CGST के रिश्वतखोर अधिकारी गये जेल-रिमाण्ड अवधि समाप्त होने पर कोर्ट में किया था पेश
जबलपुर। सीबीआई जबलपुर की टीम ने आयकर चौक स्थित सेंट्रल जीएसटी के कार्यालय अधीक्षक सहित चार इंस्पेक्टर को सात लाख रूपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। जिसके बाद जांच एजेंसी ने उनके घरों से लाखों रुपये की नगदी बरामद की थी। सीबीआई ने सभी आरोपियों को पूछताछ के लिए सात दिनों की रिमाण्ड पर लिया था। मंगलवार को रिमाण्ड अवधि समाप्त होने पर जांच एजेंसी ने सभी आरोपियों को सीबीआई के विशेष न्यायधीश आलोक कुमार सक्सेना की कोर्ट में पेश किया। जहां अदालत ने सभी आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजने के आदेश दिये।
गौरतलब है कि सेन्ट्रल जीएसटी की टीम दमोह जिले के नोहटा में मेसर्स गोपाल तम्बाकू प्रोडक्ट प्रालि में 18 मई को दविश देकर उसे सील कर दिया था। क्लीयरेंस देने के एवज में एक करोड़ की रिश्वत मांगी गई थी। जिसके बाद सौदा 35 लाख रूपये में तय हुआ था। जिसमें से 25 लाख रूपये की पहली किस्त सीजीएसटी कार्यालय के अधीक्षक कपिल कामले इंस्पेक्टर वीरेन्द्र जैन, इंस्पेक्टर विकास गुप्ता, प्रदीप हजारी व सोमेश गोस्वामी आरोपी पहले ले चुके थे। शेष रिश्वत की रकम के लिए वह दवाब बना रहे थे। दोनों के बीच सात लाख रूपये में सौदा तय हुआ था। जिसकी शिकायत कंपनी की तरफ से सीबीआई से की गयी थी।
सीबीआई की टीम ने 13 जून को आयकर चौक स्थित आयकर चौक स्थित जीएसटी कार्यालय में दबिश देकर सभी पांच आरोपियों को सात लाख रूपये की रिश्वत लेते हुए गिरफतार किया था। सर्चिंग के दौरान आरोपियों के घरों से 81 लाख रूपये से अधिक नगद बरामद हुए थे। सीबीआई ने आरोपियों को न्यायालय में पेश कर पूछताछ के लिए सात दिनों का रिमांड प्राप्त किया था। रिमांड अवधि समाप्त होने के बाद सभी आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया। न्यायालय ने सभी आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजने के निर्देश दिये।
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