क्‍या स्वच्छता सर्वेक्षण की सूची में आएगा बुरहानपुर का नाम

बुरहानपुर: आलमगंज में हर दिन कचरा रोडों पर फेंका जा रहा है और सफाई के नाम पर सप्ताह में एक दिन भी कचरा नहीं उठ रहा, बदबू से लोग परेशान हैं, ऐसेे में स्वच्छता की सूची में बुरहानपुर का नाम कैसे आएगा?
रोड पर कचरा हो रहा डंप
रोड पर कचरा हो रहा डंपRaj Express
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राज एक्‍सप्रेस। एक तरफ तो जिलें में स्वच्छता को लेकर सफाई के दावे हो रहे हैं, वहीं स्वच्छता सर्वेक्षण की दौड़ में नंबर-1 पर आने के लिए लाखों रुपए खर्च किए जा रहें हैं, लेकिन इन दावों की जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। अगर ऐसे ही हालात रहे तो, स्वच्छता सर्वेक्षण की सूची में बुरहानपुर का नाम कैसे आएगा? क्‍योंकि यहां का कचरा प्रबंधन पूरी तरह बिगड़ गया है। लगभग तीन साल पहले नगर-निगम ने व्यवस्था बनाई थी, उन व्यवस्थाओं ने अब दम तोड़ दिया है। शहर में पहले की तरह हालात हो गए हैं। जगह-जगह कचरा, गंदगी है। सर्वे के लिए स्वच्छता सर्वेक्षण की टीम आएगी तो नंबर कट जाएंगे। पहले नंबर की बात तो दूर, सूची में कहीं भी बुरहानपुर नगर-निगम का नाम शामिल नहीं होगा।

रोड पर डाला जा रहा कचरा :

आलमगंज क्षेत्र में रोड पर डाला जा रहा। इससे ही नगर-निगम की कचरा प्रबंधन व्यवस्था का अंदाजा लगाया जा सकता है। घरों, वार्डो से निकलने वाला कचरा सामुदायिक भवन के पास पूरे रोड पर डाला जा रहा है। लगभग 30 फीट का रोड है, कचरे के कारण आवाजाही के लिए सिर्फ 10 फीट का रोड बचा है। कई दिनों से कचरा पड़ा होने के कारण सड़ गया है, इससे बदबू आ रही है और पूरे क्षेत्र में फैल रही है।

आंगनवाड़ी बाउंड्रीवाल के पास पड़ा कचरा :

यह कचरा आंगनवाड़ी की बाउंड्रीवाल के पास है, बदबू के कारण विद्यार्थी पोषण आहार नहीं खा रहे हैं। परिसर में 2 आंगनवाड़ी है। एक आंगनवाड़ी के बच्चों को दूसरे आंगनवाड़ी के भवन में बैठाकर भोजन दिया जाता है, लेकिन बदबू के कारण बच्चे पोषण आहार नहीं खा पाते हैं। कई बच्चे घर ले जाकर पोषण आहार खाते हैं। गंदगी और बदबू के कारण बच्चों की सेहत पर बुरा असर हो रहा है। दो आंगनवाड़ियों में लगभग 85 बच्चे हैं। नगर-निगम की अनदेखी के कारण बच्चों को परेशान होना पड़ रहा है, जबकि आंगनवाड़ी परिसर के साथ ही आस-पास की जगह भी साफ, सुथरी होना चाहिए।

सपना नहीं होगा पूरा :

कचरे में बड़ी मात्र में पॉलीथीन होती है, नगर -निगम ने कचरे को पृथक करने के लिए काम शुरू किया था, लेकिन अब ये व्यवस्था नहीं हो रही है। पूरा कचरा एक साथ जमा किया जा रहा है। नगर-निगम पॉलीथीन मुक्‍त शहर बनाने की पहल कर रही है, लेकिन नगर निगम का ये सपना पूरा नहीं होगा।

पशु खा रहे पाॅॅलीथिन :

आलमगंज में जहां पर कचरा डाला जा रहा है, वहां पर पशु जमा हो जाते हैं। पॉलीथीन खा रहे है, जो पशुओं के लिए हानिकारक है। नगर-निगम इस पर नियंत्रण नहीं कर पा रहा है। पॉलीथीन मुक्‍त शहर बनाने के लिए नगर-निगम को लोगों को जागरूक करना होगा। बाजार में कपड़े की थैलियां उपलब्‍ध करवानी होगीं। दुकानदारों को सख्त हिदायत देना चाहिए, साथ ही लोगों को जागरूक करने की जरूरत है।

कपड़े की थैली बनवाने के दावे ने तोड़ा दम :

एक साल पहले नगर-निगम ने पॉलीथीन मुक्‍त शहर बनाने के लिए कपड़े की थैलियां बनवाने का काम शुरू करवाया था। महिलाओं को काम दिया जाना था, इससे महिलाओं को रोजगार भी मिलने वाला था, लेकिन कुछ दिन काम देने के बाद काम बंद कर दिया गया। नगर-निगम के इस दावे ने भी दम तोड़ दिया।

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