मध्यप्रदेश: छात्रों को मानसिक प्रताड़ना देने पर शिक्षक पाएंगे सजा
राज एक्सप्रेस। स्कूल में शिक्षक बच्चों से गुस्से में ऐसे शब्दों का उपयोग करते हैं कि जो बच्चों के लिए अपमानजनक होते हैं। लेकिन अब किसी भी स्टूडेंट्स के लिए गधा, मूर्ख, फिसड्डी और नालायक जैसे शब्दों का प्रयोग नहीं कर सकेंगे, इसे प्रताड़ना माना जाएगा। बाल आयोग ने भोपाल के 271 स्कूलों के बच्चों से उन्हें होने वाले तनाव के संबंध में चर्चा की तो खुलासा हुआ, टीचर द्वारा किया तुलनात्मक व्यवहार और परीक्षा के समय सबसे ज्यादा तनाव होता है।
इस तरह के शब्दों का उपयोग करना विद्यार्थी को प्रताड़ित करना माना जाएगा।
मध्य प्रदेश के बाल आयोग के अनुसार
बच्चों को तनाव से बचाने के लिए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग और मध्य प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने काउंसलर्स की मदद से स्ट्रेस मैनेजमेंट प्रोग्राम तैयार किया है। इसमें प्रिंसिपल, टीचर और ब्लाक अधिकारियों को प्रशिक्षण देकर मास्टर ट्रेनर बनाया जाएगा। यह प्रशिक्षण कार्यशाला रीजनल इंस्टीट्यूट में तीन फरवरी को आयोजित की जा रही है। मास्टर ट्रेनर को तैयार करने के बाद आयोग प्रदेश के सभी स्कूलों की मॉनीटरिंग संकुल प्राचार्यों की मदद से करेगा।
बाल आयोग के सदस्य ब्रजेश चौहान ने बताया :
टीचर के लिए जो बातें छोटी या सामान्य होती हैं वे बच्चों के लिए बड़ी होती हैं। जब बच्चों से पूछो कि उन्हें सबसे ज्यादा बुरा कब लगता है तो बच्चों ने बताया कि जब टीचर सबके सामने डांटतीं हैं तब सब से ज्यादा बुरा लगता है। खासतौर पर माता-पिता के सामने बुराई करके हमें गधा, मूर्ख फिसड्डी या नालायक कहते हैं। वहीं दूसरे बच्चों से तुलना करते हैं।
उन्होंने बताया कि अगर कोई शिक्षक, छात्रों से इस तरह की भाषा का उपयोग करता है तो जांच के बाद उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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