राजएक्सप्रेस। कोरोना महामारी से शहरवासियों को बचाने के लिए प्रशासन गरीब व मध्यमवर्गीय लोगों को तो समझाईश व कार्यवाही कर लॉकडाऊन का पालन करवा रहे हैं। लॉकडाऊन के चौथे चरण आज समाप्त हो रहा है और प्रशासन की नजर अब उन पढ़े-लिखे समझदार लोगों पर पड़ी है, जो बैंक के मैनेजर व अधिकारी है। वह प्रशासन को गुमराह कर उज्जैन से अपडाऊन कर शहर में कोरोना को आमंत्रित करने का प्रयास कर रहे हैं। एक बैंक के मैनेजर व एक महिला अधिकारी पर इस मामले में प्रशासन ने प्रकरण दर्ज कराया।
शहर में प्रशासन ने लॉकडाऊन के चौथे चरण के अंतिम दौर तक सतर्क रहकर शहर को कोरोना मुक्त कर दिया। प्रशासन ने पूरे लॉकडाऊन में गरीब व मध्यमवर्गीय लोगों को समझाईश व कार्यवाही कर लॉकडाऊन पालन करना सिखा दिया। यह लोग समझ भी गए है इसी की वजह से शहर कोरोना मुक्त भी हो गया। पर पढ़े-लिखे बैंक के अधिकारी व मैनेजर जैसे समझदार व्यक्ति ने प्रशासन को गुमराह कर उज्जैन से प्रतिदिन अपडाऊन कर कोरोना को पुन: दस्तक शहर में देने जैसे काम किया।
प्रशासन के सख्त निर्देश है की कोई भी नीजी व शासकीय कर्मचारी अपडाऊन नहीं करेगा। इसके बाद भी आईडीबीआई बैंक के मैनेजर मनीष पिता घनश्याम बंबोरिया उम्र 35 वर्ष इसी बैंक की महिला अधिकारी प्रज्ञा पति मनीष चतुर्वेदी प्रतिदिन उज्जैन से अपडाऊन कर रहे थे। शिकायत मिलने पर एसडीएम आरपी वर्मा के आदेश पर तहसीलदार विनोद शर्मा ने बैंक में जाकर उनसे पुछताछ की तो पड़े लिखे होने के बाद भी उन्होंने लिखित में दिया की वह शहर में ही मकान किराये से लेकर रह रहे है। आदर्श कॉलोनी व प्रकाश नगर का पता दिया की वहा रहते है। नायब तहसीलदार सलोनी पटवा ने बताए गए पते पर जांच की तो दोनों अधिकारियों द्वारा भरे गए घोषणा पत्र गलत पाया गया।
लिखित में दी गई जानकारी निकली गलत
नायब तहसीलदार पटवा की शिकायत पर पुलिस ने आईडीबीआई बैंक मैनेजर मनीष पिता डॉ. घनश्याम बंबोरिया उम्र 35 वर्ष निवासी निर्माण नगर दशहरा मैदान उज्जैन व महिला अधिकारी प्रज्ञा चतुर्वेदी पति मनीष चतुर्वेदी निवासी मंगल कॉलोनी लक्ष्मीनगर उज्जैन के खिलाफ धारा 188, 269 आईपीसी में प्रकरण दर्ज किया। पुलिस के अनुसार जल्द ही दोनों की गिरफ्तारी की जाएगी।
कई बैंक के अधिकारी व शासकीय कर्मचारी भी कर रहे हैं अपडाऊन
प्रशासन की पैनी नजर से आईडीबीआई बैंक के मैनेजर सहित महिला अधिकारी बच नहीं पाए। प्रशासन की लॉकडाऊन के चौथे चरण की समाप्ति पर पढ़े-लिखे लोगो पर पड़ी है। हालांकि एसडीएम आरपी वर्मा ने दो दिन पहले ही बैंक व एलआईसी के अधिकारी व कर्मचारियों को चेतावनी दे दी थी इसके बाद भी पढ़े-लिखे लोग समझने को तैयार नहीं हुए। शनिवार को एसडीएम वर्मा के आदेश पर हुई कार्यवाही से अपडाऊन करने वाले अधिकारी व कर्मचारियों में हड़कंप तो मच गया। यदि प्रशासन इसी तरह पैनी नजर रखेगा तो और भी कई नीजी व शासकीय बैंको के कर्मचारी, अधिकारी भी लॉकडाऊन तोडऩे के मामले में लपेटे में आ सकते हैं।
बैंक आने-जाने की अनुमति क्या मिली अपने आपको समझ बैठे कलेक्टर
बैंक अधिकारी व कर्मचारी को बैंक में आने-जाने के पास प्रशासन ने क्या बना दिए। उसका दुरूपयोग कर बैंक अधिकारी व कर्मचारी अपडाऊन कर रहे हैं। चार पहिया वाहन पर आवश्यक सेवा का कागज चस्पा कर इंदौर, उज्जैन आना-जाना कर रहे हैं। नाके बंदी पर बैठे पुलिस जवान भी इनसे ज्यादा पूछताछ नहीं करते कि पढ़े-लिखे व बैंक के अधिकारी हैं तो नियम का उल्लंघन नहीं करेंगे इसी का फायदा पढ़े-लिखे अधिकारी उठा रहे हैं। ऐसे ही यदि प्रशासन शासकीय कर्मचारियों पर भी पैनी नजर रखे तो कई लॉकडाऊन तोड़ने के मामले में उन पर भी प्रकरण दर्ज हो सकता है।
इनका कहना
आईडीबीआई बैंक के मैनजर व महिला अधिकारी ने लिखित में दिया था की वह शहर में भी निवास कर रहे हैं इसकी जांच की गई तो वह गलत पाया गया। इस पर दोनों अधिकारियों के खिलाफ धारा 188 व 269 में प्रकरण कराया गया।
सलोनी पटवा, नायब तहसीलदार नागदा
नायब तहसीलदार पटवा की शिकायत पर आईडीबीआई बैंक के मैनेजर मनीष बंबोरिया व महिला अधिकारी प्रज्ञा चतुर्वेदी पर प्रकरण दर्ज किया गया है।
श्यामचंद्र शर्मा, टीआई, मंडी थाना नागदा
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