बजट को विधानसभा में पेश किए जाने के एक दिन पहले सोमवार को यहां मध्यप्रदेश का आर्थिक सर्वेक्षण (2020-21) जारी किया गया, जिसमें यह टिप्पणी की गई है। सर्वेक्षण के मुताबिक राज्य के सकल घरेलु उत्पाद में 3.37 प्रतिशत की कमी हुई है। इसके अलावा प्रति व्यक्ति शुद्ध आय में भी 6.12 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। राजस्व प्राप्तियां भी पिछले वर्ष की तुलना में 8. 05 प्रतिशत कम है।

सर्वेक्षण के अनुसार मध्यप्रदेश में वित्त वर्ष 2004-05 से राजस्व आधिक्य रहने के बाद वर्ष 2019-20 के पुनरीक्षित अनुमान में 2697. 77 करोड़ रुपयों का राजस्व घाटा अनुमानित है। राजस्व व्यय में बजट अनुमान की अपेक्षा पुनरीक्षित अनुमान में कम राशि प्राप्त होने के कारण राजस्व व्यय को नियंत्रित करने के प्रयास किए गए, लेकिन केंद्र सरकार की ओर से 2019-20 के पुनरीक्षित अनुमान में राज्यों को केंद्रीय करों में दी जाने वाली हिस्सेदारी की राशि को बहुत कम किया गया है। इस कारण राज्य की वित्तीय स्थिति पर प्रतिकूल असर पड़ा है।

सर्वेक्षण में इसी क्रम में आगे बताया गया है कि केंद्र सरकार की ओर से राज्य को 4443 करोड़ रुपयों के अतिरिक्त ऋण प्राप्त करने की अनुमति दी गई है। इस अनुमति के उपयोग के लिए राज्य सरकार ने मप्र राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम 2005 में 2019-20 में संशोधन किया गया और इसी आधार पर वर्ष 2019-20 का राजस्व घाटा अनुमानित किया गया है।

सकल घरेलू उत्पाद में 3.37 फीसदी की कमी :

सर्वेक्षण के अनुसार वर्ष 2011-12 के स्थिर भावों पर मध्यप्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद में वित्त वर्ष 2019-20 की तुलना में वर्ष 2020-21 (अग्रिम) में 3.37 प्रतिशत की कमी रही, जबकि वर्ष 2019-20 में वर्ष 2018-19 की तुलना में 9.63 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी। आधार वर्ष 2011-12 के स्थिर भावों पर प्रदेश का सकल घरेलू उत्पाद 3,15,562 करोड़ रुपए था, जो वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 में बढ़कर क्रमश: 5,80,406 करोड़ रुपए एवं 5,60,845 करोड़ रुपए हो गया। इस तरह 2019-20 की तुलना में 2020-21 में कमी दर्ज की गयी। सर्वेक्षण के अनुसार 2020-21 के अग्रिम अनुमानों के अनुसार राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में वर्ष 2019-20 की तुलना में प्रचलित भावों पर 2.12 प्रतिशत तथा स्थिर भावों पर 3.37 प्रतिशत की कमी रही। वर्ष 2020-21 के दौरान विगत वर्ष से प्राथमिक क्षेत्र में 2.57 प्रतिशत की वृद्धि आंकलित की गयी है। इसी प्रकार द्वितीयक एवं तृतीयक क्षेत्र में क्रमश: 3.90 प्रतिशत की और 8.94 प्रतिशत की कमी अनुमानित रही है।

प्रति व्यक्ति शुद्ध आय में 6.12 प्रतिशत की गिरावट

सर्वेक्षण के मुताबिक 2011-12 के आधार पर प्रति व्यक्ति शुद्ध आय वर्ष 2019-20 में 62,236 थी, जो घटकर वर्ष 2020 21 में 58,425 रुपए हो गयी। पिछले वर्ष की तुलना में यह कमी 6.12 प्रतिशत की रही। प्रचलित भावों के आधार पर राज्य की शुद्ध प्रति व्यक्ति आय 2019-20 में 1,03,288 रुपए से घटकर वर्ष 2020-21 में 98,418 हो गयी है, जो 4.71 प्रतिशत की कमी दर्शाती है।

राजस्व प्राप्तियां भी 8.05 फीसदी कम :

वर्ष 2005 से मध्यप्रदेश में राजस्व आधिक्य प्रदेश रहा है। ब्याज भुगतान का राजस्व प्राप्तियों से अनुपात 10 प्रतिशत से अधिक रहा है। वर्ष 2020-21 में राजस्व प्राप्तियां 1,36,596 करोड़ रुपए अनुमानित हैं, जो पिछले वर्ष से 8. 05 प्रतिशत कम है। वर्ष 2019-20 में राज्य का प्राथमिक घाटा 18,942 करोड़ रुपयों था, जो अगले वर्ष 2020-21 में बढ़कर 30,899 करोड़ रुपए होने का अनुमान है। इसके अलावा राज्य के खनन राजस्व में 15.85 प्रतिशत कमी दर्ज की गई। 31 मार्च 2020 की स्थिति के अनुसार राज्य का शुद्ध लोक ऋण 1,59,008 करोड़ रुपए हो गया है। सर्वेक्षण के अंत में कहा गया है कि राज्य में प्रति हजार जीवित जन्म पर शिशु मृत्यु दर 48 है, जो राष्ट्रीय स्तर पर शिशु मृत्यु दर 32 प्रति हजार से अधिक है। इसी तरह मातृत्व मृत्यु दर प्रति एक लाख प्रसवों पर 173 है, जो राष्ट्रीय दर 130 से काफी अधिक है। प्रदेश के स्वास्थ्य सूचकांकों को राष्ट्रीय स्तर के समकक्ष लाना एक प्रमुख चुनौती है।

डिस्क्लेमर : यह आर्टिकल न्यूज एजेंसी फीड के आधार पर प्रकाशित किया गया है। इसमें राज एक्सप्रेस द्वारा कोई संशोधन नहीं किया गया है।

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