बुरहानपुर: जिला अस्पताल की गंदगी दूर करने में जुटे कर्मचारी

मध्यप्रदेश के बुरहानपुर जिले के जिला अस्पताल में 'कायाकल्प की टीम' के निरीक्षण पर आने की सूचना मिलते ही अलमारियों से निकाली नई चादरें और रजाई, पलंगो पर सजाई।
निरीक्षण का खौफ
निरीक्षण का खौफGanesh Dunge
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हाइलाइट्स :

  • जिला अस्पताल कायाकल्प की टीम निरीक्षण पर आने की सूचना

  • निरीक्षण के खौफ से अलमारियों से निकाली नई चादरें और रजाई

  • छोटी, छोटी समस्याओं से जूझने वाले मरीज भी हैरत में

  • जो कभी नहीं होता वो सब हो रहा अस्पताल में

राज एक्सप्रेस। मध्यप्रदेश के बुरहानपुर जिले में सोमवार को सुबह 9 बजे शहर के जिला अस्पताल में 'कायाकल्प की टीम' के निरीक्षण पर आने की सूचना मिली। हालांकि टीम नहीं आई, लेकिन अस्पताल प्रबंधन की सूरत आज बदली हुई है। डॉक्टर समय पर आ गए। अन्य स्टाफ और नर्स भी अपने-अपने काम में जुट गई। नंबर कम ना हो जाए, कमियों के कारण अस्पताल पिछड़ न जाए इसलिए अलमारियों से नई चादरें और रजाई निकाली गईं और पलंगों पर सजा दी गईं। अन्य दिनों में मैली चादरें बिछी रहती हैं, रजाई तो कभी निकालते ही नहीं। नई चादरें और रजाई पलंगों पर डाली गईं तो निजी अस्पताल की तरह सरकारी अस्पताल के वार्ड दिखने लगे।

मरीज हैरत में-ऐसी क्या खास बात है

ये सारी तैयारियां और आवभगत देखकर हर दिन छोटी, छोटी समस्याओं से जूझने वाले मरीज भी हैरत में पड़ गए थे कि आज ऐसी क्या खास बात है कि अस्पताल को चमकाया जा रहा है। सुबह से ग्राउंड और फर्स्ट फ्लोर की धुलाई शुरू हो गई थी। फर्श को चमकाया जा रहा था। ये हर दिन होता है, लेकिन सोमवार को कुछ विशेष ध्यान इस पर दिया जा रहा था। आरएमओ प्रतीक नवलखे और मैट्रन सुबह से अस्पताल के वार्डों में स्थिति का जायजा लेने के लिए निकले थे। कुछ कमियां थी तो उनमें सुधार करवाया। ये हर दिन नहीं होता है, सिर्फ निरीक्षण के लिए आनी वाली टीम को दिखाने के लिए किया जा रहा था। वार्डों में पलंगों को व्यवस्थित तरीके से लगवाया गया। ताकि कायाकल्प की टीम अच्छे नंबर दें और अस्पताल पहले नंबर पर आया तो 20 लाख रुपए का पुरस्कार मिल सके।

वार्डों में पलंगों को व्यवस्थित तरीके से लगवाया
वार्डों में पलंगों को व्यवस्थित तरीके से लगवाया

पिछले कई महीनों से अस्पताल के मुख्य प्रवेश द्वार के पास छत पर लगी पीओपी उखड़ी हुई थी, पानी रिसने के कारण दाग पड़ गए थे। अब जाकर इसकी सुध ली गई। पीओपी की मरम्मत करवाई गई। रंग-रोगन करके दाग छिपा लिए गए। डॉक्टर समय पर ड्यूटी आए और अपने-अपने वार्डों में मरीजों को देखने के लिए राउंड लगाने लगे। सिविल सर्जन डॉ. शकील अहमद खान भी अस्पताल पहुंच चुके थे। टीम का इंतजार कर रहे थे और व्यवस्थाओं का जायजा लेते रहे।

पीओपी की मरम्मत करवाई गई
पीओपी की मरम्मत करवाई गई

जो कभी नहीं होता, वो सब हो रहा अस्पताल में

उल्लेखनीय है कि अन्य दिनों में जिला अस्पताल बदहाल रहता है। बदबू आती रहती है। शौचालय गंदे रहते हैं। सफाई ठीक से नहीं होती, लेकिन पिछले कुछ दिनों से अस्पताल प्रबंधन वो सब कर रहा है, जो कभी नहीं होता।

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