अतिथि विद्वानों की भर्ती ने पकड़ा सियासती रंग: पटवारी का आया बयान
राज एक्सप्रेस। मध्यप्रदेश की राजधानी में अतिथि विद्वानों का मसला 72 दिनों से ऊपर हो जाने के बाद भी अब तक लगातार जारी है कमलनाथ सरकार द्वारा आश्वासन और नियमित कराए जाने की बात के बाद भी अतिथि विद्वान धरने पर बैठे हुए हैं। इन सबके बीच अतिथि विद्वानों के आंदोलन पर एक बार फिर कैबिनेट उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी का बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने पूर्व की बातों को दोहराते हुए अतिथि विद्वानों से धरना खत्म करने की बात कही है।
नई भर्तियों की दी जानकारी
इस संबंध में कैबिनेट मंत्री पटवारी ने पत्रकारों से वार्ता के दौरान बयान देते हुए कहा कि, अतिथि विद्वानों के लिए आज मौजूदा समय में साढ़े 1200 पदों पर भर्तियां जारी की जा रही हैं, एक-एक अतिथि विद्वानों को काम पर वापस रखा जाएगा, किसी भी रूप में बाहर नहीं किया जाएगा। जिसके लिए अतिथि विद्वानों की नियमितीकरण की मांग पर कार्रवाई के लिए कर्मचारी आयोग बनाया गया है जिसके तहत हल निकाला जा रहा है। सरकार में आते ही एक साथ सब कुछ संभव हो जाए यह मुमकिन नहीं है। किसी भी व्यवस्था को बनाकर व्यवस्थापन करने में वक्त लगता है।
महिला अतिथि विद्वानों के मुंडन पर कही बात
वहीं हाल ही में महिला अतिथि विद्वानों द्वारा मुंडन करवाने की घटना पर मंत्री ने कहा कि, अच्छे लोकतंत्र में सभी को अपने तरीके से विरोध करने की आजादी है। लेकिन कांग्रेस सरकार, पिछली बीजेपी सरकार की तरह नहीं जो धरने पर जाकर डंडे मारे, पुलिस को भेजें। इस संबंध में अतिथि विद्वानों से अपील है कि, वे निर्धारित प्रक्रिया के तहत चॉइस फिलिंग करें और कॉलेज में वापस लौट कर काम करें, अपने अधिकारों के लिए आंदोलन करना ठीक लेकिन उसे राजनैतिक रंग देना ठीक नहीं है।
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