Bhopal : परंपराओं पर चलने वाले बरकतउल्ला विवि में बदलेगी व्यवस्था
भोपाल, मध्यप्रदेश। बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में होने वाले कर्मचारी चुनाव में इस साल से सालों पुरानी परंपरा टूट सकती है। इसके लिए विश्वविद्यालय की ओर से एसोसिएशन के पदाधिकारियों को एक पत्र जारी किया जा रहा है, जिसके अनुसार यूनियन के चुनाव के लिए उन्हें निर्वाचन अधिकारी व इससे संबंधित अन्य गतिविधियों का संचालन व क्रियान्वयन यूनियन को स्वयं ही करना होगा, क्योंकि नियमों की बात करें तो ऐसा कहीं नियम नहीं है कि विवि द्वारा चुनाव अधिकारी नियुक्त करने के साथ ही चुनाव प्रक्रिया में सहभागिता निभाई जाए। लेकिन पुरानी परंपरा के अनुसार कुछ दिन पहले ही विवि की ओर से चुनाव अधिकारी नियुक्त कर दिए गए हैं। अब राज एक्सप्रेस द्वारा यह प्रश्न उठाए जाने पर कि विवि किन नियमों के तहत चुनाव में भूमिका निभाता है, विवि के पास संतोषजनक जवाब नहीं था।
विवि के अधिकारियों और स्वयं कर्मचारी संघ के अधिकारियों ने कहा कि ऐसा नियम तो कहीं नहीं है, लेकिन बीते कई सालों से यही परंपरा चल रही है। विवि के अधिकारियों ने इतना जरूर कहा कि विवि द्वारा पूर्व में जारी पत्र को निरस्त कर दिया जाएगा और यूनियन को स्वयं सारी चुनाव प्रक्रिया करने को कहा जाएगा। ऐसा होने से सालों से बिना नियम केचलने वाली इस परंपरा पर ब्रेक लगेगा।
बीयू में परंपरानुसार इस साल भी ऐसा ही हुआ। पिछले महीने कर्मचारी संघ द्वारा चुनाव कराए जाने की मांग के बाद विवि के प्रभारी कुलसचिव शैलेन्द्र कुमार जैन ने परंपरा का निर्वाहन करते हुए विवि की ओर से उल्लास कुलकर्णी और सहायक निर्वाचन अधिकारी सीताराम द्विवेदी को निर्वाचन अधिकारी नियुक्त किया। जिनके द्वारा 17 व 18 फरवरी को चुनाव की तारीख घोषित की गई, लेकिन कुछ कर्मचारी उक्त तिथि पर चुनाव नहीं कराना चाहते थे । वहीं कुछ सीताराम द्विवेदी को प्रक्रिया में शामिल करने का विरोध कर रहे थे। सोमवार को विवि के रजिस्ट्रार ने इस मामले में सभी कर्मचारियों को मत लेते हुए चुनाव स्थगित कर दिए। मामले में प्रश्न उठने पर प्रबंधन ने माना है कि यह विवि के नियमों में नही है लेकिन परंपरा अनुसार अब तक यह किया जा रहा था। अब चुनाव अधिकारी नियुक्ति पत्र निरस्त कर यूनियन से कहा जाएगा कि वे खुद ही चुनाव का संचालन करें।
स्व संचालित संगठन के चुनाव में विवि का क्या रोल :
बीते कई सालों से बीयू सहित अनेकों विवि में यह परंपरा बन चुकी है, यहां कर्मचारियों द्वारा संचालित संघ के चुनाव के लिए चुनाव अधिकारी विवि प्रबंधन द्वारा नियुक्त कराए जाते हैं, जो चुनाव प्रक्रिया में अहम भूमिका निभाते हैं। हालांकि नियमानुसार इस प्रक्रिया में विवि को रोल है ही नहीं क्योंकि कर्मचार संघ कर्मचारियों द्वारा स्व संचालित होने वाली संगठन है। इसलिए विवि की युनियन चुनाव में किसी भी प्रकार से सहभागिता पर ही प्रश्र चिन्ह है।
क्या है परंपरा :
बीयू में अब तक कर्मचारियों द्वारा स्व संचालित एसोसिएशन के चुनाव के लिए विवि की ओर से चुनाव अधिकारी बनाए जाते हैं। जो स्थापना विभाग से प्रत्याशियों को सभी कर्मचारियों की सूची उपलब्ध कराते हैं। यही अधिकारी चुनाव की तारीख निर्धारित करते हैं। जिसके अनुसार ही बहुत से कर्मचारी इस दिन अवकाश का आवेदन करते हैं। जिसके बाद उक्त अधिकारियों के संरक्षण में चुनाव होता है। यदि उम्मीदवारों को प्रक्रिया के दौरान कोई समस्या होती है तो यही अधिकारी मामले को सुलझाते हैं।
परंपरा में बदलाव की संभावना :
अब निजी संगठन के चुनाव में विवि की सहभागिता पर प्रश्न उठने पर परंपरा में बदलाव की संभावना है। विषय के ज्ञाता बताते हैं कि बीयू में ऐसा होता है तो भविष्य में अन्य विवि भी इस तरह का फैसला ले सकते हैं।
इनका कहना है :
विवि के बायलॉज में ऐसा नियम तो नहीं है, लेकिन सालों से ऐसा होता आ रहा है। कर्मचारी संघ विवि को प्रक्रिया में शामिल कर चुनाव कराता है।
हुडल सिंह, उपाध्यक्ष कर्मचारी संघ, बीयू
नियम तो नहीं है, लेकिन परंपरा अनुसार सालों से यही हो रहा है। विवि ने परंपरा अनुसार ही पत्र जारी कर कर्मचारी संघ चुनाव के लिए अधिकारी नियुक्त किए हैं। लेकिन नियम नहीं है इसलिए विवि अब नियुक्ति को निरस्त करेगा, यूनियन को खुद सारी प्रक्रिया का संचालन करने के लिए कहेगा।
अरूण सिंह चौहान, कुलसचिव बीयू
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