BIG NEWS: फिल्म कागज़ के "भरत लाल" बन गए गुनहेरु गांव के कई किसान, जिंदा होने का सबूत देने की चुनौती
हाइलाइट्स :
सरकारी रिकॉर्ड में किसानों को मृतक घोषित कर दिया ।
किसान प्रधानमंत्री सम्मान निधि का लाभ लेने चाहते हैं।
किसानों को स्वयं को ज़िंदा साबित करना होगा।
मुंगावली,मध्यप्रदेश । अशोकनगर नगर जिला के मुंगावली इलाके के गुनहेरु गांव के किसान कागज़ फिल्म के रील किरदार भरत लाल बन गए हैं, उन्हें आपने जिंदा होने का सबूत (कागज़ ) देना होगा। सरकारी रिकॉर्ड में इन किसानों को मृतक घोषित कर दिया गया है, जबकि यह ज़िंदा हैं। सरकारी रिकॉर्ड में मृतक किसान प्रधानमंत्री सम्मान निधि का लाभ लेने चाहते है, लेकिन पहले उन्हें स्वयं को ज़िंदा साबित करना होगा।
जानकारी के अनुसार गुनहेरु ग्राम में कुछ किसान प्रधानमंत्री सम्मान निधि प्राप्त करने के लिए भटक रहे हैं, जिम्मेदारों ने ग्राम के कुछ किसानों को कागजों में मृत घोषित कर दिया है जिससे उन किसानों की सम्मान निधि महीनों से नहीं मिल रही है। ऐसा नही है कि यह मामला सिर्फ गुनहेरु ग्राम के ही किसानों का हो...। कई और ग्रामों के किसान भी हैं जिनको जिम्मेदारों द्वारा कागजों में मृत घोषित कर दिया जिससे उनकी भी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि बंद हो गई। किसान सम्मान निधि की राशि प्राप्त करने के लिए सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हैं ।
अन्य योजनाओं में भी गड़बड़ी :
मुंगावली में कई ग्राम पंचायत ऐसी है जिनमें जिम्मेदारों द्वारा जिंदा लोगो को ही कागजों में मुर्दा बता दिया जिससे शासन से मिलने वाली योजनाओं का लाभ बंद हो गया है जिससे वह जिंदा होकर भी खुद को कागजों में जिंदा साबित करने परेशान हो रहे है।
इनका कहना है:
इस तरह के मामले सामने आते है तो जांच की जाएगी और संबंधित दोषियों पर उचित कार्यवाही होगी।
सुभाष कुमार द्विवेदी, कलेक्टर अशोकनगर
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