भोपाल पुलिस का जज्बा, फर्ज के आगे छोटी है परिवार की चिंता,

भोपाल, मध्य प्रदेश: 15 घंटे ड्यूटी,पांच घंटे की नींद, एक सप्ताह से परिवार को देखे बगैर फर्ज निभा रही भोपाल पुलिस।
भोपाल पुलिस का जज्बा, फर्ज के आगे छोटी है परिवार की चिंता,
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राजएक्सप्रेस। किसी एक पक्ष की शिकायत पर एफआईआर लिखना, दूसरे पक्ष को गिरफ्तार करने से सजा दिलाने तक कई बार पुलिस को आलोचना का शिकार होना पड़ता है। काम के दौरान पुलिसकर्मियों पर भ्रष्टाचार के आरोप भी आम बात है। हालांकि विश्व की सबसे बड़ी महामारी के चलते संकट की इस घड़ी में पुलिस का सबसे बड़ा मानवीय चेहरा भी सामने आया है। लॉक डाउन का सख्ती से पालन कराने शहर के लिए अधिकतर थाना प्रभारी बीते करीब 6-7 दिनों से अपने घर नहीं जा रहे हैं। 12 से 15 घंटे तक की ड्यूटी कर रहे हैं। गरीब बेसहारा लोगों का पेट भराने का काम भी पुलिसकर्मी कर रहे हैं। महज चार से पांच घंटे की नींद ले रहे हैं। बावजूद इसके शहर के कई थाना क्षेत्रों में बेशर्म आवाम सड़कों पर तफरी करने से बाज नहीं आ रही।

भोपाल पुलिस के थाना प्रभारियों का सबसे बड़ा मकसद है सड़कों पर किसी हाल भीड़ न लग पाए। जिससे आप तथा आपका परिवार सुरक्षित रहे। अपने इस फर्ज को निभाने इन कॉप्स ने अपने परिवार से दूरी बना ली। क्योंकि यह दूरी बनाना इनकी मज़बूरी बन चुका है। हर रोज़ यह पुलिसकर्मी सैकड़ों लोगों के संपर्क में आते हैं। ऐसे में इन्हें कोरोना संक्रमण का खतरा अधिक बना रहता है। इस हालत में परिवार से करीबी इनके लिए मुश्किल का सबब बन सकती है। यही वजह है कि कई थाना प्रभारी घर जाने से ही बचने लगे हैं। जो भी रहे हैं तो सुरक्षा का पूरा ख्याल रख रहे हैं। एमपी नगर थाना प्रभारी अनिल रायल ने घर के स्टोर रूम को अपने रहने के लिए तैयार किया है। घर जाने से पूर्व वह पत्नी को कॉल कर वहां खाना रख देने को कहते हैं। इसी रूम में स्वयं की वर्दी को धोते और नहाते हैं। थाना और फील्ड में भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं। राजधानी के सभी थाना प्रभारी इन दिनों रात दो बजे तक ड्यिूटी कर रहे हैं। सुबह सात बजे दोबारा नौकरी शुरू कर देते हैं।

बहन के घर खा रहे खाना :

अशोका गार्डन थाना टीआई सुधेश तिवारी इन दिनों 6 नंबर स्टॉप पर रहने वाली बहन के घर खाना खा रहे हैं। वजह यह है कि उनके घर में एक गार्डन है, बाहर ही एक स्टोर रूम है। जहां यह फ्रेश होने के बाद डिनर और लंच कर लिया करते हैं। एक खिड़की से उनकी बहन खाने की थाली बाहर रख देती हैं। टीआई का स्वयं का फ्लैट है। जहां ऐसी कोई जगह नहीं है जिससे वह खुद को परिजनों से अलग-थलग कर सकें। खाने के अलावा टीआई तिवारी थाने में ही रह रहे हैं। बीती 24 मार्च के बाद से वह घर नहीं लौटे हैं।

बेखौफ होकर करा रहे गरीबों को खाना वितरित :

छोला मंदिर थाना टीआई आशीष भट्टाचार्य बीते सात दिनों में दो ही बार घर जा सके हैं। हालांकि तुलसी नगर स्थित घर में उन्होंने सभी सर्वेंट को छुट्टी दे रखी है। उनके पास चार वर्दी हैं। घर जाते ही सबसे पहले स्वयं की वर्दियों को धोते हैं। बाहर आंगन में बने एक अलग कमरे में ही खाना खाते हैं। बच्चों और पत्नी से दूरी से बात करते हैं। इसी के साथ थाना क्षेत्र में हर रोज़ गरीबों को पूरी जिम्मेदारी के साथ खाना बंटवा रहे हैं। थाने में भी फील्ड से आते ही चेम्बर में बने वाशरूम में हाथ मुंह को अच्छे से धोने के बाद वर्दी को बदल लेते हैं।

सात दिन से नहीं छोड़ा थाना क्षेत्र :

टीला जमालपुरा थाना टीआई आरएस रहगर बीते सात दिनों से घर ही नहीं गए हैं। थाने में ही एक छोटा विश्राम कक्ष उन्होंने बना रखा है। वहीं उन्होंने खाने पीने से लेकर नहाने तक के तमाम इंतजाम कर रखे हैं। दिन में दो बार वर्दी बदलते हैं। तीन वर्दी थाने में रखी हैं। दो वर्दियों को सुबह धो देते हैं। जबकि एक पहनते हैं। शाम के समय धुली हुई एक वर्दी दोबारा इस्तमाल में लेते हैं। जबकि उतारी वर्दी को तत्काल धो देते हैं। घर दूर होने के कारण उन्हें खाने की खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा रहा है। थाना क्षेत्र में ही रहने वाला स्टॉफ उनके लिए घर का पका खाना ले आते हैं। परिजनों से सिर्फ फोन पर ही संपर्क में रहते हैं।

6 दिनों से नहीं दिया बच्चों को वक्त :

कोहेफिजा थाना टीआई सुधीर अरजरिया देर रात करीब डेढ़ से दो बजे के बीच नहरू नगर में स्थित अपने निवास पहुंचते हैं। जहां पत्नी देर रात घर में बने अलग कमरे में उन्हें खाना परोसती है। दूसरे थाना प्रभारियों की तरह यह भी जूते पालिश से लेकर ड्रेस धोने तक का काम खुद कर रहे हैं। जब वह घर पहुंचते हैं तो बच्चे सो चुकते हैं। अल सुबह घर से निकलते हैं, तब भी बच्चे सो रहे होते हैं। बीते 6 दिनों से वह बच्चों को बिलकुल समय नहीं दे पा रहे हैं। वहीं थाना क्षेत्र में रहने वाले कई गरीबों को प्रति दिन खाना बांटने का काम भी कर रहे हैं।

चार से पांच घंटे ही सोने के लिए :

तलैया थाना प्रभारी डीपी सिंह शहर के सबसे संवेदनशील थाने के प्रभारी हैं। यही वजह है कि यह बीते चार दिनों से थाने में बने एक कक्ष में ही रह रहे हैं। रात दो से ढाई बजे तक क्षेत्र में ही समय देते हैं। इन दिनों थाना ही इनका घर है, यहीं इनके तमाम काम हो रहे हैं। लोगों को लॉक डाउन का पालन कराने क्षेत्र में पुलिस गाने गाकर जागरुक कर रही हैं। इसी प्रकार पिपलानी थाने के टीआई चेन सिंह रघुवंशी भी थाने में ही बीते तीन दिनों से पूरी तहर से थाने में ही रह रहे हैं। इनके भी तमाम काम यहीं से हो रहे हैं। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों डीजीपी विवेक जोहरी ने प्रदेश के सभी थाना प्रभारियों को थाना क्षेत्र न छोड़ने के आदेश दिए थे।

यह भी आ रही दिक्कत :

शहर के कई थाना प्रभारियों और पुलिस कर्मचारियों के पास में बहुत अधिक वर्दी नहीं हैं। जिससे एक ही वर्दी में लगातार ड्यिूटी करने से ड्रेस में वायरस होने का खतरा अधिक रहता है। ऐसे में यह पुलिस जवान चाहते हैं कि इन्हे सिविल में भी नौकरी करने की छूट होनी चाहिए। पहचान के लिए गले में आई कार्ड होना अनिवार्य किया जा सकता है।

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