क्या काम कर रहा है बिजली महकमा, अब किसानों को बताएंगे
क्या काम कर रहा है बिजली महकमा, अब किसानों को बताएंगे Raj Express

Big News: गांव में क्या काम कर रहा है बिजली महकमा, अब किसानों को बताएंगे

MP Electricity Company: मप्र देश के उन राज्यों में शुमार है, जहां बिजली सरप्लस है और अब तो बारिश के सीजन में मप्र देश के दूसरे राज्यों को भी बिजली बेचने की स्थिति में है।
Published on

भोपाल। जैसे- जैसे विधानसभा चुनाव की घड़ी नजदीक आ रही है। राज्य सरकार लोगों की शिकवा-शिकायतों को दूर करने के लिए लगातार कोशिश कर रही है। शिकायतों और समस्याओं के निराकरण के लिए राज्य सरकार पहले ही दो दौर का अभियान चला चुकी है। इस बीच सरकार अब गांवों में लोगों को साधने और उनकी शिकायतों को दूर करने के लिए एक और कवायद करने जा रही है। अब बिजली कंपनियों के नुमाइंदे गांवों में बताएंगे कि उनके गांव मे महकमा बिजली व्यवस्था में सुधार के लिए क्या काम कर रहा है।

दरअसल बिजली ऐसा विषय है, जिससे कोई भी अछूता नहीं है। यदि बिजली गुल हो जाए तो फिर इसका कोपभाजन सीधे सरकार को ही बनना पड़ता है, फिर भला ही इसके लिए बिजली महकमे का मैदानी अमला ही क्यों न जिम्मेदार हो? कई बार मैदान अमले की लापरवाही का खामियाजा भी सरकार को भुगतना पड़ता है। यदि गांवों में लोकल फॉल्ट या लाइन से सप्लाई बाधित हो जाए तो सीधे प्रदेश में इसे बिजली संकट से जोड़ दिया जाता है, जबकि प्रदेश में बिजली की उपलब्धता की कोई दिक्कत नहीं है।

मप्र देश के उन राज्यों में शुमार है, जहां बिजली सरप्लस है और अब तो बारिश के सीजन में मप्र देश के दूसरे राज्यों को भी बिजली बेचने की स्थिति में है। चुनाव से पहले 13 हजार करोड़ के काम प्रदेश में नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले ग्रामीण क्षेत्रों और विशेष रूप से कृषि फीडर में बेहतर बिजली आपूर्ति के लिए राज्य सरकार ने 13 हजार करोड़ रुपए का काम शुरू कर दिया है। ये काम तीनों बिजली वितरण कंपनियों के माध्यम से शुरू कराए जा रहे हैं। सरकार की कोशिश है कि नवंबर तक प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति की व्यवस्था पूरी तरह चुस्त-दुरुस्त हो जाए। मैदानी अमले की जवाबदेही तय होगी प्रदेश में रबी का सीजन अक्टूबर से शुरू होगा। ये वही समय होगा जब प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव आचार संहिता लागू हो जाएगी। इसी समय से प्रदेश में बिजली की मांग में तेजी से बढ़ोतरी होती है,क्योंकि प्रदेश में रबी के पलेवा के लिए जमकर पंप चलने लगते हैं।

ऐसे में यदि ट्रांसफार्मर जल जाए तो फिर किसानों की नाराजगी बढ़ जाती है। इसलिए अब सरकार नई व्यवस्था तय कर रही है, जिसके तहत 24 घंटे के भीतर जले हुए ट्रांसफार्मर बदल दिए जाएंगे। यदि इस अवधि तक नहीं बदले गए तो इसके लिए संबंधित जूनियर इंजीनियर और मैदानी अमला जवाबदेह होगा, जिसके खिलाफ कार्रवाई की जा सकेगी। लोड बढ़ाने का भी होगा यदि किसी फीडर में ट्रांसफार्मरों पर लोड ज्यादा है, तो फिर ऐसे फीडर की पहचान कर वहां के ट्रांसफार्मरों का लोड बढ़ाने का काम अब प्राथमिकता से शुरू किया जाएगा, जिससे कि लोड बढऩे के कारण ट्रांसफार्मर जलने की घटनाएं कम से कम हो।

ऊर्जा विभाग ने जो तैयारी की है उसके मुताबिक अब इसे अभियान के रूप में शुरू किया जाएगा। गांव में लोगों को सूचना देना भी जरुरी होगा अब यदि बिजली महकमे का मैदानी अमला ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली वितरण की व्यवस्था को बेहतर करने के लिए कोइ्र काम शुरू करता है तो इसकी बाकायदा जानकारी वे ग्रामीणों को देंगे। वे बताएंगे कि ये काम पूरा होने से उन्हें क्या फायदा होगा। गांव में किसानों को ये जानकारी देना अनिवार्य किया जा रहा है। इसी तरह ट्रांसफार्मर बदले जाने की सूचना भी देंगे कि वे कब आकर ट्रांसफार्मर बदल देंगे या फिर ट्रांसफार्मर का लोड कब तक बढ़ा देंगे।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.com