पन्ना टाइगर रिजर्व में मिले 247 प्रजातियों के पक्षी
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पन्ना टाइगर रिजर्व में मिले 247 प्रजातियों के पक्षी, प्रथम पक्षी सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी

पन्ना टाइगर रिजर्व द्वारा पहला पक्षी सर्वेक्षण मुख्य वन्यप्राणी अभिरक्षक म.प्र. के मार्गदर्शन एवं म.प्र. जैव विविधता बोर्ड के सहयोग से सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ।
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पन्ना, मध्यप्रदेश। उत्तरी मध्य प्रदेश में विंध्य पहाडिय़ों में स्थित पन्ना टाइगर रिजर्व उत्तर-मध्य हाइलैण्ड्स में सबसे महत्वपूर्ण संरक्षित क्षेत्रों में से एक है। पन्ना टाइगर रिजर्व एक आई.बी.ए. साईट होने के साथ-साथ, मध्य प्रदेश का तीसरा बायोस्फीयर रिजर्व भी है। जिसे यूनेस्कों के वर्ल्ड नेटवर्क ऑफ बायोस्फीयर रिजर्व में शामिल किया गया है। लगभग 1600 वर्ग कि.मी. में फैले हुए इस रिजर्व में व्यापक पठारों, घाटियों और घास के मैदानों के साथ साथ पार्क से होकर बहने वाली केन नदी है जो विविध प्रकार के पक्षियों को अनुकूल आवास स्थल प्रदान करते हैं।

पन्ना गिद्धों की अच्छी संख्या और उनके संरक्षण के लिए पूरे देश में एक विशिष्ट स्थान रखता है। गिद्धों के लिए किये गए सफल सर्वेक्षणों के पश्चात पार्क में पाए जाने वाले पक्षियों के बारे में और अधिक जानने के लिए पन्ना टाइगर रिजर्व द्वारा पहला पक्षी सर्वेक्षण 04 मार्च से लेकर 06 मार्च तक आयोजित किया गया। यह पक्षी सर्वेक्षण मुख्य वन्यप्राणी अभिरक्षक म.प्र. के मार्गदर्शन एवं म.प्र. जैव विविधता बोर्ड के सहयोग से सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। इस सर्वेक्षण में भाग लेने के लिए देश के 22 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से लगभग 450 आवेदन प्राप्त हुए थे। जिसमें से 60 बर्डवॉचर्स का चुनाव कर उनकी 28 टीमें बनाई गई। इन प्रत्येक टीम के साथ पार्क गॉइड भी थे। पार्क प्रबंधन द्वारा इन सभी गाइडों को दूरबीन और पक्षी पुस्तक भेंट कर इनका मनोबल बढ़ाया गया। इन टीमों ने पन्ना टाइगर रिजर्व की सभी रेंजो के अलग-अलग कैम्पों में रहकर वन क्षेत्र, झाड़-झंखाड़ वाले क्षेत्र, घास के मैदान, नदी इत्यादि विभिन्न प्रकार के आवास स्थलों में पाए जाने वाले पक्षियों को डॉक्यूमेंट किया।

इस सर्वेक्षण में पक्षियों का डॉक्यूमेंटेशन ईबर्ड एप पर किया गया। सर्वेक्षण में 247 प्रजातियों के पक्षी मिले, जिनमें से 21 प्रजतियाँ आईयुसीएन की संकटग्रस्त प्रजातियों की सूची में शामिल है। मध्य प्रदेश में पाए जाने वाले सभी 7 प्रजातियों के गिद्ध अच्छी संख्या में पाए गए। इनके अलावा कुछ दुर्लभ प्रजातियों के पक्षी भी मिले हैं। जैसे व्हाइट-टेल्ड आयोरा सफेद पूंछ वाला लोरा (मार्शल आयोरा), ओरिएण्टल पाइड-हार्नबिल ओरिएंटल चितकबरा और हॉर्नबिल, स्ट्राइटेड ग्रासबर्ड धारीदार ग्रासबर्ड, टाइटलर्स लीफ वार्बलर टाइटलर का पत्ता वार्बलर, ब्लैक-विंगड कुक्कूश्राइक काले और पंखों वाला कुक्कूश्रीके, ब्लैक-नेक्ड स्टॉर्क काले और गर्दन वाले सारस इत्यादि। व्हाइट टेल्ड आयोरा का मध्य प्रदेश से ईबर्ड पर यह पहला रिकॉर्ड है। ओरिएण्टल पाइड हार्नबिल पक्षी का भी मध्य प्रदेश में सिर्फ पन्ना से ही रिकॉर्ड है। स्ट्राइटेड ग्रासबर्ड जो बहुत दुर्लभ है, यहाँ केन नदी के अलग-अलग हिस्सों में अच्छी संख्या में देखी गयी, जिससे यह पता चलता है की यह नदी का पर्यावास इनके लिए कितना अनुकूल है। बाघों के साथ साथ अब पन्ना पक्षियों के लिए भी पहचाना जाएगा।

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