भोपाल, मध्यप्रदेश। मध्यप्रदेश में अब महिलाओं को भी वाहन चलाते समय हेलमेट पहनना अनिवार्य होगा। प्रदेश सरकार ने महिलाओं को हेलमेट पहनने से दी छूट वापस ले ली है। शासन ने मध्यप्रदेश मोटरयान अधिनियम की उस धारा को ही खत्म कर दिया जिसके तहत हेलमेट पहनने से छूट दी जा रही थी। प्रदेश सरकार ने एक नया नोटिफिकेशन जारी किया है, जिसके अनुसार मध्यप्रदेश मोटरयान अधिनियम 1994 की धारा 213 को खत्म कर दिया गया है। इस धारा के तहत महिलाओं को वाहन चलाते समय हेलमेट पहनने से छूट प्रदान थी। इसके अलावा वाहन पर पीछे बैठने वाले 12 साल तक के बच्चों को भी हेलमेट से छूट दी गई थी। हालांकि अब महिलाओं को वाहन चलाते समय हेलमेट पहनना अनिवार्य होगा। वहीं पीछे की सीट पर बैठने वाले चार साल तक के बच्चों को ही हेलमेट पहनने से छूट मिलेगी।
एक छात्र ने जनहित याचिका लगाकर की थी मांग :
विशेषज्ञों के अनुसार केंद्रीय मोटरयान अधिनियम की धारा 138 के तहत दो पहिया वाहन चलाने और उसकी सवारी करने वाले हर व्यक्ति को हेलमेट पहनना अनिवार्य है। मध्यप्रदेश में इससे छूट मिली हुई थी। इसको लेकर काफी विरोध भी होता था। बीते दिनों भोपाल के एक छात्र ने इस संबंध में जनहित याचिका लगाकर महिलाओं के लिए दो पहिया वाहन चलाते समय हेलमेट लगाना अनिवार्य करने की मांग की थी। उसका तर्क था कि महिलाओं के लिए एक ओर जहां लाइसेंस मुफ्त है, वहीं हेलमेट अनिवार्य नहीं है। ऐसे में सड़क दुघर्टनाओं में महिलाओं की मौत के आंकड़े कम नहीं हो रहे हैं। इसके बाद सरकार ने कोर्ट में नियम में बदलाव करने के संबंध में सहमति दी थी।
अब महिलाओं के भी बनेंगे चालान :
ट्रैफिक पुलिस के अनुसार वर्ष 2020 में लाकडाउन के बाद भी नवंबर तक 60,607 चालान बनाए गए थे। इनमें से 15,176 चालान केवल हेमलेट नहीं पहनने के बने थे। अब तक महिलाओं को रोका नहीं जाता था, लेकिन अब नया आदेश आने पर महिलाओं के चालान भी बनाए जाएंगे।
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