भोपाल, मध्यप्रदेश। आधिकारिक जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय केबिनेट द्वारा केन-बेतवा नदियों को आपस में जोड़ने की परियोजना को मंजूरी दे दी गई है। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने इस परियोजना को मंजूरी देने के साथ ही योजना के लिए वर्ष 2020-21 की कीमतों के आधार पर 44 हजार 605 करोड़ रूपये की राशि स्वीकृत करते हुए परियोजना को पूर्ण करने का समय भी निर्धारित किया है।
इस परियोजना से उत्तरप्रदेश एवं मध्यप्रदेश की लगभग 12 लाख हेक्टेयर सूखी भूमि को सिंचाई सुविधा का लाभ मिलेगा। इसके साथ ही मध्यप्रदेश के रायसेन, विदिशा, सागर, दमोह, छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ़, शिवपुरी एवं दतिया तथा उत्तरप्रदेश के बांदा, महोबा, झाँसी और ललितपुर जिलों को सिंचाई के अतिरिक्त पेयजल का लाभ मिल सकेगा।
इस संबंध में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि परियोजना बुंदेलखंड की जीवनरेखा बनेगी। इससे मध्यप्रदेश के बुंदेलखण्ड क्षेत्र के 9 जिलों में 8 लाख 11 हजार हेक्टेयर असिंचित क्षेत्र में सिंचाई का लाभ मिलेगा। लगभग 42 लाख लोगों को पेयजल की सुगम उपलब्धता होगी। बुंदेलखण्ड की धरती अत्यंत उपजाऊ है, जो जल के अभाव में सूखे का शिकार होती रही। यह पानी बुंदेलखण्ड की जनता की तकदीर और तस्वीर बदल देगा। श्री चौहान ने प्रधानमंत्री श्री मोदी का आभार मानते हुए कहा कि उनके विजन और मिशन के परिणामस्वरूप ही परियोजना पूर्णता की ओर बढ़ रही है।
केन और बेतवा दोनो नदियों का उद्गम स्थल मध्यप्रदेश से प्रारंभ होता है। केन नदी मध्यप्रदेश के जबलपुर की कैमूर पहाड़ियों से निकलकर 427 किलोमीटर का सफर तय करने के बाद उत्तरप्रदेश के बांदा जिले में यमुना नदी में समाहित हो जाती है। बेतवा नदी भी मध्यप्रदेश के रायसेन जिले से निकलकर 576 किलोमीटर की दूरी तय कर उत्तरप्रदेश के हमीरपुर जिले में यमुना नदी से मिल जाती है। देश में नदियों को आपस में जोड़ने के 30 लिंक चिन्हित किये गये हैं। इनमें से सर्वप्रथम केन-बेतवा लिंक परियोजना का क्रियान्वयन आरंभ हो रहा है।
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