राज एक्सप्रेस। मध्य प्रदेश में 'नागरिकता संशोधन कानून' को लेकर कांग्रेस और भाजपा में विवाद बढ़ता ही जा रहा है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दिल्ली में कहा कि, "कांग्रेस पार्टी का जो फैसला होगा, वहीं उनका भी फैसला होगा।" उनके इस बयान के बाद इस तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं कि, मध्य प्रदेश में कांग्रेस यह कानून लागू नहीं करेगी।
राकेश सिंह ने ट्विट कर दी चेतावनी :
इसके बाद से एमपी में भाजपा खुलकर राज्य सरकार के विरोध में खड़ी हो गई है। यहां तक कि, प्रदेश अध्यक्ष व जबलपुर से सांसद राकेश सिंह ने ट्विट कर कानून को लागू कराने के लिए प्रदर्शन की चेतावनी दी है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि, नागरिकता संशोधन कानून को मध्यप्रदेश में लागू कराने के समर्थन में मध्यप्रदेश भाजपा 17 दिसम्बर को सभी जिला मुख्यालयों पर कलेक्ट्रेट का घेराव कर ज्ञापन देगी। कार्यकर्ता जोरदार तैयारी में जुटें और कमलनाथ सरकार के असंवैधानिक रवैये का विरोध करें।
केंद्रीय गृह मंत्रालय का कहना :
बताया जाता है कि, नागरिकता संशोधन बिल को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यह साफ कर दिया है कि, नागरिकता संशोधन कानून संघीय कानून है, जिसे राज्य सरकारों की अनुमति की आवश्यकता नहींं है। वह सीधे तौर पर सभी राज्यों पर लागू होगा। फिलहाल इसको लेकर असमंजस की स्थिति है।
कमलनाथ सरकार ने अभी तक नहीं किया ऐलान :
कमलनाथ सरकार ने आधिकारिक तौर पर इस कानून का खुलकर लागू नहीं करने का ऐलान नहीं किया है। न ही कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व की ओर से कोई बयान इस बारे में दिया गया है, लेकिन हाल में हुई बयानबाज़ी के बाद ऐसे संकेत मिले हैं कि, राज्य सरकार इस कानून को लागू नहीं करेगी। जिसके खिलाफ अब प्रदेश भाजपा ने मोर्चा खोल दिया और सड़क पर उतर कर सरकार के इस रवैये के खिलाफ आंदोलन करने की चेतावनी दी है।
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