राज एक्सप्रेस। मध्य प्रदेश में शिल्प कलाओं से जुड़े ग्रामीण कई वर्षों से जीविका में कोई नया आयाम नहीं जुड़ने से निराश और हताश थे। सरकार ने इन्हें बढ़ावा देकर आर्थिक रूप से मजबूत बनाने की पहल की। मध्य प्रदेश में हाथकरघा, हस्तशिल्प एवं माटी कला शिल्प के उत्कृष्ट शिल्पियों को प्रतिवर्ष पुरस्कार दिए जाना शुरू किया गया है। पुरस्कार राशि को दोगुना कर क्रमश: एक लाख, 50 हजार, 25 हजार के स्थान पर 2 लाख, एक लाख और 50 हजार रूपए के प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार देने का निर्णय किया गया।
मध्य प्रदेश सरकार ने कार्यकाल के पहले साल में ही मृगनयनी एम्पोरियम से राष्ट्रीय फैशन संस्थान के विद्यार्थियों को जुड़ने का अवसर दिया। इस योजना में संस्थान के विद्यार्थियों द्वारा बुनकरों के लिए कोई डिजाइन विकसित की जाती है, तो उसे उपभोक्ता को क्रय करने के लिए उपलब्ध कराते हुए प्राप्त राशि में से 2 से 5 प्रतिशत तक राशि रायल्टी के रूप में विद्यार्थियों को देने का निर्णय किया गया। छत्तीसगढ़ और आन्ध्रप्रदेश के साथ अनुबंध कर प्रदेश के हथकरघा एवं हस्तशिल्प उत्पादों को व्यापक बाजार उपलब्ध कराया गया। मृगनयनी विक्रय केन्द्रों से गत वर्ष हुई।
सागर और छिंदवाड़ा में नए मृगनयनी शो-रूम शुरू करने का निर्णय लिया गया। अप्रैल 2020 में लंदन में मृगनयनी प्रदर्शनी लगाने के प्रयास किए जा रहे हैं। काष्ठ शिल्प को प्रोत्साहन देते हुए सागर, छतरपुर, बैतूल, मंडला तथा छिंदवाड़ा जिलों में काष्ठ फर्नीचर उत्पादन केन्द्र की स्थापना प्रस्तावित की गई। पत्थर शिल्प के क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए छतरपुर, मुरैना, ग्वालियर और जबलपुर जिले के शिल्पियों को प्रशिक्षण और मार्केटिंग की सुविधा दी गई।
मृगनयनी विक्रय केन्द्रों से पहली बार चंदेरी एवं महेश्वर के बुनकरों को उच्च श्रेणी और गुणवत्ता के वैवाहिक वस्त्रों के उत्पादन और विपणन के लिए प्रोत्साहित किया गया। फलस्वरूप देश के वैवाहिक साड़ियों के बाजार में मध्यप्रदेश के बुनकरों द्वारा बनाये गये वस्त्रों के 'द रॉयल हेरिटेज कलेक्शन' नाम से वस्त्र को स्थान मिला है। होशंगाबाद एवं बैतूल में नए मृगनयनी विक्रय केन्द्र शुरू किये गये। आन्ध्रप्रदेश के हैदराबाद, गुजरात के केवडिया और छत्तीसगढ़ के रायपुर शहर में भी मृगनयनी शो-रूम शुरू किये गये। भोपाल के गौहर महल के साथ अर्बन हाट इंदौर और शिल्प बाजार ग्वालियर में नई गतिविधियाँ प्रारंभ की गईं। उत्पादों की ब्रांडिंग के लिए भोपाल एवं इंदौर विमानतल पर मृगनयनी काउन्टर प्रारंभ करने की योजना बनाई गई। गौंड कलाकारों की कलाकृतियों को देश में मृगनयनी केन्द्रों में विक्रय के लिए उपलब्ध कराया गया है।
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